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BJP-RSS के लोगों पर हमला करने वाले कार्यकर्ताओं को 'रिपोर्टर' की उपाधि देती थी PFI, ED की चार्जशीट में बहुत बड़े खुलासे

ED ने PFI के खिलाफ आज जो चार्जशीट दाखिल की है उसमें खुलासा हुआ है कि PFI भाजपा और RSS के लोगों पर हमला करने वाले अपने कार्यकर्ताओं को "रिपोर्टर" नाम की उपाधि दी थी।

Reported By : Atul Bhatia Edited By : Swayam Prakash Published : Feb 08, 2024 14:21 IST, Updated : Feb 08, 2024 14:25 IST
PFI- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO ED की चार्जशीट में PFI को लेकर बहुत बड़े खुलासे

प्रवर्तन निदेशालय द्वारा प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े कुछ लोगों को अरेस्ट करने के मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की गई है। दिल्ली के पटियाला हॉउस कोर्ट में दाखिल की गई प्रवर्तन निदेशालय की इस सप्लीमेंट्री चार्जशीट में पीएफआई को लेकर बहुत बड़े खुलासे हुए हैं। ईडी ने अपनी चार्जशीट में कहा कि जांच से पता चला है कि पीएफआई ने भाजपा, आरएसएस के लोगों पर हमला करने वाले अपने कार्यकर्ताओं को 'रिपोर्टर' के नाम की उपाधि दी थी।

BJP-RSS के खिलाफ हमले करने की साजिश रची

ईडी का कहना है कि अपराध से अर्जित पैसे का इस्तेमाल युद्ध प्रशिक्षण देने के लिए किया जा रहा था, जो लोगों की जान ले सकता था। प्रवर्तन निदेशालय ने प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के खिलाफ दायर अपनी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में आरोप लगाया है कि PFI ने अपने लोगों को दुश्मनों की पहचान करने और उन्हें शारीरिक नुकसान पहुंचाने का काम सौंपा था और इस काम को अंजाम देने वालों को "रिपोर्टर" कहा जाता था। PFI ने बीजेपी और आरएसएस को अपना दुश्मन बताया और उनके खिलाफ हमले करने की साजिश रची। ईडी ने कथित 120 करोड़ रुपये के पीएमएलए मामले में 12 पीएफआई सदस्यों के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की है। ईडी ने कहा है कि 120 करोड़ में से 60 करोड़ सीधे पीएफआई के खाते में आए। ये शुद्ध रूप से अपराध की कमाई है। 

शारीरिक प्रशिक्षण की आड़ में वॉर ट्रेनिंग

ईडी ने आरोप लगाया कि अपराध से प्राप्त आय का इस्तेमाल पीएफआई द्वारा अवैध गतिविधियों में किया जा रहा है। चार्जशीट में ईडी ने दावा किया कि हिंसक अपराधों के आरोपी पीएफआई कार्यकर्ताओं को आवास और शादी की योजनाओं की आड़ में भुगतान प्रदान किया गया था। ईडी ने अपनी चार्जशीट में यह भी दावा किया कि पीएफआई, शारीरिक प्रशिक्षण की आड़ में, अपने सदस्यों को युद्ध प्रशिक्षण प्रदान कर रहा था जो लोगों को मारने की दिशा में काम करने की साजिश रच रहा था। इस चार्जशीट में ईडी ने कहा है कि PFI सदस्य इस प्रशिक्षण का उपयोग विभिन्न गम्भीर अपराधों को अंजाम देने के लिए कर रहे हैं।

PFI की विदेशों में मौजूदगी की पुष्टि 

हालांकि ईडी मुख्य रूप से पीएमएलए की धारा पर काम करता है, लेकिन उसने स्पष्ट रूप से कहा है कि अपराध की आय की मदद से, पीएफआई अपने सदस्यों को चाकू के उपयोग जैसे प्रशिक्षण प्रदान कर रहा था, जो लोगों को मार सकता था। पीएफआई ने विदेश में अपनी मौजूदगी से स्पष्ट रूप से इनकार किया। हालांकि, ईडी को कुछ और ही संकेत देने वाले सबूत मिले हैं। ईडी ने कहा कि PFI के राष्ट्रीय महासचिव अनीस अहमद ने कहा था कि पीएफआई केवल भारत में संचालित होता है। लेकिन, ईडी द्वारा जब्त किए गए डिजिटल डेटा से पता चला कि पीएफआई के खाड़ी देशों में हजारों सक्रिय सदस्य थे और वे सभी सुव्यवस्थित और संरचित तरीके से धन इकट्ठा कर रहे थे।

यूएई से लेकर कुवैत तक, कई खाड़ी देशों में PFI

इस चार्जशीट में ईडी ने दावा किया है कि उसने PFI के विदेशी सदस्यों का डेटा बरामद किया है, जिनकी संख्या 14,428 तक है। ईडी ने कहा कि हमने यूनिटी हाउस, कोझिकोड से जब्त की गई हार्ड डिस्क से एक दस्तावेज़ बरामद किया। इससे पता चला कि पीएफआई के जेद्दा, रियाद, दम्मम, यूएई, कतर, बहरीन, कुवैत, ओमान और एशिया के अन्य क्षेत्रों में सदस्य हैं। ED ने  हाल ही में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की है जिसपर पटियाला हाउस कोर्ट ने सज्ञान भी ले लिया है। 

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