Thursday, April 25, 2024
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किसी भी भारतीय से नागरिकता साबित करने के लिए पुराने दस्तावेज नहीं मांगे जाएंगे: गृह मंत्रालय

गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि किसी भी भारतीय को उसके माता-पिता या दादा-दादी के 1971 से पहले के जन्म प्रमाणपत्र जैसे दस्तावेज दिखाकर नागरिकता साबित करने के लिए नहीं कहा जाएगा और न ही उसे नाहक परेशान किया किया जाएगा या मुश्किलों में डाला जाएगा।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: December 20, 2019 23:45 IST
No Indian will be harassed by asking to submit old...- India TV Hindi
No Indian will be harassed by asking to submit old documents to prove citizenship: MHA

नयी दिल्ली: गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि किसी भी भारतीय को उसके माता-पिता या दादा-दादी के 1971 से पहले के जन्म प्रमाणपत्र जैसे दस्तावेज दिखाकर नागरिकता साबित करने के लिए नहीं कहा जाएगा और न ही उसे नाहक परेशान किया किया जाएगा या मुश्किलों में डाला जाएगा। अपने ट्वीटों में गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि बिना किसी दस्तावेज वाले निरक्षर नागरिकों को गवाह या समुदाय के सदस्यों से समर्थित सबूतों पेश करने की अनुमति होगी। 

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘भारत की नागरिकता जन्मतिथि या जन्मस्थान या दोनों से संबंधित कोई दस्तावेज पेश कर साबित की जा सकती है। ऐसी सूची में ढेर सारे आम दस्तावेज होने की संभावना है ताकि कोई भी भारतीय नाहक परेशान न हो या वह मुश्किलों में नहीं आए।’’ गृह मंत्रालय इस संबंध में सुनिर्धारित प्रक्रिया जारी करेगा। प्रवक्ता ने कहा, ‘‘भारतीय नागरिकों को 1971 से पहले का अपने माता-पिता/दादा-दादी के पहचान पत्र, जन्मप्रमाणपत्र जैसे दस्तावेजों को पेश कर अपने पुरखों को साबित नहीं करना होगा।’’ 

यह ट्वीट तब ऐसे समय में आया है जब एक सप्ताह पहले संसद से नागरिकता संशोधित विधेयक पारित हुआ और पिछले सप्ताह राष्ट्रपति ने उसे अपनी मंजूरी दी। संशोधित नागरिकता कानून के अनुसार 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आ चुके पाकिस्तान,अफगानिस्तान और बांग्लादेश के हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, पारसियों और ईसाइयों तथा वहां धार्मिक उत्पीड़न झेल रहे इन समुदाय के लोगों को अवैध प्रवासी नहीं माना जाएगा और उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी।

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