Thursday, May 02, 2024
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Dvand Review: जब गांव में हुआ नाटक और भावनाओं का 'द्वंद'! जानिए कैसी है संजय मिश्रा और इश्तियाक खान की फिल्म

संजय मिश्रा और इश्तियाक खान की फिल्म आज सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है, इस फिल्म में एक बार फिर संजय मिश्रा ने यह साबित कर दिया है कि वह इमोशंस से बेहतरीन तरीके से खेल सकते हैं।

Ritu Tripathi Ritu Tripathi
Updated on: September 29, 2023 23:37 IST
Dvand The Internal Conflict Review
Photo: INDIA TV Dvand The Internal Conflict Review
  • फिल्म रिव्यू: द्वंद
  • स्टार रेटिंग: 3 / 5
  • पर्दे पर: सितंबर 29, 2023
  • डायरेक्टर: इश्तियाक खान
  • शैली: कॉमेडी ड्रामा

नई दिल्ली: संजय मिश्रा एक बार फिर अपनी दमदार एक्टिंग के साथ 'द्वंद द इंटरनल कॉन्फ्लिक्ट' लेकर दर्शकों के बीच वापस आ चुके हैं। आज यानी 29 सितंबर को यह फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। यह फिल्म शेक्सपियर के पॉपुलर नाटक 'ओथेलो' पर आधारित तो नहीं लेकिन इससे इंस्पायर एक कॉमिक टेक है। फिल्म को इश्तियाक खान ने लिखा और निर्देशित किया है। बेहतरीन एक्टर के तौर पर पहचान बनाने वाले इश्तियाक का सालों तक सिनेमा और थियेटर में काम का अनुभव इस फिल्म के हर सीन में नजर आ रहा है। 

फिल्म में संजय मिश्रा, विक्रम कोचर, विश्वनाथ चटर्जी, फैज़ खान, आशीष शुक्ला और धीरेंद्र द्विवेदी लीड किरदारों में नजर आ रहे हैं। डायरेक्टर व लेखक इश्तियाक खान ने भी इसमें एक जरूरी किरदार निभाया है। आइए जानते हैं कैसी है ये फिल्म...

कैसी है फिल्म की कहानी 

यह फिल्म गांव की पृष्ठभूमि पर रची गई है, जहां भोला (इश्तियाक खान) और उसके दोस्त एक्टिंग के शौकीन हैं और फिल्मों को देखकर उनमें ही पूरी तरह खो जाते हैं। होता कुछ यूं है कि फिल्म 'ओमकारा' देखने के बाद ये लोग पूरी तरह किरदारों में ही डूब जाते हैं। इसी उत्साह में सभी मिलकर एक नाटक करने की हिम्मत जुटाते हैं। जिसके बाद शहर से गुरूजी (संजय मिश्रा) को नाटक का निर्देशन करने का न्यौता दिया जाता है।  

इस खबर के बाद पूरा गांव में खुश होता है कि गांव में नाटक होने जा रहा है। लेकिन संकट यह है कि इस नाटक में एक्टिंग करने के लिए एक महिला एक्टर यानी हीरोइन भी चाहिए, लेकिन पूरे गांव में एक भी महिला नहीं है जिसे एक्टिंग आती हो। एक महिला रजिया ऐसी है भी लेकिन उसका पति सुलेमान नहीं चाहता कि उसकी बेगम मंच पर जाए। इस सबके बीच भोला के मन में गुरुजी के प्रति नाराजगी और द्वेष की भावना जागती है। तो भोला का ये नाटक हो पाएगा या नहीं? गुरुजी के खिलाफ भोला कैसी साजिश रचता है? यह जानने के लिए तो आपको फिल्म देखनी होगी।

कैसी है किसकी एक्टिंग

'द्वंद द इंटरनल कॉन्फ्लिक्ट' से पूरे समय दर्शक को बांधकर रखने का पूरा जिम्मा कमान संजय मिश्रा ने संभाला है। उन्होंने निर्देशक गुरू जी के किरदार को ऐसा निभाया है कि हर सीन देखकर समझ आता है कि क्यों संजय थियेटर की दुनिया में क्यों इतने फेमस हैं। वहीं फिल्म के निर्देशक इश्तियाक खान भी सिनेमा और एक्टिंग के लिए एक गांव के लड़के की दीवानगी को बेहतरीन अंदाज में पर्दे पर लाते हैं। विक्रम कोचर और विश्वनाथ चटर्जी ने भी कहीं यह अहसास नहीं होने दिया कि वह किसी गांव के रहने वाले नहीं हैं। 

कैसा है डायरेक्शन

इस फिल्म के निर्देशक इश्तियाक खान काफी लंबे समय से हर तरह की  फिल्मों का हिस्सा रह चुके हैं। उनका यह अनुभव उनके निर्देशन में साफ झलक रहा है। कहीं-कहीं फिल्म में यूं जरूर लगता है कि यह जबरन खींची गई है। लेकिन अगर आप रियलिस्टिक एक्टिंग और जमीन से जुड़े किरदारों को पसंद करते हैं तो आप इसे एंजॉय करेंगे। 

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