Saturday, April 20, 2024
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INX मीडिया धनशोधन मामला: चिदंबरम ने जमानत याचिका खारिज करने के आदेश को न्यायालय में दी चुनौती

चिदंबरम को केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने 21 अगस्त को आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किया था। इस मामले में कांग्रेस के नेता को उच्चतम न्यायालय ने 22 अक्टूबर को जमानत दे दी थी।

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: November 18, 2019 18:48 IST
INX Media- India TV Hindi
Image Source : FILE INX मीडिया धनशोधन मामला: चिदंबरम ने जमानत याचिका खारिज करने के आदेश को न्यायालय में दी चुनौती

नई दिल्ली। आईएनएक्स मीडिया धन शोधन मामले में तिहाड़ जेल में बंद पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने उनकी जमानत याचिका रद्द करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को सोमवार को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी।

प्रधान न्यायाधीश शरद अरविन्द बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने चिदंबरम की याचिका का उल्लेख किया और इसे सुनवाई के लिये शीघ्र सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया। उनका कहना था कि पूर्व वित्त मंत्री करीब 90 दिन से जेल में बंद हैं।

पीठ ने सिब्बल से कहा, ‘हम देखेंगे’ और यह भी कहा कि जमानत याचिका मंगलवार या बुधवार को सुनवाई के लिये ली जायेगी। उच्च न्यायालय ने 15 नवंबर को चिदंबरम की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। उच्च न्यायालय ने कहा था कि पहली नजर में उनके खिलाफ गंभीर किस्म के आरोप है और उन्होंने इस अपराध में सक्रिय तथा मुख्य निभाई है।

चिदंबरम को केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने 21 अगस्त को आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किया था। इस मामले में कांग्रेस के नेता को उच्चतम न्यायालय ने 22 अक्टूबर को जमानत दे दी थी।

इसी बीच, सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर दर्ज धन शोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने 16 अक्टूबर को चिदंबरम को गिरफ्तार कर लिया था। निचली अदालत के आदेश पर धन शोधन के मामले में वह 27 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में हैं।

जांच ब्यूरो ने 15 मई 2017 को दर्ज मामले में आरोप लगाया था कि वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड द्वारा आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेश से 305 करोड़ रुपए का धन प्राप्त करने की मंजूरी देने में अनियमितताएं हुयीं।

इस प्राथमिकी के आधार पर ही प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन का मामला दर्ज किया था। उच्च न्यायालय ने पूर्व वित्त मंत्री को जमानत देने से इंकार करते हुये कहा था कि आर्थिक अपराध के मामले में उन्हें जमानत दिये जाने का जनता में गलत संदेश जायेगा।

हालांकि, चिदंबरम ने उच्च न्यायालय से जमानत के लिये अनुरोध करते हुये कहा था कि सारे दस्तोवजी साक्ष्य जांच एजेन्सियों के कब्जे में हैं और वह इनके साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं कर सकते। दूसरी ओर, प्रवर्तन निदेशालय ने चिदंबरम की जमानत याचिका का विरोध करते हुये दावा किया था कि उन्होंने गवाहों को कथित तौर पर प्रभावित करने और धमकाने का प्रयास किया है।

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