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फेफड़ों की इस बीमारी से पीड़ित थे इसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस, जानिए इसके लक्षण और कारण

ईसाइयों के सबसे बड़े धर्म गुरु पोप फ्रांसिस का निधन हो गया है। उन्होंने 88 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। वह लंबे अरसे से फेफड़ों के संक्रमण से पीड़ित थे और उन्हें डबल निमोनिया भी हुआ था। ऐसे में चलिए जानते हैं कि डबल निमोनिया क्या है इसके लक्षण क्या हैं और यह क्यों होता है?

Written By: Poonam Yadav @R154Poonam
Published : Apr 21, 2025 14:10 IST, Updated : Apr 22, 2025 11:15 IST
ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का हुआ निधन
Image Source : SOCIAL ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का हुआ निधन

ईसाइयों के सबसे बड़े धर्म गुरु पोप फ्रांसिस का निधन हो गया है। उन्होंने 88 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। पोप फ्रांसिस रोम के जेमेली अस्पताल में भर्ती थे। वेटिकन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि "पोप फ्रांसिस का ईस्टर सोमवार, 21 अप्रैल, 2025 को 88 वर्ष की आयु में वेटिकन के कासा सांता मार्टा स्थित अपने निवास पर निधन हो गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक़, वह लंबे अरसे से फेफड़ों के संक्रमण से पीड़ित थे और उन्हें डबल निमोनिया भी (What Is Double Pneumonia) हुआ था। ऐसे में चलिए जानते हैं कि डबल निमोनिया के लक्षण क्या हैं और यह क्यों होता है? 

क्या है डबल निमोनिया?

डबल निमोनिया का मतलब है दोनों फेफड़ों में संक्रमण होना, जिसे मेडिकल भाषा में बायलेटरल निमोनिया कहा जाता है। यह एक गंभीर स्थिति है जो बच्चों और बुजुर्गों में ज्यादा देखने को मिलती है। स्वामी रामदेव के अनुसार जब फेफड़ों में कफ बनने लगे और वो निकले भी नहीं तो वह डबल निमोनिया कहलता है।

डबल निमोनिया के लक्षण:

डबल निमोनिया में तेज बुखार, लगातार खांसी, सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द और थकान जैसे लक्षण शामिल है। जब कोई व्यक्ति डबल निमोनिया से पीड़ित होता है, तो उसके शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम हो सकता है। साथ ही, व्यक्ति को हर दिन सांस लेने में परेशानी होती है और ज्यादातर समय थका हुआ महसूस होता है। वृद्ध व्यक्तियों में निमोनिया होने पर भ्रम की स्थिति भी पैदा हो जाती है। ऐसे में इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अगर किसी को इसके लक्षण दिखाई देते हैं, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

डबल निमोनिया के कारण:

डबल निमोनिया कई कारणों से हो सकता है, जिसमें मुख्य रूप से बैक्टीरिया, वायरस और फंगस का संक्रमण शामिल है। आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।

  • बैक्टीरियल संक्रमण: बैक्टीरियल संक्रमण दो प्रकार के बैक्टीरिया के कारण निमोनिया का कारण बन सकता है। इनमें स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया और माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया शामिल हैं। माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया, जिसे "वॉकिंग न्यूमोनिया" भी कहा जाता है, हल्के लेकिन लंबे समय तक चलने वाले निमोनिया का कारण बनता है।

  • वायरल संक्रमण: इन्फ्लूएंजा वायरस और राइनोवायरस को डबल निमोनिया का कारण माना जाता है। यह बुखार और फ्लू का कारण बन सकता है। इसके अलावा, कोरोनावायरस (जैसे COVID-19) भी डबल निमोनिया का कारण बन सकता है।

  • फंगल संक्रमण: फंगल निमोनिया कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों में अधिक आम है। हिस्टोप्लाज्मा और कैंडिडा जैसे कवक भी निमोनिया का कारण बन सकते हैं।

  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली: बुजुर्गों, बच्चों और गंभीर बीमारियों वाले लोगों में संक्रमण की संभावना अधिक होती है। इसके अलावा मधुमेह, हृदय रोग और कैंसर जैसी बीमारियों से भी निमोनिया का खतरा बढ़ सकता है।

  • धूम्रपान और प्रदूषण: धूम्रपान से फेफड़े कमजोर होते हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। वायु प्रदूषण में सांस लेने से फेफड़ों पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है।

 

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