Wednesday, July 09, 2025
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Father's Day 2025: आपके पिता की उम्र भी है 40 से ज्यादा तो जरूर कराएं ये मेडिकल टेस्ट, दें अच्छी सेहत का तोहफा

40 की उम्र के बाद पुरुषों में कई तरह के शारीरिक बदलाव आते हैं, जिसके कारण कुछ स्वास्थ्य जोखिम बढ़ सकते हैं। इन जोखिमों को कम करने और स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखने के लिए ज़रूरी है कि समय समय पर टेस्ट कराएं जाएँ

Written By: Poonam Yadav @R154Poonam
Published : Jun 14, 2025 13:41 IST, Updated : Jun 14, 2025 13:44 IST
40 के बाद कौन सा टेस्ट करना चाहिए
Image Source : INDIA TV 40 के बाद कौन सा टेस्ट करना चाहिए

जैसे जैसे उम्र  बढ़ती है शरीर भी कमजोर होने लगता है। 40 की उम्र के बाद पुरुषों में कई तरह के शारीरिक बदलाव आते हैं, जिसके कारण कुछ स्वास्थ्य जोखिम बढ़ सकते हैं। इन जोखिमों को कम करने और स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखने के लिए ज़रूरी है कि समय समय पर टेस्ट कराएं जाएँ। ऐसे में इस फादर्स डे आप अपने पिता को कुछ ये मेडिकल टेस्ट तोहफे के रूप में दे सकते हैं। 

 ये मेडिकल टेस्ट ज़रूर कराएं 

  • ब्लड प्रेशर की जांच: उच्च रक्तचाप 40 की उम्र के बाद पुरुषों में एक आम समस्या है। इसके अक्सर कोई लक्षण नहीं दिखते, इसलिए इसे "साइलेंट किलर" भी कहा जाता है। अनियंत्रित उच्च रक्तचाप हृदय रोग, स्ट्रोक और किडनी फेलियर का कारण बन सकता है। नियमित जांच से इसे समय पर पहचान कर नियंत्रित किया जा सकता है।

  • ब्लड शुगर टेस्ट: बढ़ती उम्र के साथ मधुमेह का खतरा भी बढ़ जाता है। खराब जीवनशैली और खान-पान भी इसमें योगदान करते हैं। ब्लड शुगर टेस्ट (फास्टिंग ब्लड शुगर, पोस्ट-प्रांडियल और HbA1c) से डायबिटीज का पता लगाया जा सकता है, भले ही कोई लक्षण न हों। समय पर पहचान होने पर आहार और जीवनशैली में बदलाव कर इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

  • लिपिड प्रोफाइल टेस्ट: यह टेस्ट शरीर में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को मापता है। उच्च कोलेस्ट्रॉल हृदय रोग और स्ट्रोक के प्रमुख जोखिम कारकों में से एक है। 40 की उम्र के बाद, खासकर यदि परिवार में हृदय रोग का इतिहास रहा हो, तो इसकी नियमित जांच करवाना आवश्यक है।

  • प्रोस्टेट कैंसर स्क्रीनिंग: पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर का खतरा 40 की उम्र के बाद बढ़ने लगता है। इसके लिए पीएसए टेस्ट और डिजिटल रेक्टल परीक्षा जैसे टेस्ट किए जाते हैं। पीएसए एक रक्त परीक्षण है जो रक्त में प्रोस्टेट-स्पेसिफिक एंटीजन के स्तर को मापता है। इन जांचों से प्रोस्टेट कैंसर का शुरुआती अवस्था में पता लगाकर सफल इलाज की संभावना बढ़ जाती है।

  • किडनी फंक्शन टेस्ट और लिवर फंक्शन टेस्ट: ये टेस्ट किडनी और लिवर के कामकाज का आकलन करते हैं। बढ़ती उम्र के साथ इन अंगों के स्वास्थ्य की निगरानी करना महत्वपूर्ण हो जाता है। किडनी फंक्शन टेस्ट किडनी की कार्यप्रणाली को जांचता है, खासकर उन लोगों के लिए जो मधुमेह या उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं। लिवर फंक्शन टेस्ट लिवर में किसी भी बीमारी या असामान्यता का पता लगाने में मदद करता है।

Disclaimer: (इस आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं। सेहत से जुड़े किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने या किसी भी बीमारी से संबंधित कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।

 

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