Friday, May 03, 2024
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ऑनलाइन फॉर्म भरते वक्त कर दी थी छात्र ने गलती, अदालत ने IIT मुंबई को दिया अंतरिम प्रवेश देने का निर्देश

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को 18 वर्षीय छात्र को उस समय बड़ी राहत प्रदान की जब उसने आईआईटी, मुंबई (IIT Bombay) को इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में छात्र को अंतरिम प्रवेश देने का निर्देश दिया.

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 10, 2020 7:52 IST
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Image Source : GOOGLE The mistake was made while filling the online form, the court directed IIT Mumbai to grant interim entry

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को 18 वर्षीय छात्र को उस समय बड़ी राहत प्रदान की जब उसने आईआईटी, मुंबई (IIT Bombay) को इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में छात्र को अंतरिम प्रवेश देने का निर्देश दिया. इस छात्र ने गलती से ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया के गलत लिंक को क्लिक करने की वजह से अपनी सीट गंवा दी थी. आगरा निवासी सिद्धांत बत्रा ने आईआईटी,मुंबई में चार वर्षीय इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम की सीट गंवा दी थी, क्योंकि उसने गलती से ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया में गलत लिंक दबा दिया था. 

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति ऋषिकेष रॉय की पीठ ने इस छात्र की ओर से अधिवक्ता प्रह्लाद परंजपे के कथन का संज्ञान लिया और आईआईटी,मुंबई से कहा कि वह छात्र को अंतरिम प्रवेश प्रदान करे. पीठ ने इसके साथ ही इस याचिका पर आईआईटी , मुंबई को नोटिस जारी किया और यह याचिका शीतकालीन अवकाश के बीच सुनवाई के लिये सूचीबद्ध कर दी. मामले की सुनवाई के दौरान परंजपे ने कहा कि यह प्रवेश छात्र की याचिका पर शीर्ष अदालत के अंतिम निर्णय के दायरे में होगा.

इससे पहले, बंबई उच्च न्यायालय ने छात्र की याचिका खारिज करते हुये आईआईटी के इस तर्क का संज्ञान लिया था कि इस चरण में वह इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता, क्योंकि सारे पाठ्यक्रमों की सारी सीटें पूरी हो गयी हैं और वैसे भी प्रवेश के नियमों का पालन करना होगा. उसने कहा था कि अगले साल सिद्धांत बत्रा जेईई (एडवांस्ड) के लिये दुबारा आवेदन कर सकता था.

उच्च न्यायालय ने शुरू में आईआईटी को निर्देश दिया था कि वह सिद्धांत के प्रतिवेदन पर विचार करे और उस पर उचित व्यवस्था दे. सिद्धांत ने जेईई एडवांस्ड परीक्षा में अखिल भारतीय 270रैंक हासिल किया था. उसने अपनी याचिका में दावा किया कि उसने गलती से वह बटन क्लिक कर दिया, जिसका मतलब अपनी सीट से वापस हटना था जबकि उसका इरादा इस सीट को आरक्षित करना था.

सिद्धांत अपने माता पिता के निधन के बाद अपने दादा के पास रहता है और उसने याचिका में कहा है कि विषम परिस्थितियों में उसने आईआईटी जेईई परीक्षा उत्तीर्ण की है. याचिका के अनुसार सिद्धांत के पिता का उस समय निधन हो गया था, जब वह बच्चा था और उसकी मां ने ही उसे बड़ा किया लेकिन 2018 में उनका भी निधन हो गया.

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