Tuesday, December 30, 2025
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सामान्य श्रेणी में गरीबों के लिए दस फीसदी आरक्षण न्यायिक समीक्षा में सफल रहेगी : पासवान

केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार को कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को दस फीसदी आरक्षण देने के लिए संविधान संशोधन में पर्याप्त सावधानियां बरती हैं ताकि यह न्यायिक समीक्षा में सफल रहे।

Reported by: Bhasha
Published : Jan 11, 2019 09:13 pm IST, Updated : Jan 11, 2019 09:13 pm IST
Ramvilas Paswan- India TV Hindi
Ramvilas Paswan

पटना: केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार को कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को दस फीसदी आरक्षण देने के लिए संविधान संशोधन में पर्याप्त सावधानियां बरती हैं ताकि यह न्यायिक समीक्षा में सफल रहे। पासवान ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वी पी सिंह की सरकार ने जब ओबीसी को आरक्षण दिया, तो उस वक्त भी अगड़ी जातियों के गरीबों के लिए आरक्षण पर विचार किया गया था लेकिन तत्कालीन अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी का मानना था कि चूंकि संविधान में आर्थिक आधार पर आरक्षण की व्यवस्था नहीं है इसलिए यह बरकरार नहीं होगा। 

उन्होंने कहा कि नरिसंह राव की सरकार ने भी अधिसूचना के माध्यम से गरीबों को आरक्षण का लॉलीपाप देने देना चाहा जिसे खारिज कर दिया गया था। 

पासवान ने कहा कि चूंकि मोदी सरकार ने संविधान संशोधन के माध्यम से पर्याप्त सावधानी बरती है, इसलिए कांग्रेस और राजद जैसे विपक्षी दलों की नींद उड़ गई है। उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में उन्हें हकीकत का पता चलेगा। 

लोजपा प्रमुख ने कहा कि अगड़ी जाति के प्रधानमंत्री वी पी सिंह ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण दिया वहीं पिछड़ी जाति से आने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अगड़ी जाति के गरीबों के साथ न्याय किया है जो भारतीय समाज में सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है। 

पासवान ने कहा कि इसने (कांग्रेस) लोकसभा में विधेयक का समर्थन किया लेकिन आनंद शर्मा और कपिल सिब्बल जैसे नेताओं ने राज्यसभा में बेकार की आपत्तियां उठाई। उन्होंने कहा कि वह आरक्षण को नौवीं अनुसूची (संविधान के) में रखने का समर्थन करते हैं ताकि इससे जुड़े मुद्दों को अदालत में नहीं घसीटा जा सके। 

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