Thursday, April 25, 2024
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निर्भया केस: चारों गुनहगारों को एकसाथ मिलेगी फांसी? तिहाड़ में इस बार कुछ ऐसा होने जा रहा है जो आज तक नहीं हुआ

निर्भया के माता पिता इंसाफ के लिए लंबी लड़ाई लड़ रहे हैं। बेशक इंसाफ की उस डेट को कानूनी दांव पेंचों से लटकाया, भटकाया जा रहा है। लेकिन ये भी क्लियर है कि गुनहगारों के पास अब ज्यादा दिन नहीं बचे।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 13, 2019 16:53 IST
Nirbhaya case: SC to hear review plea of convict on Dec 17- India TV Hindi
Nirbhaya case: SC to hear review plea of convict on Dec 17
निर्भया के माता पिता इंसाफ के लिए लंबी लड़ाई लड़ रहे हैं। बेशक इंसाफ की उस डेट को कानूनी दांव पेंचों से लटकाया, भटकाया जा रहा है। लेकिन ये भी क्लियर है कि गुनहगारों के पास अब ज्यादा दिन नहीं बचे। खुद तिहाड़ में निर्भया के चारों गुनहगारों की फांसी की तैयारियां चल रही है। ये तैयारी बहुत खास है, तिहाड़ में इस बार कुछ ऐसा होने जा रहा है जो आज तक नहीं हुआ।
 
मुकेश सिंह, अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा और पवन गुप्ता ये निर्भया के वो चार गुनहगार है जिनकी फांसी को लेकर दिल्ली की तिहाड़ जेल का फांसी घर 37 साल बाद फिर सुर्खियों में है। सूत्र बताते हैं तिहाड़ प्रशासन एक साथ इन चारों की फांसी की तैयारी कर रहा है। तीनों को एक ही जगह पर एक ही वक्त पर फांसी दी जाएगी। 
 
जिस वक्त तिहाड़ जेल में फांसी घर बनाने के बारे में फैसला किया गया होगा, तब उन्होंने सोचा भी नहीं होगा कि देश में ऐसा कोई जघन्य अपराध भी होगा, जब चार कैदियों को एक साथ फांसी देने की जरूरत पड़ेगी। लेकिन ये होगा कैसे। ये सवाल तिहाड़ जेल प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है। हालांकि सूत्रों के मुताबिक जेल प्रशासन इसका जवाब भी तलाश चुका है।
क्या है नियम और चैलेंज?
 
दरअसल नियम कहता है कि निर्भया के चारों दोषियों को एक साथ फांसी के फंदे पर लटकाना ज़रूरी है लेकिन चुनौती ये है कि तिहाड़ में बने फांसी के तख्त पर अभी सिर्फ दो लोगों को एक साथ लटकाने का इंतजाम है। अबतक तो तिहाड़ जेल में एक साथ दो लोगों को फांसी दी गई है जबकि निर्भया केस में चार दोषी हैं और चारों को एक साथ फांसी दी जानी है। सूत्रों के मुताबिक़ इसके लिए तिहाड़ के फांसी घर में कुछ ऐसे इंतज़ाम किए जा रहे हैं जिसके बाद चारों दोषियों को एक साथ फांसी के फंदे पर लटकाया जा सके। तिहाड़ जेल प्रशासन फांसी के तख्त के डिज़ाइन में कुछ ऐसे बदलाव कर रहा हैं जिससे चारों दोषियों को एक साथ फांसी हो और फांसी का तख्त उनका भार सहन कर सके। 
 
