Tuesday, May 07, 2024
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NCB की सतर्कता जांच टीम ने समीर वानखेड़े से पूछताछ की, दस्तावेज लिए: DDG ज्ञानेश्वर सिंह

बता दें कि यह जांच क्रूज जहाज पर मादक पदार्थ मिलने के बाद एक आरोपी से कथित वसूली के आरोपों को लेकर की जा रही है।

Atul Bhatia Reported by: Atul Bhatia @atul_bhatia1
Updated on: October 27, 2021 22:54 IST
NCB Vigilance Investigation Team, Sameer Wankhede, Gyaneshwar Singh- India TV Hindi
Image Source : PTI NCB के उत्तरी क्षेत्र के उपमहानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा कि समीर ने पूछताछ में बहुत सारी बातें रखी हैं।

मुंबई: नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के मुंबई क्षेत्र के निदेशक समीर वानखेड़े ने बुधवार को करीब चार घंटे तक विभागीय सतर्कता जांच टीम के समक्ष इस महीने के शुरू में मुंबई तट के नजदीक क्रूज जहाज से मादक पदार्थ की जब्ती के मामले में गिरफ्तार बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को छोड़ने के एवज में वसूली के आरोपों पर अपना बयान दर्ज कराया। इस जांच टीम का नेतृत्व NCB के उपमहानिदेशक (उत्तर क्षेत्र) ज्ञानेश्वर सिंह कर रहे हैं। सिंह ने बताया कि NCB की टीम ने (पश्चिमी) क्षेत्रीय कार्यालय से मामले से जुड़े कुछ अहम दस्तावेज एकत्र किए हैं।

सिंह ने कहा, ‘जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने समीर वानखेड़े से करीब साढ़े चार घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान उन्होंने कई चीजें टीम से साझा की। आने वाले समय में हम उनसे कुछ दस्तावेज प्राप्त करेंगे और जरूरत पड़ी तो हम उनसे और जानकारी लेंगे।’ वानखेड़े का बयान दक्षिण मुंबई के बलार्ड एस्टेट स्थित एनसीबी कार्यालय और बांद्रा उपनगर स्थित सीआरपीएफ के मेस में दर्ज किया गया। जब सिंह से पूछा गया कि क्या वानखेड़े क्रूज जहाज से मादक पदार्थ की जब्ती मामले की जांच जारी रखेंगे तो उन्होंने कहा, ‘जांच आगे होने दीजिए। अगर मुझे कुछ पुख्ता मिलता है तभी मैं अपनी रिपोर्ट अपने डीजी (महानिदेशक) को जमा कर पाऊंगा।’

सिंह ने क्रूज जहाज मादक पदार्थ जब्ती मामले में एनसीबी के फरार गवाह केपी गोसावी, प्रभाकर साईल और अन्य स्वतंत्र गवाहों से भी जांच में शामिल होने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘अगर उन्हें कोई शिकायत है या आरोप है तो वे हमसे संपर्क कर सकते हैं और अपना बयान दर्ज करा सकते हैं।’ NCB के मामले में स्वतंत्र गवाह प्रभाकर साईल ने दावा किया था कि उसने सुना था कि गोसावी फोन पर 25 करोड़ रुपये मांगे जाने की बात कर रहा था जिसमें से ‘8 करोड़ रुपये समीर वानखेड़े को देने की बात थी।’ इस संबंध में सवाल पूछे जाने पर सिंह ने कहा, ‘हम निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच करना चाहते हैं और इसलिए हमने NCB के क्षेत्रीय कार्यालय के बजाय दूसरे स्थान पर रहने का फैसला किया है।’

सिंह ने बांद्रा में CRPF मेस का संदर्भ देते हुए कहा कि यह स्वतंत्र स्थान है और वे (गवाह) बिना भय के टीम से अपनी शिकायत पर चर्चा कर सकते हैं। सिंह ने कहा,‘गोसावी और साईल कल या परसों जांच से जुड़ सकते हैं और जो भी वे चाहे विशेष जांच टीम से साझा कर सकते हैं, वैसे दिन का पहला हिस्सा बेहतर होगा।’ उन्होंने कहा कि NCB ने अपने दक्षिणी पश्चिमी कार्यालय से अहम गवाहों, साईल और गोसावी, को नोटिस जारी करने का अनुरोध किया है। डीडीजी ने कहा, ‘NCB की टीम ने दोनों गवाहों को नोटिस देने की कोशिश की। लेकिन उनमें से एक के घर पर ताला लगा मिला जबकि दूसरे से संपर्क नहीं किया जा सका।’

सिंह ने कहा कि NCB ने साईल और गोसावी को एजेंसी के रिकॉर्ड में दर्ज उनके फोन और आवासीय पते पर संपर्क करने की यथासंभव कोशिश की लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। उन्होंने कहा, ‘मीडिया के माध्यम से मैं उनसे अनुरोध करना चाहता हूं कि वे जहां भी हैं, वे जांच में शामिल होने और कोई सबूत है तो उसे विशेष जांच टीम को देने के लिए स्वतंत्र हैं, जो इस समय बांद्रा में सीआरपीएफ के मेस में रह रही है।’ सिंह, संघीय मादक पदार्थ रोधी एजेंसी के मुख्य सतर्कता अधिकारी (CVO) भी हैं।

NCB ने मामले में स्वतंत्र गवाह प्रभाकर साईल के दावों की सतर्कता जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने दावा किया था कि क्रूज शिप छापेमारी मामले में आरोपी आर्यन खान को छोड़ने के लिए NCB की मुंबई क्षेत्रीय इकाई के निदेशक समीर वानखेड़े सहित एजेंसी के कुछ अधिकारियों ने 25 करोड़ रुपये मांगे थे। क्रूज जहाज पर मादक पदार्थ जब्त करने के मामले की जांच का नेतृत्व कर रहे वानखेड़े मंगलवार को दिल्ली स्थित एनसीबी के मुख्यालय गए थे और वहां पर 2 घंटे का समय बिताया था।

इससे पहले वानखेड़े ने रविवार को मुंबई पुलिस आयुक्त हेमंत नागरले को पत्र लिख कर उनके खिलाफ कुछ अज्ञात लोगों द्वारा संभावित कानूनी कार्रवाई की योजना बनाये जाने से संरक्षण की मांग की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि वे लोग उन्हें फंसाना चाहते हैं। हालांकि, वानखड़े को वसूली संबंधी स्वतंत्र गवाह प्रभाकर सैल द्वारा किये गये सनसनीखेज दावे पर एक हलफनामे के सिलसिले में सोमवार को कोई राहत नहीं मिल पाई थी। एक विशेष अदालत ने कहा है कि वह दस्तावेजों को संज्ञान में लेने से अदालतों को रोकने का आदेश जारी नहीं कर सकती।

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