Friday, April 19, 2024
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Rajat Sharma's Blog: कोरोना वैक्सीनेशन में प्राइवेट सेक्टर को शामिल करना स्वागत योग्य कदम

कोरोना वैक्सीनेशन के मामले में हमारा देश आज दुनिया में नंबर-1 है। अब जो वैक्सीनेशन होगा उसमें प्राइवेट सेक्टर को शामिल किया जाएगा।

Rajat Sharma Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published on: February 25, 2021 14:59 IST
India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.

देश के सीनियर सिटीजन्स और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों (को-मोर्बिड) के लिए अच्छी खबर है। एक मार्च से 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों का वैक्सीनेशन (टीकाकरण) शुरू हो जाएगा। इसके साथ-साथ उन लोगों को भी वैक्सीन दी जाएगी जो 45 साल की उम्र पार कर चुके हैं मगर उन्हें को-मोर्बिडिटी है, यानी किसी गंभीर बीमारी के शिकार हैं और कोरोना इंफेक्शन का खतरा ज्यादा है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को वैक्सीनेशन के अगले दौर में इन लोगों को वैक्सीन लगाने की इजाजत देने का फैसला लिया। वैक्सीनेशन के अगले दौर के लिए करीब 20 हजार प्राइवेट और करीब 10 हजार सरकारी अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है।

जहां तक सरकारी अस्पतालों का सवाल है तो वहां वैक्सीनेशन के पैसे नहीं देने होंगे। लोगों को मुफ्त में वैक्सीन दी जाएगी। अगर लोग अगर प्राइवेट अस्पताल में जाकर टीका लगवाते हैं तो फिर उन्हें वैक्सीनेशन का खर्च खुद उठाना पड़ेगा। प्राइवेटअस्पतालों में एस्ट्राजेनेका की कोविशिल्ड वैक्सीन की कीमत 300 से 400 रुपये हो सकती है। वहीं भारत बायोटेक की कोवैक्सीन की कीमत इससे थोड़ी ज्यादा हो सकती है। जो लोग इस वैक्सीनेशन ड्राइव के तहत टीका लगवाएंगे उनके पास वैक्सीन की ब्रांड चुनने का विकल्प नहीं होगा। 

वैक्सीनेशन के लिए लोगों को अपने मोबाइल पर कोविन एप (CoWIN app) डाउनलोड करना होगा और खुद को वैक्सीनेशन के लिए रजिस्टर करना होगा। जिन लोगों के पास स्मार्ट फोन या कोविन एप नहीं है, जैसे कि ज्यादातर बुजुर्गों के साथ कोविन एप रजिस्ट्रेशन में इस तरह की दिक्कत आ सकती है, ऐसे (गैर-पंजीकृत लाभार्थियों ) लोगों के लिए अलग इंतजाम किए जाएंगे। ये लोग वेब साइट के जरिए या आरोग्य सेतु या फिर कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।

वैक्सीनेशन के हर सत्र में आरक्षित और अनारक्षित दोनों स्लॉट होंगे। लोग पहले से तय तारीख और समय के हिसाब से वैक्सीनेशन के लिए जा सकते हैं, लेकिन किसी स्लॉट में जगह खाली रह जाने की हलात में अनारक्षित लोगों को भी वैक्सीन देने की संभावना पर विचार किया जा रहा है। 

