
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के पांवटा साहिब इलाके के गांवों में सांप्रदायिक तनाव की आशंका के कारण लागू निषेधाज्ञा की अवधि 26 जून तक बढ़ा दी गई है। हिंदू-मुस्लिम जोड़े के कथित रूप से भागने को लेकर दो समूहों के बीच 13 जून को झड़प हुई थी। गुरुवार रात जारी एक आदेश में कहा गया कि ‘‘सांप्रदायिक तनाव और कानून व्यवस्था की अस्थिर स्थिति’’ के कारण पावंटा उपमंडल के माजरा पुलिस थाने के अंतर्गत 5 गांवों- कीरतपुर, मालियों, फतेहपुर, मिस्सरवाला और माजरा में 13 जून से लागू निषेधाज्ञा को जिला मजिस्ट्रेट प्रियंका वर्मा ने 26 जून तक बढ़ा दिया है।
किन चीजों पर जारी रहेगी रोक?
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNS) 2023 की धारा 163 के तहत जारी आदेश के अनुसार इन गांवों की सीमाओं के भीतर पांच या अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने, घातक हथियार लेकर चलने, सार्वजनिक रैली करने, जुलूस निकालने या भूख हड़ताल करने, किसी भी प्रकार की ज्वलनशील सामग्री लेकर चलने, सार्वजनिक स्थानों पर पथराव या कोई आपत्तिजनक सामग्री फेंकने और भड़काऊ भाषण या सांप्रदायिक अथवा राज्य विरोधी भाषण देने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि उन्हें जिला पुलिस प्रमुख निश्चिंत सिंह नेगी से रिपोर्ट मिली है कि पूर्व में किए गए निवारक उपायों के बावजूद नेताओं द्वारा सार्वजनिक तौर पर भड़काऊ भाषण दिए जाने की हालिया घटनाओं समेत सांप्रदायिक तनाव की स्थिति के कारण कानून-व्यवस्था संबंधी हालात अस्थिर बने हुए हैं।
कब से लागू है निषेधाज्ञा?
13 जून को पथराव की घटना के बाद 19 जून तक निषेधाज्ञा लागू कर दी गई थी। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया था जिसमें पुलिस और महिलाओं समेत 10 से अधिक लोग घायल हो गए थे। इस मामले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राजीव बिंदल और पांवटा से भाजपा विधायक सुखराम चौधरी के खिलाफ हत्या की कोशिश का मामला दर्ज किया गया है। (भाषा इनपुट्स के साथ)
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