Wednesday, March 27, 2024
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ब्रेस्ट कैंसर से हर साल हो रही है करीब डेढ़ लाख लोगों की अकाल मौंत, ऐसे करें खुद का बचाव

भारत में एक साल में करीब 1,44,000 नए स्तन कैंसर के रोगी सामने आ रहे हैं। गलत जीवनशैली और जागरूकता की कमी के चलते भारत में स्तन कैंसर रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जानिए लक्षण, बचाव और कारण...

India TV Lifestyle Desk Edited by: India TV Lifestyle Desk
Published on: October 10, 2017 14:07 IST
breast cancer- India TV Hindi
breast cancer

नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन के अुनसार, भारत में हर साल पांच लाख लोग कैंसर से अकाल मौत का शिकार हो रहे हैं। कैंसर रोगियों की संख्या इसी रफ्तार से बढ़ती रही, तो 2015 में यह मृत्युदर सात लाख तक पहुंच जाएगी। पॉपुलेशन बेस्ड कैंसर रजिस्ट्री (पीबीसीआर) के अनुसार, भारत में एक साल में करीब 1,44,000 नए स्तन कैंसर के रोगी सामने आ रहे हैं। गलत जीवनशैली और जागरूकता की कमी के चलते भारत में स्तन कैंसर रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

विश्वभर में अक्टूबर माह स्तन कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर स्तन कैंसर रोग विशेषज्ञों ने रोग की स्थिति, कारण, बचाव और उपचार के बारे में बताया है।

कारण

  • बढ़ती उम्र
  • मोटापा
  • रजोस्त्राव का उम्र के साथ जल्दी आना और देर तक रहना
  • पहला बच्चा 30 की उम्र के बाद होना
  • स्तनपान कम या नहीं करवाना और अनुवांशिकता स्तन कैंसर की संभावना को बढ़ाता है।
  • पिल्स या हार्मोस रिप्लेसमेंट थैरेपी (एचआरटी) का लंबे समय तक प्रयोग भी इसके लिए उत्तरदायी हो सकता है।

स्वस्थ जीवनशैली को अपनाकर इस रोग की संभावनाओं को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। सही उम्र में वैवाहिक जीवन की शुरुआत, गर्भनिरोधक गोलियों से दूरी, स्तनपान करवाने, शारीरिक रूप से स्वस्थ रहकर और शराब से दूरी बनाकर स्तन कैंसर की संभावनाओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

लक्षण

बीएमसीएचआरसी रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभागाध्यक्ष, सीनियर कंसल्टेंट डॉ. निधि पाटनी का कहना है कि स्तन कैंसर की पहचान महिलाएं स्वयं स्तन परिक्षण (सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिन) के साथ भी कर सकती है।

  • स्तन में गांठ का उभरना
  • स्तन के हिस्से में सूजन आना
  • स्तन के चारों ओर की त्वचा में परिवर्तन होना
  • स्तन या निप्पल में दर्द होना, निप्पल का मोटा होना
  • निप्पल में किसी तरल पदार्थ का निकलना

उन्होंने कहा, "हाथ की उंगलियों का पैड बनाकर स्तन की गांठ, त्वचा का लचीलापन या आकार में परिवर्तन होने की पहचान की जा सकती है। यदि महिला, स्तन में परिवर्तनों में से कोई भी परिवर्तन देखती है तो उसे कैंसर चिकित्सक से परामर्श करने में देरी नहीं करनी चाहिए। स्तन कैंसर की पहचान के लिए मैमोग्राफी सबसे महत्वपूर्ण जांच है, जिसके जरिए स्तन का एक्स-रे किया जाता है।"

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