माना जाता है कि भगवान शिव को अभिषेक अत्यंत प्रिय है| पूजा के समय पवित्र भस्म से स्वयं को पहले त्रिपुंड लगाना अत्यंत शुभ होता है| इसी प्रकार शाम के समय यानी की सूर्यास्त से घंटा पहले दुबारा स्नान करके पूजा अर्चना करें। और रात भर जागरण करें। दूसरें दिन सत्तू का बना प्रसाद सभी को बांट दें और खुद भी खाएं।
मान्यता है कि सोम प्रदोष व्रत को सच्चें मन और विधि-विधान से पूजा करने पर आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।