Monday, April 29, 2024
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राहुल गांधी का आरोप- फर्जी खबरें फैलाते हैं कानून मंत्री, रविशंकर प्रसाद ने किया पलटवार

प्रसाद ने कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि उसने पिछले चुनावों में विवादास्पद डाटा कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका की सेवाएं ली थीं जिस पर राहुल ने आज पलटवार किया।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: March 25, 2018 12:15 IST
राहुल गांधी और...- India TV Hindi
Image Source : PTI राहुल गांधी और रविशंकर प्रसाद।

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अदालतों में काफी संख्या में मामले लंबित रहने और न्यायाधीशों की कमी को लेकर रविवार कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद पर प्रहार किया और उन पर‘‘ फर्जी खबरें फैलाने’’ का आरोप लगाया। प्रसाद ने राहुल के हमले को बेहद निंदनीय बताते हुए ट्वीट किया, ‘‘ श्रीमान राहुल गांधी आंकड़े में हेरफेर के लिए कैंब्रिज एनालिटिका को नोटिस भेजने से आप निश्चित ही बहुत अधिक चिंतित होंगे। गुस्सा, हताशा और डर, इसके कारण अब आप इसमें न्यायपालिका को खींच रहे हैं।’’ प्रसाद ने कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि उसने पिछले चुनावों में विवादास्पद डाटा कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका की सेवाएं ली थीं जिस पर राहुल ने आज पलटवार किया। कैंब्रिज एनालिटिका पर फेसबुक से डाटा चुराने के आरोप हैं। कांग्रेस ने आरोपों से इंकार किया और भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने कंपनी की सेवाएं लीं।

​राहुल ने ट्वीट किया, ‘‘मामले लंबित रहने से न्याय व्यवस्था चरमरा रही है। उच्चतम न्यायालय में 55 हजार से ज्यादा, उच्च न्यायालयों में 37 लाख से ज्यादा, निचली अदालतों में 2.6 करोड़ से ज्यादा मामले लंबित हैं। फिर भी उच्च न्यायालयों में400 और निचली अदालतों में 6000 न्यायाधीशों की नियुक्ति नहीं हुई है, जबकि कानून मंत्री फर्जी खबरें फैलाने में व्यस्त हैं।’’ उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी तंज कसा। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘‘ न्यायमूर्ति के एम जोसफ ने2016 में उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन का फैसला पलट दिया। जब उनका नाम उच्चतम न्यायालय के लिए प्रस्तावित किया गया तो मोदी जी के अहम को ठेस लग गई।

उच्चतम न्यायालय और विभिन्न उच्च न्यायालयों के लिए सौ से अधिक न्यायाधीशों की नियुक्ति को स्थगित कर दिया गया।’’ इस पर प्रसाद ने प्रतिक्रिया दी, ‘‘ श्रीमान राहुल गांधी, आपके ट्रैक रिकॉर्ड को कायम रखते हुए आपकी टीम ने एक बार फिर होमवर्क नहीं करते हुए आपको गलत जानकारी दी। यूपीए के पहले कार्यकाल में उच्च न्यायालयों में हर साल औसतन 86 न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई थी, उसके दूसरे कार्यकाल में यह आंकड़ा प्रतिवर्ष 79 था। लेकिन एनडीए के कार्यकाल में यह सालाना 109 है। 2016 में उच्च न्यायालयों में रिकॉर्ड 126  न्यायाधीशों को नियुक्ति दी गई, आजादी के बाद से यह सर्वाधिक है।’’ कांग्रेस और भाजपा एक- दूसरे पर विवादास्पद डाटा कंपनी की सेवाएं लेने के आरोप लगा रही हैं।

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