Sunday, April 28, 2024
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Aap Ki Adalat: उत्तराखंड में मुसलमानों को डर के रहना होगा? सीएम पुष्कर सिंह धामी ने क्या जवाब दिया

आप की अदालत शो में इस बार सीएम पुष्कर सिंह धामी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर खुलकर बात की। साथ ही उत्तराखंड में क्या मुसलमानों को डर के रहना होगा? इस सवाल का भी उन्होंने बढ़िया जवाब दिया।

Avinash Rai Written By: Avinash Rai @RaisahabUp61
Updated on: February 17, 2024 23:36 IST
Aap Ki Adalat pushkar singh dhami answer on Muslims will have to live in fear in Uttarakhand- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV उत्तराखंड में मुसलमानों को डर के रहना होगा?

Aap Ki Adalat: इंडिया टीवी के चर्चित शो 'आप की अदालत' में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी  पहुंचे। इस दौरान उनका सामना हुआ India Tv के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा के तीखे सवाल से। इन सवालों का पुष्कर सिंह धामी ने एक-एक कर बखूबी जवाब दिया। सीएम धामी रजत शर्मा के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि यूसीसी को हम किसी के खिलाफ लेकर नहीं आए हैं। अगर इस्लाम में निकाह होता है तो निकाह होगा। अगर हिंदू धर्म में 7 फेरे होते हैं तो वो 7 फेरे होंगे। हमने किसी को पद्धति को बदलने का काम नहीं किया है। हां हमने ये जरूर बदल दिया है कि जो निकाह के बाद तलाक या कई पत्नियों को रखने की व्यवस्था है, हम उसे खत्म करना चाहते हैं। हम महिलाओं का उत्पीड़न नहीं होने देना चाहते हैं।

यूसीसी पर क्या बोले सीएम धामी?

उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता सभी को समानता का अधिकार देने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता किसी को टारगेट करने के लिए नहीं लाया गया है। यह कानून सभी के लिए है। महिलाओं, पुरुषों और बच्चों के सशक्तिकरण के लिए ये कानून लाया गया है। ये कानून सभी को प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा के लिए लाया गया है। उन्होंने कहा कि देश में शरीयत नहीं चलेगा, बल्कि समान नागरिक संहिता चलेगा। समान नागरिक संहिता से हलाला और तीन तलाक जैसी कुरीतियों से महिलाओं को मुक्ति मिलेगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की डेमोग्राफी बदली है और उसका मूलस्वरूप भी बदला गया है। ऐसे में हमने संकल्प लिया है कि उत्तराखंड के मूलस्वरूप को हम प्रभावित नहीं होने देंगे और ना ही उत्तराखंड की डेमोग्राफी को हम बदलने देंगे। 

उत्तराखंड में मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं?

सीएम धामी ने आगे कहा कि उत्तराखंड में किसी को भी डर के रहने की जरूरत नहीं है। उत्तराखंड में सभी लोग मिलकर भाईचारे के साथ रहते हैं। अच्छा काम करने वाले, शांतिप्रिय तरीके से जो व्यापार कर रहे हैं, जो राज्य को आगे बढ़ाने में काम कर रहे हैं, जो कानून का पालन करने वाले लोग हैं, उन्हें राज्य में किसी से डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि आपकी अदालत में हम ये वादा करते हैं कि उत्तराखंड में किसी को डर के रहने की जरूरत नहीं है। लिव इन रिलेशनशिप पर लाए गए कानून के तहत उन्होंने कहा कि यूसीसी के तहत जो भी प्रावधान किए गए हैं, वो देश के बेटे व बेटियों की सुरक्षा के लिए किया गया है। भविष्य में लिव इन रिलेशनशिप में रहने के बाद कुछ घटना हो जाती है। कई बार साथ में रहते हुए बच्चे पैदा होते हैं। उन बच्चों का कोई रखवाला नहीं होता। उन्हें संपत्ति में हिस्सा नहीं मिलता। खासतौर पर इस कानून के तहत हमने बेटियों और पुरुष वर्ग की भी चिंता की है। लिव इन रिलेशनशिप के तहत रहने वाले लोगों के रजिस्ट्रेशन कराने का नियम केवल सुरक्षा के लिहाज से लाया गया है। 

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