Sunday, May 12, 2024
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स्टडी में हुआ खुलासा, तीसरी कोविड लहर का सामना कर रहा भारत, फरवरी में चरम पर होगा संक्रमण

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), कानपुर के शोधकर्ताओं की एक टीम के नेतृत्व में किए गए अध्ययन ने गॉसियन डिस्ट्रीब्यूशन के मिश्रण की फिटिंग के आधार पर एक सांख्यिकीय पद्धति का उपयोग किया है, जो कि मापदंडों का अनुमान लगाने के लिए क्लस्टरिंग के लिए एक एल्गोरिथ्म पर आधारित है।

IANS Edited by: IANS
Published on: December 23, 2021 6:46 IST
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Image Source : PTI  तीसरी कोविड लहर का सामना कर रहा भारत

Highlights

  • भारत में दिसंबर के मध्य से कोविड-19 की तीसरी लहर शुरू हो गई है
  • यह अगले साल फरवरी में अपने चरम पर पहुंच सकती है
  • भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा किए गए कई अध्ययनों में सामने आए निष्कर्षो से यह जानकारी सामने आई है

नई दिल्ली: ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच, भारत में दिसंबर के मध्य से कोविड-19 की तीसरी लहर शुरू हो गई है और यह अगले साल फरवरी में अपने चरम पर पहुंच सकती है। भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा किए गए कई अध्ययनों में सामने आए निष्कर्षो से यह जानकारी सामने आई है।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), कानपुर के शोधकर्ताओं की एक टीम के नेतृत्व में किए गए अध्ययन ने गॉसियन डिस्ट्रीब्यूशन के मिश्रण की फिटिंग के आधार पर एक सांख्यिकीय पद्धति का उपयोग किया है, जो कि मापदंडों का अनुमान लगाने के लिए क्लस्टरिंग के लिए एक एल्गोरिथ्म पर आधारित है। हालांकि अभी तक इस स्टडी की पूर्ण रूप से समीक्षा की जानी बाकी है।

महामारी की पहली दो लहरों पर डेटा का उपयोग करके तीसरी लहर का पूर्वानुमान लगाया गया है। टीम ने विभिन्न देशों के डेटा का भी उपयोग किया, जो पहले से ही तीसरी लहर का सामना कर रहे हैं। इसके साथ ही टीम ने दैनिक मामलों के डेटा की मॉडलिंग की है और इस स्टडी के आधार पर भारत में तीसरी लहर के प्रभाव और समय की भविष्यवाणी की गई है।

गणित और सांख्यिकी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर, सुभरा शंकर धर ने पेपर में लिखा है, "रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि भारत में कोविड-19 की तीसरी लहर दिसंबर 2021 के मध्य में शुरू होगी और मामले फरवरी 2022 की शुरुआत में चरम पर होंगे।"

आईआईटी हैदराबाद और कानपुर की एक संयुक्त टीम के नेतृत्व में एक अलग अध्ययन सूत्र मॉडल पर आधारित है, जो देश के कोविड-19 प्रक्षेपवक्र को ट्रैक करता है।

आईआईटी हैदराबाद के प्रोफेसर एम. विद्यासागर और आईआईटी कानपुर के मनिंदा अग्रवाल के अनुसार, दैनिक तौर पर मामले बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि ओमिक्रॉन ने डेल्टा को प्रमुख वैरिएंट के रूप में विस्थापित करना शुरू कर देता है। सरल शब्दों में कहें तो अब डेल्टा के बजाय ओमिक्रॉन सबसे प्रमुख वैरिएंट के तौर पर उभर चुका है।

इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि भारत में पिछले 24 घंटों में 6,317 ताजा कोविड मामले सामने आए हैं, जबकि संक्रमण की वजह से 318 मौतें दर्ज की गई हैं। इसके साथ ही ओमिक्रॉन मामलों की संख्या भी 213 तक पहुंच गई है।

318 नई मौतों के साथ, मरने वालों की संख्या 4,78,325 हो गई है। हालांकि, कुल ओमिक्रॉन पॉजिटिव में से 90 को छुट्टी दे दी गई है। मंत्रालय ने कहा कि अब तक 15 राज्यों ने ओमिक्रॉन वैरिएंट की सूचना दी है। दिल्ली में सबसे ज्यादा 57 ओमिक्रॉन मामले पाए गए हैं और इसके बाद महाराष्ट्र (54) का नंबर आता है।

मीडिया रिपोर्ट्स में राष्ट्रीय कोविड-19 सुपरमॉडल समिति के सदस्यों के हवाले से कहा गया है कि एक बार जब ओमिक्रॉन डेल्टा को प्रमुख वैरिएंट के रूप में विस्थापित करना शुरू कर देगा, तो भारत में दैनिक कोविड-19 मामले बढ़ने की उम्मीद है।

उनकी भविष्यवाणी के अनुसार, भारत में कोविड की तीसरी लहर 'अगले साल की शुरुआत में' शुरू होने वाली है।

हालांकि, उन्होंने नोट किया कि देश में अब बड़े पैमाने पर प्रतिरक्षा और टीकाकरण मौजूद होने के कारण संक्रमण दर दूसरी लहर की तुलना में कम होगी।

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