इसके लिए तिहाड़ जेल प्रशासन अभी मौजूद फांसी के तख्त के साथ कुछ नए फांसी के तख्त बनाने की तैयारी में भी है। विकल्प ये भी है कि चारों दोषियों को एक साथ लटकाने के लिए अभी मौजूद फांसीं के तख्तों की क्षमता को बढ़ाया जाए। तिहाड़ के पूर्व पीआरओ सुनील गुप्ता ने भी इंडिया टीवी को बताया कि फांसी घर में इतनी जगह है कि नए तख्त बनाए जा सकें। एक बड़ा सवाल ये भी है कि जब निर्भया के चार दोषियों को फांसी देने का फैसला होगा तो इसकी जानकारी कैसे दी जाएगी। फैसला आने से लेकर फांसी देने तक चारों के साथ क्या क्या होगा। ऐसे कई सवालों के जवाब जेल मैनुअल में पहले से ही सारे नियम-कायदों के साथ मौजूद हैं। 
  • जेल मैनुअल के मुताबिक़ फांसी वाले दिन सबसे पहले चारों कैदियों को नहलाया जाएगा
  • नए कपड़े पहनने के लिए दिए जाएंगे
  • पसंद का नाश्ता और खाना खिलाया जाएगा
  • धार्मिक किताब पढ़ने को दी जाएगीं
  • इसके बाद आखिरी इच्छा या वसीयत पूछी जाएगी
सुनील गुप्ता ने आगे कहा कि फांसी देने के लिए हमेशा सूर्योदय से पहले का वक्त तय किया जाता है, उसके पीछे वजह ये है कि जेल परिसर में हर काम तय वक्त पर किया जाता है, फांसी की वजह से दूसरे कामों पर असर ना पड़े इसलिए इसके लिए सुबह का समय चुना जाता है, फांसी के वक्त सिर्फ जेल प्रशासन ही मौजूद नहीं रहता बल्कि जेल अधीक्षक, एग्जिक्यूटिव मजिस्ट्रेट, डॉक्टर और जल्लाद का होना जरूरी है। 
 
सुनील गुप्ता ने बताया कि फांसी के लिए जब चारों कैदियों को जेल से फांसी घर तक ले जाया जाएगा तो उनके हाथ पीछे बंधे होंगे जबकि मुंह काले कपड़े से ढका रहेगा। फांसी दिए जाने से पहले मजिस्ट्रेट फांसी का आदेश पढ़ेगा, जल्लाद चारों कैदियों को फांसी के तख्त तक ले जाएगा और सभी के पैरों को बांधेगा। इसके बाद जेल सुपरिटेंडेंट के आदेश पर जल्लाद लिवर को खींचेगा और क़रीब आधे घंटे बाद डॉक्टर सभी कैदियों की मौत की पुष्टि करेगा। 
 
निर्भया की मां की ओर से दायर याचिका पर शुक्रवार को जब पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। इस दौरान चारों दोषियों की तिहाड़ की अलग-अलग सेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग हुई। विनय जेल नंबर 4 से तो अक्षय, पवन और मुकेश जेल नंबर 2 से पेश हुए। सभी ने जजों को नमस्त किया। जजों ने उनसे और उनके पिता के नाम पूछे। मुकेश से उसके वकील के बारे में पूछा। मुकेश ने जवाब दिया उसके पास वकील नहीं है तो जज ने कहा उसे सरकारी वकील दिया जा सकता है। इस दौरान चारों दोषियों की बॉडी लैंग्वेज एकदम सामान्य थी। इसके बाद कुछ ही देर में चारों गुनहगारों की सांसों को कुछ और दिनों की मोहलत मिल गई।
 
दरअसल निर्भया के वकील ने पटियाला हाउस कोर्ट से चारों दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी करने की मांग की थीलेकिन अदालत ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अक्षय की पुनर्विचार याचिका की दलील देकर सुनवाई को टाल दिया। सुप्रीम कोर्ट में दोषी अक्षय की फांसी की सज़ा को लेकर दायर पुनर्विचार याचिका पर 17 दिसंबर को सुनवाई है। देश की सबसे बड़ी अदालत के फैसले के बाद पटियाला हाउस कोर्ट में 18 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी। 

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