बड़ा होने पर नितिन अपने नाम में पिता का नाम जोड़कर नितिन मुकेश हो गए। उन्होंने पिता की तरह कई फिल्मों के लिए गाया भी। उनके बेटे यानी मुकेश के पोते नील के नाम में पिता और दादा, दोनों के नाम जुड़े हैं। नील नितिन मुकेश लेकिन गाना नहीं गाते, वह आज बॉलीवुड के चर्चित अभिनेता हैं।
मुकेश की आवाज की खूबी को उनके एक दूर के रिश्तेदार मोतीलाल ने तब पहचाना, जब उन्होंने उन्हें अपनी बहन की शादी में गाते हुए सुना। मोतीलाल उन्हें बंबई ले गए और अपने घर में साथ रखा। मुकेश का सफर 1941 में शुरू हुआ। फिल्म 'निर्दोष' में मुकेश ने अदाकारी करने के साथ-साथ गाने भी खुद गाए। इसके अलावा, उन्होंने 'माशूका', 'आह', 'अनुराग' और 'दुल्हन' में भी बतौर अभिनेता काम किया।