Thursday, March 28, 2024
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नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने कहा, भारत को अपने अधिक दूध उत्पादन के लिए विदेशों में बाजार तलाशना चाहिए

देश में दूध की दैनिक खपत वर्ष 1970 में प्रति व्यक्ति 107 ग्राम के निचले स्तर से बढ़कर वर्ष 2020-21 में 427 ग्राम प्रति व्यक्ति हो गई, जबकि वर्ष 2021 के दौरान विश्व औसत 322 ग्राम प्रतिदिन थी।

India TV News Desk Edited By: India TV News Desk
Published on: March 17, 2023 14:09 IST
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Image Source : PIXABAY REPRESENTATIONAL भारत हर साल दूध के उत्पादन में 6 फीसदी की दर से वृद्धि कर रहा है।

गांधीनगर: नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने कहा है कि भारत में हर साल दूध उत्पादन में 6 पर्सेंट की वृद्धि को देखते हुए देश को अपने दूध उत्पादन के लिए विदेशों में बाजार तलाशने की जरूरत है। इंडियन डेयरी एसोसिएशन (IDA) द्वारा गांधीनगर में आयोजित 49वें डेयरी उद्योग सम्मेलन और एक्सपो को संबोधित करते हुए चंद ने कहा कि विदेशों में सप्लाई चेन बनाने की जरूरत है, जिस तरह से देश में किया गया है। उन्होंने कहा, ‘एक समय हम अमेरिका की तुलना में कम दूध का उत्पादन कर रहे थे। आज हम अमेरिका के मुकाबले दोगुना दूध का उत्पादन करते हैं।’

‘दुग्ध उत्पादन की वृद्धि लगभग 6 प्रतिशत’

चंद ने कहा, ‘इससे पहले 1960 के दशक में हमारे दुग्ध उत्पादन की वृद्धि दर लगभग एक प्रतिशत थी, लेकिन अब यह 6 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1950-51 में देश में प्रति व्यक्ति दूध की खपत केवल 124 ग्राम प्रतिदिन थी और वर्ष 1970 तक यह आंकड़ा घटकर 107 ग्राम प्रतिदिन रह गया। देश में दूध की दैनिक खपत वर्ष 1970 में प्रति व्यक्ति 107 ग्राम के निचले स्तर से बढ़कर वर्ष 2020-21 में 427 ग्राम प्रति व्यक्ति हो गई, जबकि वर्ष 2021 के दौरान विश्व औसत 322 ग्राम प्रतिदिन थी।’

‘भारत में हर साल हो रहा 22 करोड़ टन दूध’
नीति आयोग के सदस्य ने कहा, ‘भारत हर साल 22 करोड़ टन से अधिक दूध का उत्पादन कर रहा है, इसलिए दूध के लिए बाजार खोजना बहुत महत्वपूर्ण है।’ उन्होंने कहा कि भारत को विदेशों में सप्लाई चेन बनानी चाहिए। चंद ने कहा कि भारतीय डेयरी और पशुपालन प्रति वर्ष कुल कृषि विकास में लगभग आधा योगदान दे रहे हैं। डेयरी उद्योग के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में चंद ने कहा कि प्रति पशु दूध उत्पादकता, नस्ल सुधार और डेयरी उद्योग में रसायनों का उपयोग दूध उद्योग के सामने आने वाली चुनौतियां हैं।

27 साल के बाद हो रहा है यह सम्मेलन
इस मौके पर केंद्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि भारत को दुनिया की डेयरी के रूप में उभरने के लिए नस्ल सुधार और पशु उत्पादकता बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। 27 साल के अंतराल के बाद गुजरात में हो रहा यह 3 दिन का सम्मेलन भारत और विदेशों के डेयरी विशेषज्ञों और पेशेवर, डेयरी सहकारी समितियां, दुग्ध उत्पादक, सरकारी अधिकारी, वैज्ञानिक, नीति निर्माताओं और योजनाकारों, शिक्षाविदों और अन्य हितधारकों को एक मंच पर लेकर आया है। सम्मेलन का विषय ‘दुनिया के लिए भारत डेयरी: अवसर और चुनौतियां’ है।

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