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सूचना सेठ जैसी मां अपने ही बच्चे को कैसे नुकसान पहुंचा सकती है? एक्सपर्ट कह रहे ये बात

39 वर्षीय सेठ एक कैब में गोवा से बेंगलुरु जा रही थीं, तभी उन्हें हिरासत में ले लिया गया। इस मामले में आगे की जांच बाकी है। मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने मां और बच्चे के बीच के लगाव और इस बात पर विचार किया कि कैसे एक मां अपने ही बच्चे को मार सकती है।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : Jan 13, 2024 02:40 pm IST, Updated : Jan 13, 2024 02:40 pm IST
suchna seth- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO सूचना सेठ

बेंगलुरु की सीईओ के अपने 4 साल के बेटे की हत्या के हालिया मामले ने आपको अंदर तक झकझोर दिया होगा। आपको एक मां और उसके बच्चे, मानवता के बीच के बंधन और मानवता पर सवाल उठाने पर मजबूर कर दिया होगा। एक्सपर्ट्स ने माता-पिता के बीच अच्छे संबंध और मानसिक स्वास्थ्य के लिए मदद लेने के महत्व पर जोर दिया। दरअसल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्टार्ट-अप की सीईओ सूचना सेठ इस हफ्ते तब सुर्खियों में आईं, जब उन्हें कर्नाटक पुलिस ने सोमवार रात अपने चार साल के बच्चे की हत्या और शव को बैग में ले जाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।

39 वर्षीय सेठ एक कैब में गोवा से बेंगलुरु जा रही थीं, तभी उन्हें हिरासत में ले लिया गया। इस मामले में आगे की जांच बाकी है। मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने मां और बच्चे के बीच के लगाव और इस बात पर विचार किया कि कैसे एक मां अपने ही बच्चे को मार सकती है।

सूचना सेठ की मनोदशा पर क्या कह रहे मनोवैज्ञानिक/एक्सपर्ट-

गुरुग्राम स्थित आर्टेमिस अस्पताल के प्रमुख सलाहकार, मानसिक स्वास्थ्य और व्यवहार विज्ञान डॉ. राहुल चंडोक ने बच्चा पैदा करने में मां की इच्छा के महत्व पर जोर दिया। डॉ. चंडोक ने कहा, ''माता-पिता का बच्चे के साथ लगाव बच्चे की चाहत से शुरू होता है। लेकिन, कभी-कभी बच्चा नहीं चाहिए होता, ऐसे में लगाव स्वस्थ तरीके से विकसित नहीं हो पाता है। जन्म के बाद, माता-पिता और बच्चे के बीच संबंध विकसित करने में कठिनाई होती है, जिसके चलते रिश्ते को गंभीर नुकसान हो सकता है। अगर व्यक्ति बच्चा पैदा नहीं करना चाहता तो बंधन कभी विकसित नहीं होगा।''

मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पहुंचा सकते हैं नुकसान

उन्होंने कहा कि कुछ मानसिक विकार हैं, जहां माता-पिता सिजोफ्रेनिया, बाइपोलर डिसऑर्डर जैसे बच्चे को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं, लेकिन इनके अभाव में लगाव संबंधी समस्याएं परेशानी ला सकती हैं। डॉ. चंडोक ने यह भी कहा कि दंपत्ति के बीच रिश्तों में खटास के कारण माता-पिता भी अपने बच्चों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। उन्होंने कहा, ''जब दंपत्ति के बीच संबंध ख़राब हो जाते हैं, तो बच्चा दो वयस्कों के बीच झगड़ा बन जाता है। इसके चलते बच्चे के साथ अलगाव हो सकता है और इस तरह के नुकसान हो सकते हैं।''

वैवाहिक कलह भी है वजह

मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के मानसिक स्वास्थ्य और व्यवहार विज्ञान विभाग के निदेशक और प्रमुख डॉ. समीर मल्होत्रा कहते हैं, "कभी-कभी वैवाहिक कलह की पृष्ठभूमि में माता-पिता का अलगाव व्यक्ति को अपने अलग हुए जीवनसाथी को पीड़ा पहुंचाने के लिए अपने ही बच्चे को एक वस्तु के रूप में उपयोग करने पर मजबूर कर देता है।' यह सनसनीखेज मामले की प्रारंभिक जांच में स्पष्ट था, जिसमें पता चला कि अदालत द्वारा मुलाकात के अधिकार दिए जाने के बाद सेठ ने अपने पूर्व पति को बच्चे तक पहुंच से वंचित करने के लिए अपराध किया था।

गर्भावस्था के बाद मां के लिए स्वस्थ और सहायक माहौल महत्वपूर्ण

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने गर्भावस्था के दौरान और बाद में मां की भलाई के महत्व पर भी जोर दिया, जो मां और उसके बच्चे के बीच के बंधन को विकसित करने के साथ-साथ बनाए रखने में भी मदद कर सकता है। उन्होंने कहा कि गर्भावस्था के बाद मां के लिए एक स्वस्थ और सहायक माहौल सबसे महत्वपूर्ण है, और गर्भावस्था या प्रसव के बाद किसी भी मनोवैज्ञानिक लक्षण का तुरंत एक पेशेवर से इलाज कराया जाना चाहिए।

टेंशन, डिप्रेशन

फोर्टिस अस्पताल, मुलुंड के सलाहकार मनोचिकित्सक डॉ. संजय कुमावत ने कहा, ''अगर आप चिंता और डिप्रेशन से पीड़ित हैं तो पेशेवर मदद लेना अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण है। चाहे आप कामकाजी मां हों या नहीं, किसी भी प्रकार का तनाव होने पर पेशेवर मदद लेना सर्वोपरि है। (इनपुट- IANS)

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