Friday, March 29, 2024
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कश्मीर के अलगाववादी नेता को पाकिस्तान ने दिया सर्वोच्च नागरिक सम्मान, लंबे वक्त से है घर में नजरबंद

अपने भारत विरोधी बयानों के लिए जाने वाले हुर्रियत के पुराने नेता सैयद अली शाह गिलानी को पाकिस्तान ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित करने का फैसला किया है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: July 28, 2020 10:15 IST
Kashmiri Separatist Syed Ali Shah Geelani Awarded With Pakistan's Highest Civilian Honour- India TV Hindi
Image Source : AP Kashmiri Separatist Syed Ali Shah Geelani Awarded With Pakistan's Highest Civilian Honour

नई दिल्ली: अपने भारत विरोधी बयानों के लिए जाने वाले हुर्रियत के पुराने नेता सैयद अली शाह गिलानी को पाकिस्तान ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित करने का फैसला किया है। ये फैसला पाकिस्तानी सीनेट ने सोमवार को लिया। इसके अलावा गिलानी के नाम पर एक विश्वविद्यालय बनाने का प्रस्ताव भी रखा गया है। बताया जा रहा है कि कश्मीर में गिलानी की अलगाववादी गतिविधियों के कारण ही पाकिस्तान ने उसे निशान-ए-पाकिस्तान से नवाजने का फैसला किया है।

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गिलानी को सम्मानित करने का प्रस्ताव पाकिस्तानी सीनेटर मुश्ताक अहमद ने लिया था, जिसे वहां के सदन ने ध्वनिमत से पास किया। पाकिस्तानी सीनेट ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के खत्म होने की पहली वर्षगांठ पर पाक अधिकृत कश्मीर में बनी अपनी कथित विधानसभा में एक विशेष सत्र बुलाने को भी मंजूरी दी है।

बता दें कि पिछले महीने पाकिस्तान समर्थित हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के आजीवन अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी ने अचानक 16 धड़ों के गठबंधन से खुद को पूरी तरह अलग करने का ऐलान कर दिया था। कश्मीर घाटी में पाकिस्तान समर्थित अलगाववादियों में सबसे प्रमुख गिलानी 2003 में इस धड़े के गठन के बाद से ही इसके अध्यक्ष थे। वह काफी समय से और विशेषकर पिछले साल जम्मू-कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधान खत्म किये जाने के बाद से राजनीतिक रूप से सक्रिय नहीं हैं।

वर्ष 1993 में स्थापित अविभाजित हुर्रियत कांफ्रेंस के संस्थापक सदस्य रहे गिलानी ने उदार रुख अपनाने को लेकर अन्य धड़ों के साथ मतभेद के बाद 2003 में अपना अलग धड़ा बनाया था। गिलानी तीन बार जम्मू-कश्मीर विधानसभा के सदस्य रहे। गिलानी के ऊपर साल 2016 में हुई कश्मीर हिंसा के बाद टेरर फंडिंग के चार्ज भी लगे थे। इसके अलावा गिलानी को एक लंबे वक्त से कश्मीर के उसके घर में नजरबंद भी रखा गया है।

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