Sunday, May 12, 2024
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F-INSAS: चीन की बजेगी बैंड, और मजबूत हुई भारतीय सेना, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सौंपी आधुनिक हथियारों की खेप, जानें क्या-क्या है शामिल

F-INSAS: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को आधुनिक हथियारों की खेप भारतीयन सेना को दी। इन हथियारों से सेना की मारक क्षमता में इजाफा होगी। इससे हमारे सैनिक आधुनिक युद्ध लड़ने में सक्षम होंगे।

Ravi Prashant Written By: Ravi Prashant @iamraviprashant
Updated on: August 18, 2022 18:28 IST
F-INSAS- India TV Hindi
Image Source : TWITTER F-INSAS

Highlights

  • निपुण बारूदी सुरंग है
  • ये नांव एक समय में 35 सैनिकों को ले जा सकती है
  • इस वर्दी में अडवांस्ड कम्युनिकेशन सिस्टम होगा

F-INSAS: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को आधुनिक हथियारों की खेप भारतीयन सेना को दी। इन हथियारों से सेना की मारक क्षमता में इजाफा होगी। इससे हमारे सैनिक आधुनिक युद्ध लड़ने में सक्षम होंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोह में भारत निर्मित होवित्जर - एटीएजीएस - की शुरुआत के एक दिन बाद ही नई सिस्टम सौंपी थी। सेना को नई एंटी-कार्मिक माइन निपुण, फ्यूचरिस्टिक इन्फैंट्री सोल्जर एज़ सिस्टम (F-INSAS),लैंडिंग क्राफ्ट असॉल्ट (LCA) और साथ ही आधुनिक ड्रोन सिस्टम भी दिया। इन हथियारों से लद्दाख जैसे युद्ध क्षेत्रों में भारतीय सेना को एक मजबुती मिलेगी। 

एफ-इंसास (F-INSAS) क्या है?

फ्यूचर इन्फैंट्री सोल्जर एज़ ए सिस्टम या एफ-इंसास इसे दोनों नाम से जाना जाता है। ये एक तरह का प्रोजेक्ट है जो थल सैनिकों के लिए काफी मददगार साबित होगी। इससे सैनिकों के कार्यक्षमता में मजबुती मिलेगी। ये हर मौसम काम करने के लिए तैयार रहेगा।  F-INSAS पूरी तरह से मेड इन इंडिया है। सभी मानकों  को सेना द्वारा निर्धारित किया गया है। इस पूरी सिस्टम को डीआरडीओ और आयुध कारखानों के पारिस्थितिकी तंत्र सहित भारतीय संस्थाओं द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन किया गया है। इससे पैदल सेना आधुनिकीकरण के यूग में प्रेवश कर जाएगी। रक्षा मंत्रालय ने यूके, फ्रांस, इज़राइल और जर्मनी जैसे अन्य देशों में इसी तरह के कार्यक्रमों का अध्ययन किया था। 

क्या-क्या रहेगा खासियत 
F-INSAS गियर में बैलिस्टिक हेलमेट, बैलिस्टिक गॉगल्स और बुलेट प्रूफ वेस्ट शामिल हैं जो सैनिकों को 9 मिमी की गोलियों और AK-47 राइफल से दागे गए गोला-बारूद से बचाते हैं। हेलमेट में एक नाइट-विज़न डिवाइस है यानी रात के अंधेरों में भी काफी दुरी तक देखा जा सकता है। सैनिक बिना हाथों का प्रयोग किए, एक-दुसरे आपस में संपर्क कर सकते हैं। इस वर्दी में अडवांस्ड कम्युनिकेशन सिस्टम होगा।  F-INSAS सैनिकों को AK-203 असॉल्ट राइफलों के ऊपर होलोग्राफिक लेंस लगा मिलेगा। ये 200 मीटर तक सटीक टारगेट को भेद कर सकता है। AK-203 को अमेठी के पास कोरवा में रूस-भारत के संयुक्त उद्यम में बनाया जा रहा है। AK-203 के अलावा, F-INSAS में एक मल्टी-मोड हैंड ग्रेनेड शामिल है, जिसका उपयोग रक्षात्मक और आक्रामक मोड में किया जा सकता है। ग्रेनेड रक्षात्मक मोड में टारगेट को पूरी तरह से बर्बाद कर सकता है। इसका उपयोग तब किया जा सकता है जब सैनिक कवर के नीचे हो।

निपुण खदानें क्या हैं? 
निपुण बारूदी सुरंग है जो दुश्मन की पैदल सेना या टैंकों या आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ के प्रयासों के खिलाफ रोकने का प्रयास करेगी। इसे पुणे स्थित आयुध अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान द्वारा विकसित किया गया था, जो भारतीय उद्योग के साथ-साथ एक DRDO सुविधा है। इसे ऐंटी पर्सनल मांइस भी कहा जा रहा है क्योंकि इन्हें मनुष्यों के खिलाफ प्रयोग किया जा सकता है। ये आकार में छोटे होते हैं और इसे बड़ी संख्या में बिछाए जा सकते हैं

एलसीए (LCA) क्या है? 
लैंडिंग क्राफ्ट असॉल्ट या एलसीए सेना को अपने बलों को अधिक कुशलता से जुटाने और पूर्वी लद्दाख में इलाके में तैनात करने में मदद करेगा है जहां वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास चीन के साथ तनाव हमेंशा बना रहता है। एलसीए एक ऐसा पोत है जो उन नावों की जगह लेता है जो वर्तमान में इस क्षेत्र में झीलों में गश्ती के लिए उपयोग की जाती हैं। इसे गोवा स्थित एक्वेरियस शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है। ये नांव एक समय में 35 सैनिकों को ले जा सकती है। नदियों को पार करने में काफी कम समय लगाएगी। 

सेना को अन्य उपकरण भी दिए गए 
अन्य उपकरण सेना को अपने बख्तरबंद स्तंभों के लिए टैंक टी-90 के लिए कमांडर थर्मल इमेजिंग साइट भी दी गई है। इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड द्वारा विकसित यह उपकरण दुश्मन के टैंक और उपकरणों का पता लगाने और लक्ष्यीकरण में सुधार करने में मदद करता है। इसके अलावा उत्तरी सीमाओं में सेना की गतिशीलता और सुरक्षा को बढ़ाने वाले वाहन भी सौंपे गए, इनमें टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड द्वारा विकसित इन्फैंट्री प्रोटेक्टेड मोबिलिटी व्हीकल (आईएमपीवी) और क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल (मीडियम) दोनों शामिल हैं। ऊर्जा सुरक्षा के लिए जो दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र - सियाचिन ग्लेशियर में तैनात बलों के लिए महत्वपूर्ण है।

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