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महाराष्ट्र: इन दो बड़ी योजनाओं को बंद कर सकती है फडणवीस सरकार, समीक्षा का निर्देश जारी

महाराष्ट्र सरकार राज्य शिवभोजन थाली और आनंदाचा शिधा जैसी योजनाओं को रोकने पर विचार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, इन दोनों योजनाओं की समीक्षा करने को कहा गया है।

Reported By : Sachin Chaudhary Edited By : Subhash Kumar Published : Feb 06, 2025 19:54 IST, Updated : Feb 06, 2025 19:58 IST
आर्थिक संकट से जूझ रही महाराष्ट्र सरकार।
Image Source : PTI आर्थिक संकट से जूझ रही महाराष्ट्र सरकार।

आर्थिक संकट से जूझ रही महाराष्ट्र सरकार राज्य की वित्तीय स्थिति को ठीक करने के लिए शिवभोजन थाली और आनंदाचा शिधा जैसी योजनाओं को रोकने  का विचार कर रही है। सूत्रों के अनुसार, सीएम देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में कैबिनेट की बैठक में अधिकारियों से दोनों योजनाओं की समीक्षा करने को कहा। राज्य कैबिनेट ने योजनाओं के खर्च और प्रभाव के आधार पर उन्हें जारी रखने पर चर्चा की। अगले महीने मार्च में होने वाले बजट सत्र में यह फैसला लिए जाने की संभावना है। जानकारी के मुताबिक, दोनों योजनाओं से राज्य के खजाने पर सालाना करीब 1,300 करोड़ रुपये का बोझ पड़ता है।

शिवभोजन थाली योजना क्या है?

शिवभोजन थाली योजना सीएम उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महा विकास अघाड़ी शासन के दौरान महाराष्ट्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक सब्सिडी वाला भोजन कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य गरीबों और जरूरतमंदों को सस्ता भोजन उपलब्ध कराना है। इस योजना में 10 रुपये की सब्सिडी वाली दर पर दो चपाती, सब्जियां, चावल और दाल से युक्त पूर्ण भोजन थाली दी जाती है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में थाली की वास्तविक लागत अलग-अलग होती है, शहरी क्षेत्रों में ₹50 और ग्रामीण क्षेत्रों में ₹35 सरकार बाकी लागत वहन करती है, जिससे यह आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहे लोगों के लिए एक किफायती विकल्प बन जाता है। यह योजना 26 जनवरी, 2020 को शुरू की गई थी और वंचितों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा एक महत्वपूर्ण पहल रही है।

उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, इस योजना में:

  • राज्य भर में 1,699 भोजनालय शिव भोजन थाली परोस रहे हैं।
  • लगभग 1,80, 000 वास्तविक थाली प्रतिदिन वितरित की जाती हैं।
  • जबकि लक्ष्य प्रतिदिन 2 लाख थाली परोसने का है।

आनंदाचा शिधा योजना क्या है?

आनंदाचा शिधा योजना राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई एक त्यौहार किट वितरण कार्यक्रम है। इस योजना का उद्देश्य दिवाली, गुड़ी पड़वा और डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर जयंती जैसे त्यौहारों के दौरान पात्र लाभार्थियों को आवश्यक वस्तुएँ प्रदान करना है। इस योजना के तहत, लाभार्थियों को छह वस्तुओं से युक्त एक किट मिलती है, जिसमें शामिल हैं:

  • 1 किलो चीनी
  • 1 लीटर खाद्य तेल
  • 500 ग्राम सूज़ी
  • 500 ग्राम चना दाल
  • 500 ग्राम मैदा
  • 500 ग्राम पोहा

ये किट ₹100 प्रति किट की रियायती दर पर वितरित की जाती हैं। इस योजना के लाभार्थियों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 में परिभाषित अंत्योदय अन्न योजना और प्राथमिकता वाले परिवार शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, 14 आत्महत्या-प्रवण जिलों के एपीएल किसान (केसर) कार्डधारक भी इस योजना के लिए पात्र हैं। महाराष्ट्र में आनंदाचा सिद्धा योजना की वार्षिक लागत वितरित की गई किटों की संख्या और उनकी लागत के आधार पर वार्षिक व्यय के अनुसार बताई जा सकती है।

2022 में, ₹100 प्रति किट की दर से 1.61 करोड़ किट वितरित किए गए। इसका मतलब है कि ₹161 करोड़ का खर्च। इसी तरह, 2023 में 1.59 करोड़ किट वितरित किए गए, जिनकी राशि ₹159 करोड़ थी। 2024 के लिए 1.60 करोड़ किट स्वीकृत किए गए, जो लगभग ₹160 करोड़ होंगे।

शिव भोजन थाली जारी रखें- छगन भुजबल

हालांकि, पूर्व उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर मांग की है कि राज्य के गरीब और जरूरतमंद नागरिकों के लिए राज्य में शुरू की गई शिव भोजन थाली योजना को भविष्य में भी पहले की तरह जारी रखा जाए। छगन भुजबल ने अपने पत्र में कहा है कि शिव भोजन थाली योजना को बंद करने की बात चल रही है, जो राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि गरीब और जरूरतमंद नागरिकों के लिए शिव भोजन थाली जारी रहे। यह संतोष की बात है कि शिव भोजन थाली पहल के कारण भूखे लोगों को समय पर दो बार भोजन मिलता है। शिव भोजन की 2 लाख दैनिक प्लेटों का वार्षिक व्यय सिर्फ ₹267 करोड़ है। सरकार के दृष्टिकोण से भूखों को भोजन कराने के लिए 267 करोड़ रुपए का खर्च ज़्यादा नहीं है। इसलिए छगन भुजबल ने मांग की है कि राज्य के गरीब और जरूरतमंद नागरिकों के प्रति संवेदना रखते हुए शिव भोजन थाली योजना को फिर से शुरू किया जाए। 

जितेंद्र आव्हाड ने साधा निशाना

इस बीच, एनसीपी (शरद पवार) नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने 'लाडली बहन योजना' के विज्ञापनों पर करोड़ों रुपए खर्च करने और गरीबों और वंचितों के लिए बनाई गई योजनाओं पर खर्च में कटौती करने के लिए सरकार पर निशाना साधा। आव्हाड ने 'एक्स' प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया कि सरकार शिव भोजन थाली को बंद करने की सोच रही है, लेकिन दूसरी ओर, लड़की बहन योजना के प्रचार-प्रसार के लिए 3 करोड़ रुपए और विज्ञापन के लिए स्वीकृत करके खर्च जारी रखा है। आव्हाड ने पूछा कि चुनाव के दौरान यह राशि सभी महिलाओं को कैसे दी गई।

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