देश में 27 करोड़ लोग ऐसे हैं जो 60 साल से ज्यादा उम्र के हैं। इन लोगों को रजिस्ट्रेशन कराने के लिए सबसे पहले कोविन एप (CoWIN app 2.0) डाउनलोड करना होगा और खुद को वैक्सीनेशन के लिए रजिस्टर करना होगा। ये सेल्फ रजिस्ट्रेशन प्रॉसेस होगा। अब सवाल है कि रजिस्ट्रेशन के लिए किन डॉक्युमेंट्स की जरूरत होगी। सबसे पहले तो उम्र सत्यापित (एज वैरीफाई) करने के लिए आधार या मतदाता पहचान-पत्र की जरूरत होगी ताकि ये पता चले कि आप वैक्सीनेशन के दूसरे फेज की प्रायोरिटी ग्रुप (प्राथमिकता) में हैं या नहीं। इन्हीं के जरिए आपका डेटा परखा जाएगा। एक बार जब उम्र का सत्यापन हो जाएगा तो फिर उसके बाद एप में दूसरी जानकारी अपलोड हो सकेगी। अब कई लोगों की ये समस्या भी है कि उनके वोटर आई कार्ड में उम्र अपडेटेड नहीं है। यानी अगर वे 60 साल के हो चुके हैं और अगर वोटर आई कार्ड में उम्र 50 साल लिखी है, तो क्या करें? ऐसे में डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (डीएम) के पास उम्र सत्यापित करने का विकल्प होगा। एक बार डीएम ने वेरीफाई कर दिया तो फिर आपकी उम्र की जानकारी अपडेट हो जाएगी।

को-मोर्बिडिटी की कैटेगरी में 45 साल से ज्यादा के उन लोगों को शामिल किया जाएगा जिन लोगों को गंभीर बीमारियां हैं। यानी जिन्हें कैंसर,किडनी, दिल की बीमारी है, जो लोग डायबिटिक हैं या फिर हाइपरटेंशन का शिकार हैं, तो उन्हें वैक्सीन दी जा सकती है। इस बार लोगों के पास किसी भी राज्य में टीका लगवाने का विकल्प होगा। मिसाल के तौर पर अगर दिल्ली का रहनेवाला कोई शख्स बेंगलुरु में है, तो वो बेंगलुरु में ही वैक्सीन लगवा सकता है उसे दिल्ली आने की जरूरत नहीं होगी। वैक्सीनेशन के लिए 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को पहली प्राथमिकता दी जाएगी। दूसरी प्राथमिकता में 45 वर्ष से ज्यादा उम्र के वे लोग होंगे जो को-मोर्बिड या गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय को-मोर्बिडिटी की कैटेगरी को परिभाषित करने के लिए गाइडलाइंस तैयार कर रहा है। जो लोग प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीन लगवाना चाहते हैं वे वैक्सीनेशन की तारीख और समय वहां से ले सकते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय वैक्सीन निर्माताओं और प्राइवेट अस्पतालों के साथ चर्चा करके कोरोना वैक्सीन की कीमतों को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है। अगले दो से तीन दिनों में वैक्सीन की कीमतें तय कर इसकी घोषणा कर दी जाएगी। 

कोरोना वैक्सीनेशन के मामले में हमारा देश आज दुनिया में नंबर-1 है। जिन लोगों को अबतक वैक्सीन लगी है उनकी संख्या एक करोड़ 23 लाख से ज्यादा है। इतनी बड़ी संख्या में लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है और कहीं बहुत ज्यादा शिकायतें नहीं मिली हैं। इतने बड़े देश में ये काम इतनी तेजी से करना आसान नही है। खास तौर पर इसलिए कि हमारे यहां हेल्थ सेक्टर इतना मजबूत नहीं है और दूसरा हमारे यहां कोरोना की वैक्सीन को लेकर पहले दिन से तरह-तरह की अफवाहें फैलाई गईं और लोगों को डराया गया। लेकिन जब लोगों ने देखा कि जिनको वैक्सीन लग रही है वो ठीकठाक हैं, लोगों ने यह भी देखा कि बाहर के देश भारत से वैक्सीन मांग रहे हैं, भारत ने 20 देशों को वैक्सीन की सवा दो करोड़ से ज्यादा डोज भेजी है, तो फिर धीरे-धीरे लोगों को यकीन हुआ और वो वैक्सीनेशन के लिए पहुंचे। फिर सवाल आया हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर का...तो सरकार ने अब इस काम में प्राइवेट सेक्टर को शामिल किया है।अब जो वैक्सीनेशन होगा उसमें प्राइवेट सेक्टर को शामिल किया जाएगा। इससे वैक्सीनेशन का काम और तेजी से हो सकेगा। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 24 फरवरी, 2021 का पूरा एपिसोड

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