Friday, March 29, 2024
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भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की कोई संभावना नहीं: 'आप की अदालत' में महबूबा मुफ्ती

पूर्व सीएम ने कहा कि पाकिस्तानी पीएम इमरान खान को जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए,और भारत को पाकिस्तान को जैश की भागीदारी के सभी सबूत देने चाहिए।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: February 23, 2019 23:59 IST
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भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की कोई संभावना नहीं: 'आप की अदालत' में महबूबा मुफ्ती 

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने दो परमाणु शक्तियों भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होने की किसी भी संभावना से इंकार करते हुए कहा "अगर जंग हुई तो भारत को पाकिस्तान से ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है।‘’

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इंडिया टीवी पर आज रात प्रसारित होने वाले शो 'आप की अदालत' में रजत शर्मा के सवालों का जवाब देते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा, "दो एटमी ताकतों के बीच जंग कभी नहीं होने वाली है। खुदा ना करे, अगर जंग हुई तो हम में से कोई नहीं बचेगा। हमारा मुल्क बड़ा है, यहां खुशहाली है, हमारा नुकसान ज्यादा होगा। हमारे पास खोने के लिए बहुत ज्यादा है। पाकिस्तान के पास खोने को ज्यादा कुछ नहीं है।"

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री का कहना है, "मैं किसी (पाकिस्तान) की हिमायत नहीं कर रही हूं। मैं आपको अक्ल की बात बता रही हूं कि जंग नहीं हो सकती। हां थोड़ी बहुत बॉर्डर पर "गुत्थम-गुत्थी" कर शाम को टीवी पर यह दिखाएंगे कि फतह की। कोई जंग नहीं हो सकती है, आपको लिखकर दे सकती हूं।"

जब रजत शर्मा ने कहा कि यह तय करना सेना के जनरलों का काम है, उनका नहीं, कि कार्रवाई कैसे होगी, महबूबा मुफ्ती ने जवाब दिया: "हां, मैं फैसला नहीं करूंगी, लेकिन स्थिति तय करेगी। ‘’जब उनसे कहा गया कि पीएम ने कहा है कि सारा हिसाब लूंगा तब उन्होंने कहा, ‘’देख लेंगे, मैं पाकिस्तान का साथ नहीं दे रही हूं। मैं हकीकत बता रही हूं।"

महबूबा ने कहा - "जंग शुरू करना आसान है, जंग खत्म करना बहुत मुश्किल है। आप मुझसे लिखकर ले लीजिए आज या कल या 10 या 20 साल बाद बातचीत से ही मसला हल होगा और कोई रास्ता नहीं है। आर्मी के पूर्व जनरल यह बोल चुके हैं कि कश्मीर मसले का कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता। फौज जो कर सकती वो कर चुकी है। अब इसका राजनीतिक हल ही रास्ता बचा है।"

जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख ने पाकिस्तान चले जाने वाली टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। महबूबा ने कहा: "मैं (पाकिस्तान) क्यों जाऊं? आपको जम्मू और कश्मीर कश्मीरियों के बगैर चाहिए? इसीलिए आप बोलते हो कश्मीरी पाकिस्तान चले जाएं? यहां हमारी जमीन है, घर है। हम क्यों जाएं पाकिस्तान? पाकिस्तान वे लोग जाएं जो जंग के नाम पर दूसरों को बेवकूफ बना रहे हैं।”

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "कश्मीर में खूनखराबा रोकने के लिए बातचीत के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है। जंग से मसले का हल नहीं होगा। 1947, 1965, 1971 और 1999 में भी जंग हुई और हर जंग के बाद बातचीत हुई। पाकिस्तान को हराने के बाद भी खून-खराबा जारी रहा। बातचीत ही एकमात्र रास्ता है।"

महबूबा मुफ्ती ने पुलवामा हमले की निंदा न करने और शहीदों के परिवारों के प्रति सहानुभूति व्यक्त न करने पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की आलोचना की। "उन्होंने बड़ी गलती की है। उन्हें इस हमले की निंदा करनी चाहिए थी। मैं इमरान खान से अपील करती हूं कि उनकी सरकार आतंकवादियों को मदद देना बंद करने और घुसपैठ रोके।‘’ "हमें जंग अगर करना है तो उस सोच के साथ करना है जो कश्मीर में हमारे नौजवानों को आतंकवादी बनाता है। इतना बड़ा मुल्क है, हम क्यों उन बच्चों के दिमाग में वो बात नहीं डाल पा रहे हैं जो हम डालना चाहते हैं। वो पड़ोसी मुल्क इन बच्चों को अपनी बात समझाने में दूर बैठे कामयाब हो रहा है। उसका मतलब कहीं न कहीं जेहन में बैठा विचार है उसे बदलने की जरूरत है। आज वहां कई लोगों के जेहन में 'आज़ादी' का या पाकिस्तान का विचार है तो हमें ऐसे उपाय लेकर आना चाहिए कि उन विचारों को निकालकर हम अपने विचार डाल दें। हम कहते हैं जम्मू-कश्मीर को शिकंजे में बंद करके मत रखो, इसके तमाम रास्ते खोल दो।‘’

‘’पाकिस्तान CPEC (चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा) का हिस्सा बन गया। सेंट्रल एशिया में पहुंच गया। कश्मीर में हमारी स्ट्रेटेजिक पोजीशन है। हम क्यों नहीं कारगिल-स्कार्दू रोड खोलते हैं? हम क्यों नहीं श्रीनगर-शिनजियांग रोड खोलते हैं? हम क्यों नहीं कश्मीर को सेंट्रल और साउथ एशिया का कॉरीडोर बनाते हैं? 1947 से पहले जम्मू-कश्मीर सेंट्रल एशिया में कारोबार को केंद्र था।‘’

महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘’इमरान खान खुले विचारों वाले हैं। वो पाकिस्तान की तरक्की चाहते हैं लेकिन वो हिंदुस्तान से दुश्मनी लेकर तरक्की नहीं कर सकते।‘’

जब रजत शर्मा ने कहा कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी इमरान खान को सेना की ‘कठपुतली’ बता चुके हैं, तो महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘’तब तो ज्यादा अच्छा है। पाकिस्तान का फौज और वहां का वजीर-ए-आजम एक ही सोच के हैं तब बात करना ज्यादा आसान है। मुशर्रफ जब थे तब दोनों तरफ कश्मीर के रास्ते खुले थे, बातचीत शुरु हुई थी। आज इमरान को अगर फौज का सपोर्ट है तब यही वक्त है बात करने की। करतारपुर कॉरिडोर उन्होंने 70 साल बाद खोल दिया। हमें उन्हें एप्रीसीएट करना चाहिए।‘’

पूर्व सीएम ने कहा कि पाकिस्तानी पीएम इमरान खान को जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए,और भारत को पाकिस्तान को जैश की भागीदारी के सभी सबूत देने चाहिए। "भारत को पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरू करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।"

'आप की अदालत' में महबूबा मुफ्ती का शो शनिवार रात 10 बजे इंडिया टीवी पर प्रसारित किया। इसका प्रसारण रविवार सुबह 10 बजे और रात 10 बजे फिर होगा।

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