Wednesday, December 11, 2024
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Aap Ki Adalat: क्या लिव-इन कपल्स को परेशान करने के लिए लाया गया UCC? CM धामी ने दिया जवाब

आप की अदालत में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के फायर ब्रांड नेता पुष्कर सिंह धामी ने India Tv के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा के सवालों का खुलकर जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने राज्य में हाल ही में लागू किए गए समान नागरिक संहिता (UCC) से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।

Written By: Amar Deep
Published : Feb 17, 2024 22:03 IST, Updated : Feb 18, 2024 0:00 IST
CM पुष्कर सिंह धामी ने लिव-इन रिलेशन को लेकर दी स्पष्ट जानकारी।- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV CM पुष्कर सिंह धामी ने लिव-इन रिलेशन को लेकर दी स्पष्ट जानकारी।

Aap Ki Adalat: इंडिया टीवी के चर्चित शो 'आप की अदालत' में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कई विषयों पर खुलकर बात की। वहीं आप की अदालत में India Tv के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा के सवालों का भी उन्होंने सामना किया। इस दौरान पुष्कर सिंह धामी ने UCC को लेकर चल रही तमाम अटकलों को एक-एक करके स्पष्ट किया। वहीं लिव-इन-रिलेशन को लेकर लाए गए नए प्रावधानों के बारे में भी उन्होंने जानकारी दी। विपक्ष के द्वारा जहां UCC को लिव-इन कपल्स को परेशान करने वाला नियम बताया जा रहा है तो वहीं सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ये स्पष्ट किया कि लिव-इन कपल्स के लिए UCC लाया जाना क्यों जरूरी था।

शशि थरूर की टिप्पणी पर दिया बयान

कांग्रेस नेता शशि थरूर की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कि 'उत्तराखंड की सरकार लोगों के ‘बेडरूम मे झांककर’ उनकी प्राइवेसी पर हमला कर रही है और ‘नैनी स्टेट’ की तरह काम कर रही है', मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि ‘जो भी प्रावधान किया गया है वह शशि थरूर जी की सुविधा के लिए नहीं किया गया है। ऐसा हमारे बेटे-बेटियों की सुरक्षा के लिए किया गया है ताकि उनके माता-पिता जान सकें कि उनके बच्चे कैसे रहते हैं। आपने देखा कि गोवा में कैसे लाश के टुकड़े सूटकेस में मिले। लिव-इन के दौरान जन्मे बच्चों की देखभाल नहीं हो पाती, उन्हें संपत्ति में कोई हिस्सा नहीं मिलता। रजिस्ट्रेशन का प्रावधान हमने सुरक्षा के लिए किया है।’

बेवफाई का नहीं करवाना होगा रजिस्ट्रेशन

सीएम पुष्कर धामी ने कहा कि ‘हमारा ध्येय किसी को परेशान करना नहीं, लेकिन कम से कम सुरक्षा तो हो बच्चों की। आज मोहब्बत है, 5-10 साल के बाद मोहब्बत गड़बड़ा जाती है। उसके बाद वे एक दूसरे पर इल्जाम लगाना शुरू कर देते हैं।’ वहीं जब India Tv के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा ने पूछा कि लिव-इन जोड़ों के लिए अलग होने पर पुलिस को सूचित करने का प्रावधान क्यों किया गया है, तो पुष्कर सिंह धामी ने जवाब दिया कि ‘नहीं, उन्हें बेवफाई का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाना होगा। उन्हें केवल सूचना देनी होगी कि हम साथ नहीं रहते हैं। यह कानून किसी को टारगेट करने के लिए नहीं बनाया गया है।’

माता-पिता को होनी चाहिए सूचना

सीएम धामी ने आगे कहा कि ‘सरकार ने अभिभावक बन कर यह कानून बनाया है ताकि उनका भविष्य ठीक रहे। अगर साथ में रहते-रहते उनके बच्चे पैदा हो जाते हैं, तो उन बच्चों के भविष्य की भी चिंता की है। अगर वे रहते हैं तो रहें, लेकिन उनके माता-पिता को सूचना होनी चाहिए। सोचिए कि जब कोई अनहोनी होती है तो उनके माता-पिता पर क्या गुजरती है।’

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