Thursday, December 12, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. 'लालकृष्ण आडवाणी नहीं चाहते थे कि बाबरी मस्जिद गिराई जाए', सोशल मीडिया पोस्ट में उमा भारती ने किया दावा

'लालकृष्ण आडवाणी नहीं चाहते थे कि बाबरी मस्जिद गिराई जाए', सोशल मीडिया पोस्ट में उमा भारती ने किया दावा

राम मंदिर आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाली और बाबरी मस्जिद के गिरने के बाद बीजेपी के कई नेता गिरफ्तार कर लिए गए थे। इसमें लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती प्रमुख थे।

Written By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Published : Jan 14, 2024 19:08 IST, Updated : Jan 14, 2024 19:09 IST
Ayodhya, Ram Mandir, Uttar Pradesh, Lal Krishna Advani, Uma Bharti- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV आडवाणी जी नहीं चाहते थे कि बाबरी मस्जिद गिराई जाए- उमा भारती

नई दिल्ली: अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां देशभर में हो रही हैं। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए हजारों लोग अयोध्या आएंगे। इसमें से कुछ वह लोग भी होंगे, जिन्होंने राम मंदिर आंदोलन को धार दी थी। इसमें बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती समेत कई लोग हैं। वहीं प्राण प्रतिष्ठा से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने दावा किया है कि लालकृष्ण आडवाणी नहीं चाहते थे कि बाबरी मस्जिद के ढांचे को गिराया जाए।

'ढांचे को कहीं और शिफ्ट कराना चाहते थे आडवाणीजी'

सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स (ट्विटर) पर एक पोस्ट करते हुए उमा भारती ने दावा किया कि आदवनी जी नहीं चाहते थे कि विवादित ढांचे को गिराया जाए। उन्होंने कहा, "जब आडवाणी जी सोमनाथ से रथ यात्रा लेकर चले तो उनका आह्वान था कि इस  विवादास्पद ढांचे को नई टेक्नोलॉजी के द्वारा गिराए बगैर कहीं अन्यत्र शिफ्ट कर दिया जाए।" 

'आडवाणी जी को शायद इसी का खेद था'

वहीं इसके विपरीत जो घटना हुई कि उनकी आंखों के सामने कारसेवकों ने अपने प्राणों की परवाह न करते हुए ढांचा ढहा दिया। आडवाणी जी को शायद इसी का खेद था, वह रामलला जहां विराजमान है वहीं मंदिर चाहते थे। अयोध्या में जो भीड़ मौजूद थी वह रामभक्त, आस्थावान कारसेवक तो थे किंतु उनमें से बहुत सारे लोग हमारे अनुशासित कार्यकर्ता नहीं थे। 

'जन भावनाएं रिमोट कंट्रोल से नियंत्रित नहीं होती'

उमा भारती ने कहा कि कारसेवक किसी भी कीमत पर उस कलंक के ढांचे को गिराने के लिए आतुर थे और ढांचा ढह जाने के कारण ही तो पुरातत्व विभाग खुदाई कर सका, मंदिर होने के सबूत मिले, माननीय कोर्ट ने स्वीकार किया, शिलान्यास हुआ और अब 6 दिसंबर की घटना राम मंदिर का मूल कारण तो बनी ही, एक सबक भी बनी कि जन भावनाएं रिमोट कंट्रोल से नियंत्रित नहीं होती, यह सबके लिए एक सबक बन गया।  

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement