Saturday, April 27, 2024
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मध्य प्रदेश में आज कांग्रेस मना रही 'गददार दिवस', 2020 में आज ही के दिन गिरी थी कमलनाथ सरकार

मध्य प्रदेश में 20 मार्च 2020 को कांग्रेस के कुछ विधायकों की बगावत के बाद कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई थी।

Swayam Prakash Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published on: March 20, 2023 14:58 IST
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ

मध्य प्रदेश में 20 मार्च 2020 को कांग्रेस के कुछ विधायकों की बगावत के बाद कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई थी। कांग्रेस इस घटना को राजनीतिक इतिहास का काला दिन बता रही है और इसे गद्दार दिवस के तौर पर मना रही है। वहीं पार्टी ने आगामी 23 मार्च से लोकतंत्र बचाओ सप्ताह मनाने का भी ऐलान किया है। कांग्रेस के मीडिया अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश की असहनीय स्थितियों को लेकर कांग्रेस आगामी 23 से 29 मार्च तक लोकतंत्र बचाओ सप्ताह मनाएगी। इसके तहत हर रोज पार्टी के वरिष्ठ नेता जिलों व शहरों में प्रेस वार्ता लेकर शिवराज सरकार की जनविरोधी नीतियों, झूठी घोषणाओं, कभी न पूरे होने वाले शिलान्यासों के फरेब से आमजन को अवगत कराएंगे।

"एमपी के इतिहास में दूसरी बार जुड़ा काला अध्याय"

कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा का कहना है कि 20 मार्च, 2020 को मध्य प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में दूसरी बार काला अध्याय जोड़ा गया। 1967 में पं द्वारका प्रसाद मिश्र के बाद 2020 में कतिपय बिकाऊ गद्दारों का सहयोग लेकर भाजपा ने कमलनाथ की लोकतांत्रिक ढंग से निर्वाचित सरकार को अपदस्थ कर लोकतंत्र की हत्या का इतिहास रचा। आज भी वही दिन है। लिहाजा, कांग्रेस इस अशुभ और कलंकित दिन को 'गद्दार दिवस' के रूप में मना रही है।

"2023 में राजनीतिक फांसी देने वक्त आ गया"
कांग्रेस के मीडिया चीफ ने आगे कहा, "लोकतांत्रिक दुष्कर्म के दुष्कर्मियों को राजनीतिक फांसी देने का समय अब वर्ष-2023 में आ गया है। सर्वविदित है कि प्रदेश की शिवराज सरकार हर मोर्चे पर असफल साबित हो चुकी है। युवाओं और बेरोजगारों को सिर पर लाठी मारती, लाडली बहनों की साड़ी खींचती, दलितों को जंजीरों में बांधती, आदिवासियों को जमीनों में गाड़ती, पिछड़ों के आरक्षण के प्रतिवेदनों को फाड़ती, अलग-अलग किस्म के माफियाओं की आरती करती है। शिवराज सरकार की भ्रष्ट योजनाओं और अनैतिक राजनीतिक चरित्र का पदार्फाश हो चुका है।"

"मध्य प्रदेश में लगा आर्थिक आपातकाल"
कांग्रेस का आरोप है कि मध्य प्रदेश में 'आर्थिक आपातकाल' लग चुका है, प्रदेश 3.80 लाख करोड़ के कर्ज के बोझ के तले दब चुका है यानि प्रदेश में पैदा होने वाला हर बच्चा 50 हजार रु. कर्ज का बोझ लेकर जन्म ले रहा है। राज्य सरकार ने महज 55 दिनों में 20 हजार करोड़ का कर्ज लिया। बावजूद इसके हमारे घोषणावीर मुख्यमंत्री घोषणाएं ऐसी कर रहे हैं जैसे कुबेर का खजाना इनकी ही जेब में है। कांग्रेस की मांग है कि प्रदेश की आर्थिक बदहाली और कर्ज की लांघती हुई सीमा पर राज्य सरकार 'श्वेत-पत्र' जारी करे। 

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