नई दिल्ली: दिल्ली का एक अदालत ने आज फेरा के उल्लंघन के मामले में समन की अनदेखी करने पर आज विजय माल्या के ख़िलाफ़ ग़ैर-ज़मानती वारंट जारी किया। अदालत ने कहा कि माल्या को देश के कायदे-कानून के प्रति कोई सम्मान नहीं है और उनका स्वदेश वापस लौटने का कोई ईरादा भी नहीं है।
अदालत ने कहा कि माल्या का यह दावा गलत और प्रक्रिया का दुरूपयोग करने वाला है कि वह भारत लौटना चाहते हैं लेकिन उनका पासपोर्ट निरस्त कर दिया गया है।
ग़ौरतलब है कि उद्योगपति विजय माल्या बैंकों का कर्ज लेकर देश से भागे हुए हैं। उन्होंने कहा था कि वह भारत लौटने के इच्छुक हैं, लेकिन वह ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि उनका पासपोर्ट जब्त है। इसके जवाब में सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना था कि माल्या नजदीकी भारतीय मिशन से संपर्क कर एक आपातकालीन प्रमाणपत्र ले सकते हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि कोई भारतीय नागरिक जो देश के बाहर है और जिसके पास किसी भी कारण से यात्रा का वैध दस्तावेज नहीं है तो उसे केवल नजदीकी भारतीय दूतावास या उच्चायोग से संपर्क करना और आपातकालीन प्रणामपत्र के लिए आवेदन करना होता है।