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Rajat Sharma's Blog | क्या बंगाल में मोदी ममता को पीछे छोड़ देंगे ?

बंगाल में इस बार का चुनाव बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस दोनों के लिए नाक का सवाल है। फर्क बस इतना है कि बंगाल में ममता का सब कुछ दांव पर लगा है लेकिन बीजेपी के लिए बंगाल में खोने के लिए कुछ नहीं हैं।

Written By: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published : May 29, 2024 17:44 IST, Updated : May 29, 2024 17:44 IST
Rajat Sharma, India TV- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि 4 जून को सबसे ज्यादा चौंकाने वाले नतीजे पश्चिम बंगाल से आएंगे। बंगाल में बीजेपी क्लीन स्वीप करेगी, ममता का किला ढह जाएगा। मोदी ने कहा कि इस बार ओडिशा में भी बड़ा बदलाव होगा। 25 साल से ओडिशा में चल रहा नवीन पटनायक का शासन खत्म होगा, 10 जून को ओडिशा में बीजेपी का मुख्यमंत्री शपथ लेगा। हालांकि ममता बनर्जी ने भी दावा किया कि उन्होंने जिस तरह बंगाल से लेफ्ट को उखाड़ फेंका, वैसे ही बंगाल से बीजेपी को बाहर कर देंगी। चार जून को ये पता लग जाएगा कि बंगाल के बारे में बीजेपी के नेताओं के दावे कितने खोखले हैं। बंगाल में मंगलवार को मोदी की दो रैलियां बारासात और जादवपुर में हुईं। कोलकाता में नरेन्द्र मोदी और ममता बनर्जी दोनों का रोड शो हुआ। चूंकि वोटिंग के सातवें और आखिरी चरण में बंगाल की 9 सीटों पर वोट डाले जाने हैं, इसलिए अब तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी ने पूरी ताकत बंगाल में लगाई है। बंगाल में मोदी ने नई गारंटी दी। मोदी ने कहा कि 2014 में उन्होंने गांरटी दी थी कि ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’, अब गारंटी दे रहे हैं, ‘जिन्होंने खाया है, उनसे वापस वसूलूंगा’, और ‘जिनका खाया है, उन्हें लौटाउंगा’।

कोलकाता में मोदी के रोड शो के लिए ज़ोरदार तैयारियां की गई थीं। इस रोड शो का थीम 'बांगालीर मोने मोदी' रखा गया है, जिसका मतलब है- ‘बंगालियों के मन में मोदी’। रोड शो शुरू करने से पहले मोदी ने कोलकाता के बाग बाज़ार में मां शारदा मां के घर गए। मां शारदा रामकृष्ण परमहंस की पत्नी थी। यहीं वह परलोक सिधारी थीं। इसलिए इस जगह के प्रति लोगों में विशेष श्रद्धा हैं। मां शारदा निवास में मोदी ने पूजा-अर्चना की। मोदी श्यामबाजार पहुंचे जहां उन्होंने नेताजी की प्रतिमा पर फूल चढ़ाए। करीब दो किलोमीटर के इस रोड शो में 40 मंच बनाए गए थे जहां रवींद्र संगीत की धुन सुनाई दे रही थी। मोदी पर फूलों की बारिश की जा रही थी। मोदी ने उत्तर कोलकाता से बीजेपी उम्मीदवार तापस रॉय के लिए वोट मांगा। इस सीट से तापस रॉय का मुकाबला तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय से है जो उत्तर कोलकाता से पांच बार चुनाव जीत चुके हैं। पिछले चुनाव में जब बीजेपी ने बंगाल में 18 सीटें हासिल की थी, उस चुनाव में भी इस सीट पर बीजेपी चुनाव नहीं जीत पायी। इसीलिए मोदी ने रोड शो के लिए कोलकाता का यही इलाका चुना। 

