Thursday, April 25, 2024
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पाकिस्तान: पूर्व राष्ट्रपति मुशर्रफ ने फांसी के फैसले को दी सुप्रीमकोर्ट में चुनौती

पाकिस्तान के स्व निर्वासित पूर्व तानाशाह परवेज मुशर्रफ ने गुरूवार को विशेष अदालत के उस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है जिसमें उन्हें फांसी की सजा सुनाई गयी है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: January 16, 2020 21:35 IST
Parvez Musharrf- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Parvez Musharrf

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के स्व निर्वासित पूर्व तानाशाह परवेज मुशर्रफ ने गुरूवार को विशेष अदालत के उस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है जिसमें उन्हें घोर राजद्रोह के मामले में दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई गयी है। इस्लामाबाद की विशेष अदालत ने पिछले साल 17 दिसंबर को 74 वर्षीय सेवानिवृत्त जनरल को हाई प्रोफाइल राजद्रोह के मामले में छह साल की सुनवाई के बाद दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई थी। पाक के पूर्व तनाशाह फिलहाल दुबई में रह रहे हैं ।

पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान मुस्लिम लीग -नवाज (पीएमएल-एन) की सरकार ने पूर्व सेना प्रमुख के खिलाफ 2013 में राजद्रोह का मामला दायर किया था। इन दिनों दुबई में रह रहे स्व-निर्वासित मुशर्रफ पर आरोप है कि उन्होंने नवंबर 2007 में संविधान को स्थगित करते हुए आपातकाल लगाया था। इस वजह से ऊंची अदालतों के कई न्यायाधीशों को उनके घरों में बंद कर दिया और 100 से अधिक न्यायाधीशों को बर्खास्त कर दिया गया था।

हालांकि, लाहौर उच्च न्यायालय ने सोमवार को राजद्रोह मामले में मुशर्रफ के मुकदमे को ‘‘असंवैधानिक’’ घोषित कर दिया था जिसमें पूर्व सेना प्रमुख को दी गयी मौत की सजा रद्द हो गयी थी । मुशर्रफ को बड़ी राहत देते हुए, लाहौर उच्च न्यायालय ने विशेष अदालत के गठन को ‘‘असंवैधानिक’’ घोषित कर दिया क्योंकि पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ राजद्रोह का मामला कानून के अनुसार तैयार नहीं किया गया था । पूर्व तानाशाह के अधिवक्ता बैरिस्टर सलमान सफदर ने विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ उच्च्तम न्यायालय में 90 पृष्ठों की अपील दायर की है जिसमें मुशर्रफ ने विशेष अदालत के फैसले को रद्द किये जाने का अनुरोध किया है ।

अपील में कहा गया है कि माननीय अदालत कोई अन्य उपाय जो सही और उचित जान पड़ता है उसे अपना सकती है । एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार याचिका में कहा गया है कि विशेष अदालत में सुनवाई के दौरान पूर्व राष्ट्रपति की अनुपस्थिति जानबूझकर नहीं थी बल्कि वह अदालत में पेश होने में अक्षम थे क्योंकि वह बीमार थे और उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था । इसमें कहा गया है कि विशेष अदालत ने मुशर्रफ की बीमारी को स्वीकार कर लिया था, लेकिन पूर्व राष्ट्रपति को उनकी अनुपस्थिति में ही उन्हें दोषी ठहरा दिया। मुशर्रफ 2016 से ही दुबई में रह रहे हैं जहां वह इलाज कराने के लिए गए थे । जबसे उन्होंने पाकिस्तान छोड़ा है तब से सुरक्षा एवं स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए वह वापस नहीं लौटे हैं

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