Wednesday, April 24, 2024
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ओडिशा के मुख्यमंत्री के तौर पर नवीन पटनायक ने पूरे किए 20 साल

नवीन पटनायक ने ओडिशा के मुख्यमंत्री पद पर 20 साल पूरे कर लिए हैं। उन्होंने गुरुवार को राज्य के लोगों को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।

IANS Reported by: IANS
Published on: March 05, 2020 22:40 IST
Naveen Patnaik- India TV Hindi
Naveen Patnaik

भुवनेश्वर: नवीन पटनायक ने ओडिशा के मुख्यमंत्री पद पर 20 साल पूरे कर लिए हैं। उन्होंने गुरुवार को राज्य के लोगों को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने कहा, "भगवान जगन्नाथ के आशीर्वाद और ओडिशा में लोगों के समर्थन के साथ हमारी सरकार ने लोगों की सेवा में 20 साल पूरे कर लिए हैं। मैं लोगों का ऋणी हूं।" उन्होंने कहा कि उनकी सरकार समृद्ध और मजबूत ओडिशा के लिए प्रयास करना जारी रखेगी।

राज्य सरकार नवीन पटनायक के पिता व राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक की जयंती मनाने के साथ ही गुरुवार को पंचायती राज दिवस भी मना रही है। 2000 में मुख्यमंत्री बने नवीन पटनायक ने राजनीति में प्रवेश के बाद कभी हार का स्वाद नहीं चखा। वह अब ओडिशा के सबसे लंबे समय तक रहने वाले मुख्यमंत्री बन गए हैं।

उन्हें प्राकृतिक आपदाओं के कुशल संचालन के लिए जाना जाता है और इस मामले में अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से भी उनकी प्रशंसा होती रही है। हालांकि वह पहले बीजू पटनायक के पुत्र होने के कारण मुख्यमंत्री बने, लेकिन इसके बाद पिछले दो दशकों से राज्य में खनन और चिट फंड जैसे कई हजार करोड़ के घोटाले के बावजूद वह उड़ीसा में सत्ता में बने रहने में कामयाब रहे हैं।

पटनायक ने स्नातक तक पढ़ाई की है। अपनी सरकार में भ्रष्टाचार और घोटालों के लिए मंत्रियों पर आरोप लगने के बावजूद खुद एक साफ छवि बनाए रखने में सफल रहे हैं। उन्होंने अपने अंतिम चार कार्यकालों के दौरान लगभग चार दर्जन मंत्रियों को बर्खास्त किया है, ताकि घोटालों और अन्य भ्रष्टाचार के आरोपों से उछलने वाला कीचड़ उनके ऊपर न आए।

उनके नेतृत्व में बीजू जनता दल (बीजद) भी काफी मजबूत हुई है। राजनीति में अक्सर कहा जाता है कि लंबे समय से सत्ता में रहने पर एंटी-इनकंबेंसी फैक्टर काम करता है, जिससे चुनाव लड़ने वाली सत्ताधारी पार्टी को नुकसान का आकलन किया जाता है। मगर नवीन पटनायक ने हर बार इस फैक्टर को गलत साबित करके दिखाया है।

2014 और 2019 के चुनावों में भी नवीन पटनायक की लोकप्रियता कहीं से भी कम नहीं रही और बीजद का रुतबा ओडिशा में कायम रहा, जबकि जबकि देश के अन्य हिस्सों में नरेंद्र मोदी की लहर थी। बीजद ने न केवल राज्य को बरकरार रखा, बल्कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी की लोकप्रियता में वृद्धि के बावजूद अपना वोट शेयर बढ़ाया है।

बीजद ने 147 सदस्यीय ओडिशा विधानसभा में 2019 में 44.7 फीसदी के वोट शेयर के साथ 113 सीटें जीतीं। वहीं पार्टी 2014 में 43.7 फीसदी के वोट शेयर के साथ 117 सीटें जीतने में कामयाब रही।

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