Wednesday, April 24, 2024
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बिहार विधानसभा चुनाव: बीजेपी ने रूठे नेताओं को उनके हाल पर छोड़ा!

बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से अलग होकर चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा कर चुकी लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) नाराज भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेताओं के लिए नया ठिकाना बन गया है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 08, 2020 15:28 IST
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Image Source : PTI FILE NDA के नेता इस पर ज्यादा कुछ नहीं बोल रहे हैं, लेकिन वे इतना जरूर कह रहे हैं कि LJP का बिहार में आधार नहीं है।

पटना: बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से अलग होकर चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा कर चुकी लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) नाराज भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेताओं के लिए नया ठिकाना बन गया है। बीजेपी के लिए यह चिंता का सबब जरूर बना है, लेकिन पार्टी ने ऐसे नेताओं को उनके अपने हाल पर छोड़ दिया है। वैसे, NDA के नेता इस पर ज्यादा कुछ नहीं बोल रहे हैं, लेकिन वे इतना जरूर कह रहे हैं कि LJP का बिहार में आधार नहीं है।

रामेश्वर चौरसिया ने थामा LJP का हाथ

LJP के प्रमुख चिराग पासवान ऐसे तो JDU के प्रमुख नीतीश कुमार से नाराज होकर बिहार में उनके नेतृत्व में चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है, लेकिन इसका खमियाजा BJP को भी उठाना पड़ रहा है। टिकट नहीं मिलने से नाराज बीजेपी के कई दिग्गज एलजेपी का दामन थाम चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। रोहतास जिले के नोखा विधानसभा क्षेत्र जेडीयू के कोटे में जाने के बाद उस क्षेत्र से विधानसभा में कई बार प्रतिनिधित्व कर चुके बीजेपी के नेता रामेश्वर चौरसिया ने लोजपा का दामन थाम कर चुनावी मैदान में जाने का फैसला कर लिया है।

दिनारा के राजेंद्र सिंह भी LJP के साथ
इधर, दिनारा क्षेत्र के भी जेडीयू के हिस्से में जाने के बाद बीजेपी के दिग्गज नेता राजेंद्र सिंह एलजेपी का दामन थाम चुके हैं। बीजेपी की उपाध्यक्ष रहीं डॉक्टर उषा विद्यार्थी भी बुधवार को एलजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली। डॉ. विद्यार्थी के पटना जिले के पालीगंज विधानसभा क्षेत्र से एलजेपी की प्रत्याशी बनने के कयास लगाए जा रहे हैं। बीजेपी के राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र दुबे इस बारे में कहते हैं कि, ‘एलजेपी 'वोटकटवा' के अलावा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि NDA का कोई कार्यकर्ता एलजेपी के साथ नहीं जाएगा। उन्होंने माना कि कई लोग नाराज होकर इधर-उधर जाते हैं लेकिन बीजेपी ऐसी पार्टी है, जिसके कार्यकर्ता देर-सबेर इधर उधर कूद-फांदकर फिर लौट आते हैं।’

‘LJP का बिहार में कोई आधार नहीं है’
इधर, बीजेपी के प्रवक्ता अरविंद सिंह कहते हैं कि, ‘किसी भी व्यक्ति की अभिव्यक्ति की आजादी है। जिसे पार्टी से निष्ठा नहीं होगी, वे इधर-उधर जा सकते हैं। कोई कहीं जाता है, तो जाने वाले लोगों को कोई नहीं रोक सकता है। यह खुद सोचने की बात है।’ जेडीयू के नेता और सांसद सुनील कुमार पिंटू कहते हैं कि, ‘एलजेपी का बिहार में कोई आधार नहीं है। इसके पहले भी वह अकेले चुनाव लड़कर देख चुकी है। इस चुनाव में भी वही होना है।’

‘जिसे नीतीश का नेतृत्व पसंद नहीं, वह BJP के साथ नहीं’
इस बीच बिहार के चुनाव प्रभारी और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी बुधवार को स्पष्ट कहा था कि, ‘NDA के बाहर कोई भी किसी अन्य पार्टी से चुनाव लड़ेगा वो हमारा नहीं है। BJP स्पष्ट कर चुकी है कि जिसे भी बिहार में नीतीश कुमार का नेतृत्व पसंद नहीं है, वह BJP के साथ नहीं है।’ वैसे, सूत्र यह भी कहते हैं कि BJP के रणनीतिकार ऐसे नाराज नेताओं के संपर्क में हैं, देर सबेर इन्हें मना लिया जाएगा। पहले चरण में फिलहाल 71 सीटों पर चुनाव होना है। बिहार में पहले चरण की वोटिंग 28 अक्टूबर को होगी। दूसरे चरण में 3 नवंबर और तीसरे चरण में 7 नवंबर को मतदान होगा। चुनाव परिणाम 10 नवंबर को निकलेंगे।

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