Friday, May 03, 2024
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Lok Sabha Election 2024: भाकपा का घोषणा पत्र जारी, आरक्षण, CAA और जातिगत गणना को लेकर किए बड़े वादे

भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। अपने घोषणा पत्र में भाकपा ने सीएए को खत्म करने का वादा किया है। इसके साथ ही जातिगत गणना कराने और आरक्षण की सीमा समाप्त करने का भी जिक्र किया है।

Amar Deep Edited By: Amar Deep
Published on: April 06, 2024 18:53 IST
भाकपा ने जारी किया घोषणा पत्र।- India TV Hindi
Image Source : ANI भाकपा ने जारी किया घोषणा पत्र।

नई दिल्ली: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने शनिवार को लोकसभा चुनाव के लिए अपना घोषणा पत्र जारी किया। अपने घोषणा पत्र में भाकपा ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को निरस्त करने का वादा किया है। इसके अलावा अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटाने का वादा किया गया है। पार्टी ने यह भी कहा है कि मनरेगा के तहत दैनिक मजदूरी बढ़ाकर 700 रुपये की जाएगी। 

निजी क्षेत्र में आरक्षण का वादा 

बता दें कि भाकपा ने अपने घोषणा पत्र में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को खत्म करने, आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटाने, जाति जनगणना कराने, संपत्ति कर और विरासत कर जैसे कराधान उपायों को लागू करने, कॉरपोरेट कर बढ़ाने, निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू करने का वादा किया। घोषणा पत्र में कहा गया है कि ‘‘18वीं लोकसभा के लिए आम चुनाव हमारे धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य, इसके भविष्य और हमारे संवैधानिक ताने-बाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं।’’ 

संविधान बदलने की हो रही कोशिश

घोषणा पत्र जारी करने के बाद भाकपा महासचिव डी राजा ने कहा कि ‘‘चुनाव देश और उसके भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी का शासन देश के लिए विनाशकारी रहा है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि ‘‘संविधान पर हमला हो रहा है। आरएसएस की राजनीतिक सेना होने के नाते भाजपा संविधान को बदलने की कोशिश कर रही है।’’ वाम दल ने कहा कि अगर वह सत्ता में आई तो बढ़ती असमानता को दूर करने के लिए कदम उठाएगी। भाकपा का यह भी कहना है कि उसका लक्ष्य प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों को संसद के दायरे में लाना है। 

संघवाद को करेंगे मजबूत

उन्होंने कहा कि वह ‘‘संघवाद को मजबूत करने के लिए राज्यपाल कार्यालय को खत्म करने के लिए अपने संघर्ष को तेज करेगी।’’ घोषणापत्र में कहा गया है कि ‘‘राज्यों में निर्वाचित सरकारों को प्रमुख नीतिगत निर्णय लेने का अधिकार दिया जाना चाहिए।’’ भाकपा ने कहा कि वह एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर 50 प्रतिशत की ‘‘मनमानी’’ सीमा को हटाने और परिसीमन और जनगणना से संबंधित खंड को हटाकर महिला आरक्षण को तुरंत लागू करने के लिए राजनीतिक और कानूनी रूप से लड़ाई जारी रखेगी।  (इनपुट- भाषा)

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