Saturday, May 04, 2024
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मनीष सिसोदिया की बढ़ी मुश्किलें, जासूसी मामले में CBI जांच को गृह मंत्रालय से मिली मंजूरी

गृह मंत्रालय ने 'फीडबैक यूनिट' कथित जासूसी मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है।

IndiaTV Hindi Desk Edited By: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: February 22, 2023 15:06 IST
मनीष सिसोदिया- India TV Hindi
Image Source : PTI मनीष सिसोदिया

नयी दिल्ली: दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ गई हैं। गृह मंत्रालय ने 'फीडबैक यूनिट' कथित जासूसी मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। सीबीआई ने पिछले दिनों दिल्ली सरकार की फीडबैक यूनिट पर जासूसी का आरोप लगाते हुए डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और अन्य अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करने की अनुमति मांगी थी। 

झूठे मामले दर्ज करना कायरता की निशानी-सिसोदिया

सिसोदिया ने ट्विटर का रुख करते हुए केंद्र सरकार के इस कदम की आलोचना की। उन्होंने ट्वीट किया, “अपने प्रतिद्वंद्वियों पर झूठे मामले दर्ज करना एक कमज़ोर और कायर इंसान की निशानी है। जैसे-जैसे आम आदमी पार्टी बढ़ेगी, हम पर और भी बहुत केस किए जाएंगे।” इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई ने मांग की कि सीबीआई इस मामले में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को तत्काल गिरफ्तार करे और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की भूमिका की भी जांच की जाए। भाजपा की दिल्ली इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, "हम मांग करते हैं कि सीबीआई तुरंत सिसोदिया को गिरफ्तार करे और जासूसी के असली आरोपी अरविंद केजरीवाल की भूमिका की भी जांच की जाए।"

फीडबैक यूनिट की आड़ में जासूसी का आरोप

दरअसल, 2015 के विधानसभा चुनाव के कुछ महीनों के भीतर आम आदमी पार्टी सरकार ने कथित तौर पर सतर्कता विभाग को मजबूत करने के लिए एक फीडबैक यूनिट बनाई थी। आरोप है कि इस फीडबैक यूनिट की आड़ में जासूसी कराई गई। इस संबंध में सीबीआई को एक शिकायत दी गई थी और शुरुआती जांच में सीबीआई ने पाया कि फीडबैक यूनिट के जरिए राजनीतिक खुफिया जानकारी इकट्ठा की गई थी। 

26 फरवरी को पेश होने के लिए नोटिस जारी किया

वहीं सीबीआई ने दिल्ली के मनीष सिसोदिया को आबकारी नीति घोटाला मामले में पूछताछ को लेकर 26 फरवरी को पेश होने के लिए एक नया नोटिस जारी किया है। अधिकारियों ने कहा कि नोटिस सिसोदिया के अनुरोध पर जारी किया गया क्योंकि उन्होंने 19 फरवरी को अपनी पूर्व निर्धारित पूछताछ को टालने का आग्रह किया था। दिल्ली सरकार में वित्त विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे सिसोदिया ने बजट तैयारी कवायद का हवाला देते हुए पूछताछ टालने और फरवरी के अंतिम सप्ताह के दौरान की तारीख देने का आग्रह किया था। 

सीबीआई ने पिछले साल 25 नवंबर को जारी किया था नोटिस

सीबीआई ने पिछले साल 25 नवंबर को सात लोगों के खिलाफ अपना पहला आरोप पत्र दाखिल किया था जिसमें सिसोदिया को आरोपी के रूप में नामित नहीं किया गया था। अधिकारियों ने कहा कि धन के लेन-देन और शराब व्यापारियों, ‘आप’ नेताओं और बिचौलियों के बीच संबंधों की आगे की जांच में सीबीआई ने विस्तृत सामग्री एकत्र की है, जिस पर उसे सिसोदिया से स्पष्टीकरण की आवश्यकता है। सिसोदिया प्राथमिकी में मुख्य आरोपी हैं। सीबीआई ने मामले में सिसोदिया और प्राथमिकी में नामजद अन्य आरोपियों के खिलाफ जांच जारी रखी है। आरोपपत्र दाखिल किए जाने के तीन महीने बाद, अधिकारियों ने कहा कि उन्हें बैठकों, संदेशों के आदान-प्रदान और लेन-देन का विवरण मिला है, जिस पर उपमुख्यमंत्री से स्पष्टीकरण मांगा जा सकता है।

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