Thursday, March 28, 2024
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पहाड़ी इलाकों में बारिश और बांधों से छोड़ा गया पानी बना आफत

उत्तराखंड के ऊंचाई वाले पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश और बांधों से छोड़ा गया पानी उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में मुसीबत बनकर टूटा है। प्रदेश में गंगा, यमुना और घाघरा समेत कई नदियां रौद्र रूप अपना रही हैं।

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: August 18, 2019 18:20 IST
Water - India TV Hindi
Image Source : PTI पहाड़ी इलाकों में बारिश और बांधों से छोड़ा गया पानी बना आफत (प्रतिकात्मक तस्वीर)

लखनऊ। उत्तराखंड के ऊंचाई वाले पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश और बांधों से छोड़ा गया पानी उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में मुसीबत बनकर टूटा है। प्रदेश में गंगा, यमुना और घाघरा समेत कई नदियां रौद्र रूप अपना रही हैं। इनकी बाढ़ की चपेट में आने से कई मकान बह गये हैं और फसलों को भी व्यापक नुकसान हो रहा है।

खतरे के  निशान से ऊपर गंगा

केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक गंगा नदी कछलाब्रिज (बदायूं) में खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही है। वहीं, चम्बल नदी का जलस्तर धौलपुर में, शारदा नदी का पलियाकलां में और घाघरा नदी का जलस्तर एल्गिनब्रिज में लाल चिह्न से ऊपर बना हुआ है। इसके अलावा गंगा नदी का जलस्तर गढ़मुक्तेश्वर, नरौरा और फर्रुखाबाद में खतरे के निशान से ऊपर है।

कालपी में यमुना खतरे के निशान से ऊपर

इस बीच, जालौन से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक जिलाधिकारी मन्नान अख्तर ने बताया कि कालपी तहसील क्षेत्र में बहने वाली यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर निकल गया है। जलस्तर बढ़ने से यमुना तट के दर्जनों ग्राम पंचायतों का संपर्क तहसील मुख्यालय से कट गया। खरीफ की फसल को भी भारी क्षति हुई है। अख्तर के मुताबिक हरियाणा के हथिनी कुंड से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के अलावा राजस्थान के कोटा क्षेत्र में अधिक बारिश होने के कारण यमुना नदी में अचानक बाढ़ आ गई।

कालपी - दर्जनों गांव का तहसील मुख्यालय से सम्पर्क टूटा

कालपी के उपजिलाधिकारी भैरपाल सिंह ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर राजस्व कर्मियों को तैनात कर दिया गया है साथ ही बाढ़ चौकियों को भी सक्रिय कर दिया गया। कालपी में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण दर्जनों गांव का तहसील मुख्यालय से सम्पर्क टूट गया है। जिलाधिकारी ने बताया कि बेतवा एवं यमुना नदी की बाढ़ से खरीफ की फसल को भारी नुकसान हुआ है। नष्ट हुई खरीफ की फसल का सर्वे भी राजस्व कर्मियों से करवाया जा रहा है।

फर्रुखाबाद में रामगंगा उफान पर

फर्रुखाबाद से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड में हुई भारी बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण गंगा तथा रामगंगा जबर्दस्त उफान पर पहुंच गयी हैं। सैलाब की वजह से शमसाबाद क्षेत्र में चार मकान जलधारा में समा गये हैं। इसके अलावा छह किसानों के खेत भी गंगा नदी में कट गए हैं।

नरौरा से छोड़ा गया 12 हजार क्यूसेक पानी

वहीं, अमृतपुर क्षेत्र में कई गांवों में आवागमन बंद हो गया है। नरौरा बांध से कल गंगा नदी में एक लाख 12 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण इसका जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंच गया है। जिलाधिकारी मोनिका रानी ने बताया कि प्रशासन ने गंगा नदी की कटान रोकने के लिए काम शुरू कर दिया है।

अगले 24 घंटों के यूपी वेस्ट के कई हिस्सों में बारिश का अनुमान

मौसम केन्द्र की रिपोर्ट के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों में अनेक स्थानों पर जबकि पूर्वी भागों में कुछ जगहों पर बारिश हुई। इस दौरान नकुड़ में सबसे ज्यादा 17 सेंटीमीटर बारिश हुई। इसके अलावा सहारनपुर में 10, बुढ़ाना में सात, मेरठ, हापुड़, बिजनौर, मुजफ्फरनगर और मवाना में पांच-पांच सेंटीमीटर, बागपत तथा ठाकुरद्वारा में चार-चार, निघासन, स्वार, गौतम बुद्ध नगर, देवबंद, मुरादाबाद, सरधना, मुरादाबाद, नगीना, सिकन्दराबाद और जलेसर में तीन-तीन सेंटीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गयी। अगले 24 घंटों के दौरान राज्य के पश्चिमी भागों में अनेक स्थानों पर तथा पूर्वी हिस्सों में कुछ जगहों पर बारिश होने का अनुमान है। अगले दो दिनों के अंदर मानसूनी बादल राज्य के पूर्वी हिस्सों पर भी मेहरबान हो सकते हैं और इनमें ज्यादातर स्थानों पर बारिश हो सकती है। 

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