Sunday, December 15, 2024
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कच्चाथीवू पर मचा सियासी संग्राम, पीएम मोदी के बयान पर कांग्रेस बोली-'इसकी क्रोनोलॉजी समझिए'

भाजपा ने कच्चाथीवू द्वीप को चुनावी मुद्दा बना दिया है, जिसे लेकर पीएम मोदी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया। पीएम मोदी की बात पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा-पहले आप इसकी क्रोनोलॉजी समझिए।

Edited By: Kajal Kumari @lallkajal
Published : Mar 31, 2024 22:29 IST, Updated : Mar 31, 2024 22:35 IST
PM Modi and jairam ramesh- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO पीएम मोदी और जयराम रमेश

कच्चातिवु आइलैंड का मुद्दा अब लगता है लोकसभा चुनाव में चुनावी मुद्दा बन जाएगा। इस मुद्दे पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को अपने आधिकारिक X हैंडल और फिर उत्तर प्रदेश के मेरठ में रैली के दौरान कच्चातिवु आइलैंड के मुद्दे पर कांग्रेस और इंडिया गठबंधन पर जमकर निशाना साधा तो कांग्रेस ने भी इसपर पलटवार किया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी पर आरोप लगाया कि चुनाव से पहले 'संवेदनशील' मुद्दा उठाना उनकी हताशा को दर्शाता है।

कच्चातिवु को लेकर पीएम मोदी ने एक्स पर एक मीडिया रिपोर्ट साझा करते हुए लिखा, ''आंखें खोलने वाला और चौंका देने वाला! नए तथ्यों से पता चलता है कि कैसे कांग्रेस ने बेरहमी से कच्चातिवु को छोड़ दिया। इससे हर भारतीय नाराज है और लोगों के मन में यह बात बैठ गई है कि हम कांग्रेस पर कभी भरोसा नहीं कर सकते! भारत की एकता, अखंडता और हितों को कमजोर करना 75 वर्षों से कांग्रेस का काम करने का तरीका रहा है।''

इसके बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि इतिहास को तोड़ा-मरोड़ा गया है। जिन परिस्थितियों और संदर्भों में ये फैसले लिए गए, उन्हें नजरअंदाज कर कांग्रेस नेताओं को बदनाम किया जा रहा है। जयराम रमेश ने ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा-

आप क्रोनोलॉजी समझिए:

1. भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष ने तमिलनाडु में ध्यान भटकाने वाला मुद्दा बनाने के लिए एक आरटीआई क्वेरी दायर की। जबकि महत्वपूर्ण सार्वजनिक मुद्दों पर लाखों आरटीआई प्रश्नों को नजरअंदाज कर दिया जाता है या अस्वीकार कर दिया जाता है, इसे वीवीआईपी ट्रीटमेंट मिलता है और तेजी से उत्तर दिया जाता है।

2. भाजपा के तमिलनाडु अध्यक्ष बहुत आसानी से मीडिया के कुछ मित्रवत वर्गों में अपने प्रश्न का उत्तर "रख" देते हैं। प्रधानमंत्री तुरंत इस मुद्दे को तूल देते हैं, जैसे मैच फिक्सिंग की बात!

3. इतिहास को तोड़ा-मरोड़ा गया है। जिन परिस्थितियों और संदर्भों में ये निर्णय लिए गए, उन्हें नजरअंदाज कर कांग्रेस नेताओं को बदनाम किया जा रहा है। 1974 में, उसी वर्ष जब कच्चातीवु श्रीलंका का हिस्सा बन गया, सिरिमा भंडारनायके-इंदिरा गांधी समझौते ने श्रीलंका से 600,000 तमिल लोगों को भारत वापस लाने की अनुमति दी। एक ही कदम में, प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने छह लाख अब तक राज्यविहीन लोगों के लिए मानवाधिकार और सम्मान सुरक्षित किया

4. 2015 में, मोदी सरकार ने बांग्लादेश के साथ भूमि सीमा समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसमें 17,161 एकड़ भारतीय क्षेत्र छोड़ दिया गया, जबकि केवल 7,110 एकड़ प्राप्त हुआ। प्रभावी रूप से, भारत का भूमि क्षेत्र 10,051 एकड़ कम हो गया। प्रधानमंत्री पर बचकाना आरोप लगाने के बजाय कांग्रेस पार्टी ने संसद के दोनों सदनों में इस विधेयक का समर्थन किया।

5. राष्ट्र की अखंडता के लिए वास्तविक खतरा पिछले कुछ वर्षों में भारतीय क्षेत्र पर चीनी पीएलए का बड़े पैमाने पर अतिक्रमण है। चीन को 'लाल आंख' दिखाने के वादे पर सत्ता में आए प्रधान मंत्री ने 19 जून, 2020 को यह घोषणा करके चीन को क्लीन चिट दे दी कि एक भी चीनी सैनिक भारतीय क्षेत्र में नहीं घुसा है - जबकि भाजपा के अपने सांसदों ने हमारी भूमि पर चीनी घुसपैठ की पुष्टि की है।

राष्ट्रीय सुरक्षा के अपने खराब रिकॉर्ड का जवाब देने में असमर्थ और तमिलनाडु में बिल्कुल शून्य सीटें मिलने का सामना करने पर, प्रधान मंत्री और उनके ढोल बजाने वाले हताश हो गए हैं। तमिलनाडु के लोगों ने इन खेलों को देखा है और 19 अप्रैल को करारा जवाब देंगे!

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