Thursday, May 02, 2024
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India TV Exclusive: कैसे 255 किलोमीटर की सड़क भारत और चीन के बीच बनी विवाद की जड़?

यह सड़क लद्दाख के दरबुक से लद्दाख के नॉर्थमोस्ट कॉर्नर के इलाके दौलत बेग ओल्डी सेक्टर तक जाती है। पिछले साल ही इस रोड को बनाने का का पूरा हुआ है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: June 16, 2020 23:52 IST
India TV Exclusive: कैसे 255 किलोमीटर की सड़क भारत और चीन के बीच बनी विवाद की जड़?- India TV Hindi
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नई दिल्ली: लद्दाख के गलवान घाटी में एलएसी पर भारतीय सैनिकों और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में जहां भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए वहीं चीन के 43 सैनिकों के लापता होने की खबर है। वहीं हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है। कई जवानों के लापता होने की खबर है। वहीं भारत सरकार इस बार चीन को आसानी से और सस्ते में छोड़ने की मूड में नहीं है। 

असल में इस विवाद की जड़ क्या है इसे समझना जरूरी है। आखिर ऐसा क्या हो गया कि चीन और भारतीय सैनिकों के बीच हाथापाई की नौबत आ गईऔर खूनी झडप हो गई?  दरअसल यह पूरा मुद्दा ईस्टर्न लद्दाख की 255 किलोमीटर लंबी सड़क से जुडा है। इस सड़क का नाम है दरबुक श्योक दौलत बेग ओल्डी सेक्टर रोड। यह सड़क लद्दाख के दरबुक से लद्दाख के नॉर्थमोस्ट कॉर्नर के इलाके दौलत बेग ओल्डी सेक्टर तक जाती है। पिछले साल ही इस रोड को बनाने का का पूरा हुआ है। लेकिन पहाड़ी इलाके में ये काम कितना चैलेंजिंग था इसका अंदाजा इस बात से लगता है कि इस रोड को बनाने में हमें बीस साल का वक्त लगा है। 

देश की सुरक्षा के हिसाब से ये हमारे लिए काफी स्ट्रेटजिक रोड है। इसी रोड के बनने के बाद से चीन बार-बार LAC को पार करके घुसपैठ की कोशिश कर रहा है, क्योंकि ये रोड लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के बिल्कुल पैरेलल है। इस रोड के जरिए तिब्बत जिनजियांग हाईवे तक भारतीय सेना का एक्सेस मुमकिन हो जाता है। भारत ने दौलत बेग ओल्डी सेक्टर में सात साल पहले अपने C-130 J सुपर हरक्युलिस को इस सेक्टर के एयरस्ट्रिप पर उतारा था। इसी के बाद से चीन परेशान है। इसी की खुन्नस चीन को है इसलिए चीन ने इसी रोड के एक स्ट्रेटजिक प्वाइंट गलवान एरिया के पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 पर अपने सैनिकों का जामवड़ा शुरु कर दिया। 

5 मई को चीन ने सिक्कम के नाकु ला से लेकर ईस्टर्न लद्दाख के अलग-अलग सेक्टर्स में घुसपैठ की कोशिश की। उसने LAC पर बनी अपनी चौकियों से आगे जाकर गलवान एरिया में तंबू गाड़ा। मिलिट्री ट्रक्स लेकर आया और कीचड वाले ट्रक्स में सैनिक भरकर आए। इसके साथ-साथ लद्दाख के पेंगौंग लेक के पास भी चाइनीज आर्मी के जवान..भारतीय सेना के सामने आ गए। सिक्किम के नाकु ला में फेसऑफ कम हुआ लेकिन गलवान घाटी में गतिरोध जारी रहा। खासकर पेट्रोल प्वाइंट 14 पर चाइनीज आर्मी अपनी पेट्रोलिंग चौकी को क्रॉस करके आगे आई। 

जानकारी के मुताबिक चीन ने अपने 10 हजार सैनिक यहां इकट्ठा कर लिए लेकिन इस बार भारत ने भी चीन को उसी की भाषा में जवाब दिया। सैनिकों का मिरर डिप्लॉयमेंट किया यानी जितने सैनिक चीन के थे उतने ही साजो सामान के साथ भारतीय सैनिक भी इकट्ठा हो गए। अब फेस ऑफ की सिचुएशन इंटेंस हो गई। इसके बाद चीन को बातचीत की टेबल पर आना पड़ा और कमांडर लेवल की मीटिंग हुई, कूटनीतिक बातचीत शुरु हुई। इसके बाद चाइनीज आर्मी पेट्रोल प्वाइंट 14, 15 और 17 से ढाई किलोमीटर पीछे हट भी गई थी और आगे डिसइंगेजमेंट प्लान के तहत चीन को और पीछे जाना था। 

लेकिन सोमवार को चाइनीज आर्मी के जवान एक बार फिर पूरी पलटन के साथ पेट्रोल प्वाइंट 14 की तरफ आए। अपने साथ लोहे की रॉड्स, कंटीली तार लाए। उन्होंने डंडों पर तार बांधी, कीलें लगाई और आगे बढने की कोशिश की। लेकिन जब हमारे जवानों ने उन्हें रोका तो फिर हाथापाई शुरू हो गई जो हिंसक झड़प में बदल गई। 

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