Thursday, May 16, 2024
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फूलों को कैसे पता चलता है कि मौसम बदल रहा है? समझें इसका साइंटिफिक फंडा

आपने कभी सोचा है कि फूल और पौधों को कैसे पता चलता है कौन सा मौसम है और कब इन्हें फूल देना है और कब नहीं। तो, आइए आज जानते हैं पौधों के सोचने और समझने की साइंस।

Pallavi Kumari Written By: Pallavi Kumari @Shabdita_Pallav
Updated on: March 01, 2024 18:02 IST
Flowers and sunlight - India TV Hindi
Image Source : SOCIAL Flowers and sunlight

हम सभी के घरों में खूब सारे पेड़-पौधे और फूल आदि हैं। आप सभी ने नोटिस भी किया होगा कि कुछ मौसम में ये पौधे खूब फूल देते हैं तो कुछ मौसम में ये बेजान से पड़े रहते हैं। लेकिन, सोचने वाली बात ये है कि आखिरकार पेड़-पौधों को पता कैसे चलता है कि कौन सा मौसम चल रहा है और उन्हें इनके प्रति कैसे रिएक्ट करना है। आखिर फूलों को कैसे पता चलता है कि वो कब खिल सकते हैं और कब नहीं। तो, इन सबके पीछे असल में ये साइंस है जो कि बताता कि आखिरकार फूलों के फलने-फूलने का मौसम क्या है? जानते हैं इन तमाम चीजों के बारे में विस्तार से।

फूलों को कैसे पता चलता है कि मौसम बदल रहा है?

दरअसल, पौधों के अंदर भी Circadian clock होता जैसी हम इंसानों का बॉडी क्लॉक। ये असल में सूरज की रोशनी के अनुसार यहां से वहां मूव करता रहता है। जैसे कि दिन की लंबाई के अनुसार वो मौसम का पता लगा लेते हैं। ये 24 घंटे की अवधि के दौरान जैविक प्रक्रियाओं को सिंक्रनाइज करती है और पौधों को बताती है कि मौसम अब बदल रहा है।

How do flowers know weather is changing

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How do flowers know weather is changing

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फूल कैसे जानते हैं कि कब खिलना है?

वर्ष के कुछ समय में, फूल वाले पौधे अपनी पत्तियों में फ्लावरिंग लोकस टी नामक (Flowering Locus T) एक प्रोटीन का उत्पादन करते हैं जो फूल आने को प्रेरित करता है। एक बार जब यह प्रोटीन बन जाता है, तो यह पत्तियों से शूट एपेक्स तक जाता है, पौधे का एक हिस्सा जहां कोशिकाएं अविभाजित होती हैं, जिसका अर्थ है कि वे या तो पत्तियां या फूल बन सकते हैं।

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इनके अलावा पौधे बढ़ते मौसम के अगले चरण के लिए खुद को तैयार करने के लिए तापमान संकेतों का उपयोग करके पर्यावरण के अनुकूल ढल जाते हैं। विकास के विभिन्न चरण जैसे कि बीज का अंकुरण, फूल आना और बीज का जमाव, वर्ष के विशिष्ट समय में सामान्य रूप से अनुभव होने वाले संकीर्ण तापमान रेंज में होने के लिए ठीक-ठाक होते हैं।

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