करीब एक घंटे तक चला ये रोड शो कोलकाता के शिमला स्ट्रीट पर खत्म हुआ, जहां स्वामी विवेकानंद का मकान है। मोदी ने अपनी रैलियों में कांग्रेस और इंडी अलायंस पर तीखा हमला बोला। कहा कि कुछ लोग पिछले कई दिनों से तानाशाही का राग अलाप रहे हैं, ऐसे लोगों को बंगाल आकर देखना चाहिए कि तानाशाही और गुंडागर्दी क्या होती है। मोदी ने कहा कि बंगाल में जो सच बोलता है, तृणमूल कांग्रेस उसे टारगेट करती है, संदेशखाली में महिलाओं के सम्मान की लड़ाई लड़ने वाली रेखा पात्रा पर कीचड़ उछालने की कोशिश की गई। मोदी ने कहा कि ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में मां को भय दिया है, माटी का अपमान किया और मानुष के साथ अमानुषी व्यवहार किया। उनका इशारा ममता के ‘मां, माटी, मानुष’ वाले नारे की तरफ था। मोदी ने कहा, अब बंगाल की जनता ममता बनर्जी को सबक सिखाएगी। मोदी ने कहा कि ममता ने सिर्फ लोगों को बांटकर, हिन्दुओं को अपमानित करके, मुसलमानों का तुष्टिकरण करके अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकी हैं, लेकिन अब हालात बदलेंगे। 

जहां मोदी का रोड शो हो रहा था, उससे पांच किलोमीटर दूर ममता बनर्जी भी अपने समर्थकों के साथ पदयात्रा कर रही थीं। ममता ने दमदम और दक्षिण कोलकाता में रोड शो किया, करीब 9 किलोमीटर पैदल चलीं। इससे पहले ममता ने मोदी को जवाब दिया, कहा कि मोदी को जो कहना है, कहें लेकिन उनके कहने से कुछ नहीं होने वाला, बंगाल में खेला होगा। ममता ने कहा कि उनका वादा है कि जैसे बंगाल से लैफ्ट को बाहर किया, वैसे ही वीजेपी को बंगाल में पैर नहीं जमाने देंगी। ममता ने कहा कि मोदी सिर्फ झूठे वादे कर रहे हैं। मोदी का एक भी वादा पूरा नहीं होगा। 

बंगाल में इस बार का चुनाव बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस दोनों के लिए नाक का सवाल है। फर्क बस इतना है कि बंगाल में ममता का सब कुछ दांव पर लगा है लेकिन बीजेपी के लिए बंगाल में खोने के लिए कुछ नहीं हैं। चूंकि पिछले लोकसभा चुनाव में ममता को बड़ा झटका लग चुका है, बीजेपी की सीटों की संख्या 2 से बढ़कर 18 हो गई थी और ममता की पार्टी 38 से घट कर 22 पर आ गई थी, इसलिए इस बार ममता परेशान हैं और बीजेपी उत्साहित है। दोनों पूरी ताकत लगा रहे हैं। आखिरी चरण में ममता की चुनौती ज्यादा बड़ी है क्योंकि जिन नौ सीटों पर सांतवें चरण में वोटिंग होनी है, वे ममता के मजबूत इलाके हैं। पिछले चुनाव में ये सारी सीटें तृणमूल कांग्रेस ने जीती थीं। इनमें ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी की डायमंड हार्बर सीट, सौगत रॉय की दमदम सीट और सुदीप बंदोपाध्याय की उत्तरी कोलकाता सीट भी शामिल हैं। बंगाल से जो रिपोर्ट्स मिली हैं, उनमें बताया गया है कि इस बार अभिषेक बनर्जी की सीट डायमंड हार्बर में भी तृणमूल कांग्रेस की स्थिति ठीक नहीं हैं और ये ममता को चिंता में डालने वाली बात है। पिछले विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की जीत में बड़ी भूमिका अदा करने वाले चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर का आकलन है कि इस बार पश्चिम बंगाल में बीजेपी को लोकसभा में पिछली बार के मुकाबले और भी ज्यादा सीटें मिलेंगी और ये आंकड़े  ममता बनर्जी के लिए बड़ा धक्का साबित होंगे।  (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 28 मई, 2024 का पूरा एपिसोड

 

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