Sunday, December 15, 2024
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VIDEO: सत्संग में मची थी भगदड़, कब और कैसे फरार हुआ नारायण साकार हरि? जानिए

यूपी के हाथरस में मंगलवार को नारायण साकार हरि के सत्संग में बड़ा हादसा हो गया। सत्संग में मची भगदड़ में 122 लोगों की मौत हो गई। नारायण साकार हरि सत्संग से कब और कैसे फरार हुआ? जानिए पूरी कहानी-

Reported By : Vishal Singh Edited By : Kajal Kumari Published : Jul 03, 2024 18:30 IST, Updated : Jul 03, 2024 20:41 IST
narayan sakar hari- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO नारायण साकार हरि कब और कैसे भागा

बाबा 1:40 पर घटनास्थल से निकल गया था। पुलिस के कॉल डिटेल चेक करने पर पता चला कि बाबा को 2:48 पर आयोजक देव  प्रकाश मधुकर का फोन गया जिसमे संभवतः उसको जानकारी दी गयी इस घटना की।बाबा के फोन पर कॉल गया था और 2 मिनट 17 सेकंड बात हुई थी। इसके बाद बाबा की फोन लोकेशन 3 बजे से 4:35 तक मैनपुरी के आश्रम में मिली जिस दौरान तीन नंबरों पर बाबा ने बात की। पहला नंबर महेश चंद्र नाम के शख्स का था जिससे बाबा की 3 मिनट की बात हुई है।

कब और कैसे फरार हुआ नारायण साकार हरि, जानिए

दूसरा नंबर किसी संजू यादव का था, जिससे केवल 40 सेकंड बात हुई है। तीसरा नंबर किसी रंजना का था, जिससे बाबा की बात करीब 11 मिनट 33 सेकंड की हुई है। खास बात ये है कि रंजना देव प्रकाश आयोजक की पत्नी है, जिसके फोन से शायद देव प्रकाश ने बातचीत की थी। अन्य दो नंबर भी आयोजक समिति के ही हैं, जिनमें महेश चंद्र, बाबा का खास बताया जाता है। 4:35 के बाद बाबा का फोन ऑफ हो गया और फिर अभी तक उसका फोन ऑफ ही है।

इसके बाद कुल 8 जगहों पर दबिश दी गयी है और इसके साथ ही बाबा को ढूंढने के लिए अलग से 40 पुलिसकर्मियों की टीम गठित की गई है,  जिसमें 8 मेंबर एक टीम में है। बाबा के हरियाणा,दिल्ली भागने की गुंजाइश के चलते टोल प्लाजा से भी फुटेज खंगाले जा रहे है लेकिन बाबा का अबतक कोई सुराग नहीं लग सका है कि बाबा गया कहां।

बाबा का पॉलिटिकल कनेक्शन आया सामने

दरअसल भोले बाबा खुद जाटव समुदाय से हैं और उनके अनुयायी यूपी, राजस्थान और मध्य प्रदेश में हैं। एससी/एसटी और ओबीसी वर्ग में उनकी गहरी पैठ है। सत्संग करने वाले सूरज पाल उर्फ बाबा साकार हरि का पुराना सियासी कनेक्शन भी सामने आया है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव इस बाबा के सत्संग में शामिल हुए हैं, जिसकी तस्वीर अखिलेश खुद साझा कर चुके हैं। पिछले वर्ष जनवरी माह में भी अखिलेश बाबा के सत्संग में शामिल हुए थे और बाबा की महिमा का गुणगान में एक पोस्ट शेयर किया था।

सियासी धमक की बात की जाए तो बसपा सरकार में भी बाबा की तूती बोलती थी और जाटव बिरादरी में बड़ी दखलंदाजी के चलते लाल बत्ती वाले मंत्री बाबा के आगे पीछे घूमते थे। एटा,मैनपुरी,आगरा,अलीगढ़ जैसे इलाको में बाबा का जाटव वोट में इतना क्रेज़ है कि राजनीतिक दल के नेता उसके साथ मंच शेयर करते रहे है। बाबा के कहने पर उसके अनुनायी नेताओ को चुनाव में मदद भी करते रहे है।

बाबा के सियासी कद का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि वो अपने कार्यक्रम में लोकल पुलिस को अंदर आने की इजाज़त नही देता था, जैसा कि इस बार भी हुआ। अपने बढ़ते रसूख से बाबा ने हर तरफ अपनी बैठ बना ली थी। लेकिन 121 निर्दोष लोगों की मौत ने बाबा के सारे काले कारनामें सबके सामने खोल के रख दिये हैं।

देखें भोले बाबा के सत्संग का एक्सक्लूसिव वीडियो

इस घटना से पहले भी बाबा नारायण साकार हरि का सत्संग विवादों में रहा है। कोरोना काल के समय साल 2021 में भी बाबा का सत्संग हुआ था जिसमें अनुमति थी महज 50 लोगों की और इकट्ठा हो गई थी 50 हजार की भीड़ । ये वीडियो आप देख सकते हैं जो उत्तर प्रदेश के जिला फर्रुखाबाद की है।

कोरोना काल के समय साल - 2021 में कोरोना के बावजूद नारायण हरि साकार ने सत्संग में भयंकर भीड़ जुटी थी, जिसके बाद उसपर मामला दर्ज हुआ था। तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट दीपाली भार्गव ने बाबा पर कार्रवाई की थी। फर्रूखाबाद के लकूला इलाके में हुआ था भयंकर भीड़ वाला बाबा का कार्यक्रम।

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