Friday, May 03, 2024
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Vaishakha Amavasya 2021: 11 मई को वैशाख मास की अमावस्या पर करें पिंड दान, जानें तर्पण विधि

वैशाख की वैशाख अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस बार अमावस्या 11 मई मंगलवार को पड़ रही हैं। मंगलवार को पड़ने के कारण इसे भौम अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: May 10, 2021 13:16 IST
 Vaishakha Amavasya 2021: 11 मई को वैशाख मास की अमावस्या पर करें पिंड दान, जानें तर्पण विधि- India TV Hindi
Image Source : FREEPIK  Vaishakha Amavasya 2021: 11 मई को वैशाख मास की अमावस्या पर करें पिंड दान, जानें तर्पण विधि

हिंदू वर्ष  का दूसरा महीना वैशाख होता  है। वैशाख  की अमावस को वैशाख अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस बार अमावस्या 11 मई  मंगलवार को पड़ रही हैं। मंगलवार को पड़ने के कारण इसे भौम अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस तिथि पर स्नान-दान और पित्रों का तर्पण करना शुभ माना जाता है। 

वैशाख अमावस्या तिथि का मुहूर्त

वैशाख मास की अमावस्या तिथि का आरंभ 10 मई,  सोमवार को रात 9 बजकर 55 मिनट पर हो रहा है, जोकि 11 मई दिन मंगलवार को रात 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगी।  इस आधार पर अमावस्या 11 मई को मनाई जाएगी। इसके साथ ही  श्राद्ध आदि की अमावस्या मनायी जायेगी |

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कैसे करें पितरों के लिए पूजा

  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज के दिन पितरों का श्राद्ध और तर्पण करना चाहिए।
  • पितृ दोष से मुक्ति के लिये और अपने पितरों का आशीर्वाद पाने के लिये आज के दिन दूध, चावल की खीर बनाकर, गोबर के उपले या कंडे की कोर जलाकर, उस पर पितरों के निमित्त खीर का भोग लगाना चाहिए । भोग लगाने के बाद थोड़ा-सा पानी लेकर अपने दायें हाथ की तरफ, यानी भोग की बाईं ओर में छोड़ दें । 
  • अगर आप दूध-चावल की खीर नहीं बना सकते, तो आज के दिन घर में जो भी शुद्ध ताजा खाना बना है, उसका ही पितरों को भोग लगा दें ।
  • आज के दिन एक लोटे में जल भरकर, उसमें गंगाजल, थोड़ा-सा दूध, चावल के दाने और तिल डालकर दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके पितरों का तर्पण करना चाहिए।

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 घर पर कैसे करें तृप्ति का कर्म

  • कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लॉकडाउन है। ऐसे में नदियों में स्नान करना संभव नहीं है। आप चाहे तो इस विधि को घर में ही रहकर आसानी से कर सकते हैं।
  • जिस तरह पितरों को दान देने से पहले नदी में स्नान किया जाता है। उसी तरह आप घर में अपनी स्नान वाले पानी में थोड़ा सा गंगाजल डाल लें। 
  • अपने मन में पितरों की तृप्ति का संकल्प लेकर अन्न, जल का दान दें। 
  • हो सके तो किसी को भोजन करा दें। 
  • घर पर सात्विक भोजन बनाएं। इसके साथ ही अगर गाय हो तो उसे भी भोजन कराएं।

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