Saturday, April 27, 2024
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आप की अदालत: लव जिहाद को लेकर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने क्या कहा? यहां जानें

आप की अदालत में इस बार के मेहमान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी थे। अदालत में सीएम धामी ने लव जिहाद पर भी बात की। उन्होंने कहा कि देवभूमि में इसके लिए कोई स्थान नहीं है। देवभूमि पवित्र रहनी चाहिए।

Rituraj Tripathi Written By: Rituraj Tripathi @riturajfbd
Updated on: February 17, 2024 23:45 IST
Pushkar Singh Dhami- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी

नई दिल्ली: इंडिया टीवी के लोकप्रिय कार्यक्रम 'आप की अदालत' में इस बार के मेहमान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी थे। इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ रजत शर्मा ने उनसे कई मुद्दों पर सवाल पूछे, जिसका धामी ने खुलकर जवाब दिया। इस दौरान धामी ने लव जिहाद पर भी बात की।

लव जिहाद पर क्या बोले धामी?

सीएम धामी ने लव जिहाद को लेकर कहा, 'लव जिहाद जैसी चीजें बहुत ही खराब हैं। ऐसी घटनाएं उत्तराखंड में बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं हैं। देवभूमि में इसके लिए कोई स्थान नहीं है। देवभूमि पवित्र रहनी चाहिए।’

कांग्रेस नेता शशि थरूर की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कि उत्तराखंड की सरकार लोगों के ‘बेडरूम मे झांककर’ उनकी प्राइवेसी पर हमला कर रही है और ‘नैनी स्टेट’ की तरह काम कर रही है, मुख्यमंत्री ने कहा, ‘जो भी प्रावधान किया गया है वह शशि थरूर जी की सुविधा के लिए नहीं किया गया है। ऐसा हमारे बेटे-बेटियों की सुरक्षा के लिए किया गया है ताकि उनके माता-पिता जान सकें कि उनके बच्चे कैसे रहते हैं। आपने देखा कि गोवा में कैसे लाश के टुकड़े सूटकेस में मिले। लिव-इन के दौरान जन्मे बच्चों की देखभाल नहीं हो पाती, उन्हें संपत्ति में कोई हिस्सा नहीं मिलता। रजिस्ट्रेशन का प्रावधान हमने सुरक्षा के लिए किया है।’

धामी ने कहा, ‘हमारा ध्येय किसी को परेशान करना नहीं, लेकिन कम से कम सुरक्षा तो हो बच्चों की। आज मोहब्बत है, 5-10 साल के बाद मोहब्बत गड़बड़ा जाती है। उसके बाद वे एक दूसरे पर इल्जाम लगाना शुरू कर देते हैं।’

जब रजत शर्मा ने पूछा कि लिव-इन जोड़ों के लिए अलग होने पर पुलिस को सूचित करने का प्रावधान क्यों किया गया है, तो पुष्कर सिंह धामी ने जवाब दिया: ‘नहीं, उन्हें बेवफाई का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाना होगा। उन्हें केवल सूचना देनी होगी कि हम साथ नहीं रहते हैं। यह कानून किसी को टारगेट करने के लिए नहीं बनाया गया है।’

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