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शिवसेना नेता की हत्या मामले में खुले कई राज! सूत्रों ने बताया कैसे रची गई घटना की पूरी साजिश

महाराष्ट्र में शिवसेना नेता अभिषेक घोसालकर की हत्या के मामले में आरोपी मोरिस को कैसे पिस्तौल मिली और इस पूरी घटना के पीछे किस तरह से साजिश रची गई, इन सभी सवालों का सूत्रों ने खुलासा किया है। सूत्रों ने बताया है कि इसके लिए बाकायदा प्लानिंग की गई और फिर घटना को अंजाम दिया गया।

Reported By : Suraj Ojha Edited By : Amar Deep Published : Feb 09, 2024 20:07 IST, Updated : Feb 09, 2024 20:07 IST
सूत्रों ने बताया कैसे रची गई घटना की पूरी साजिश।- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO सूत्रों ने बताया कैसे रची गई घटना की पूरी साजिश।

मुंबई: शिवसेना (UBT) नेता अभिषेक घोसालकर की हत्या मामले में पुलिस ने आरोपी मोरिस के बॉडीगार्ड अमरेंद्र मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं अब गिरफ्तार किए गए बॉडीगार्ड अमरेंद्र मिश्रा की पत्नी ने कई खुलासे किए हैं। अमरेंद्र मिश्रा की पत्नी ने बताया है कि उसके पति के साथ धोखाधड़ी की गई है। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि क्राइम ब्रांच ने अभिषेक घोसालकर की हत्या मामले की जांच के दौरान बॉडीगार्ड अमरेंद्र मिश्रा की पत्नी का बयान दर्ज किया। इसी दौरान अमरेंद्र की पत्नी ने आरोपी मोरिस को बंदूक मिलने से लेकर इस हत्या के पीछे बड़ी साजिश रचने तक की बात का खुलासा किया। 

मोरिस ने ऑफिस के लॉकर में रखवाई पिस्तौल

सूत्रों ने बताया कि पिछले साल दिसंबर के महीने में अमरेन्द्र मिश्रा बॉडीगार्ड के तौर पर मोरिस के यहां नौकरी कर रहा था। 18 दिसंबर 2023 को किसी सिक्योरिटी एजेंसी की ओर से अमरेंद्र मिश्रा की मुलाकात मोरिस से हुई थी। इसके बाद अमरेंद्र मिश्रा ने 26 दिसंबर से काम करना शुरू कर दिया था। वहीं चार दिन बाद यानी 31 दिसंबर को अमरेंद्र मिश्रा के उत्तर प्रदेश स्थित गांव में हुई पारिवारिक समस्या के चलते वह अपने गांव चला गया। इसके बाद बॉडीगार्ड अमरेंद्र मिश्रा ने दोबारा 17 जनवरी को ड्यूटी शुरू किया। दोबारा ड्यूटी जॉइन करने के बाद मोरिस ने उससे कहा कि उसे उसकी पिस्तौल उसके ऑफिस के लॉकर में रखनी होगी, जिसकी एक ही चाभी होगी और वो अमरेंद्र मिश्रा के पास ही रहेगी। इसके बाद से अमरेंद्र मिश्रा रोज अपनी पिस्तौल उसके लॉकर में रखता था और उसे लॉक कर चाभी अपने पास रखता था।

मोरिस के पास भी थी डुप्लीकेट चाभी

सूत्रों ने यह भी दावा किया है कि अमरेंद्र मिश्रा इस बात से अनजान था कि मोरिस के पास उस लॉकर की एक डुप्लीकेट चाभी भी थी। घटना वाले दिन आरोपी मोरिस से ही जुड़े मेहूल पारेख नाम के एक शख्स के करीबी की मां की तबियत खराब हो गई। उस दिन मोरिस ने अमरेंद्र मिश्रा को बुलाया और उसे मेहूल पारेख की मां को देखने अस्पताल भेज दिया था। इसके बाद जब फेसबूक लाइव चल रहा था उस समय मोरिस ने डुप्लीकेट चाभी से लॉकर खोला और अमरेंद्र मिश्रा की पिस्तौल निकली और उसी से अभिषेक को मौत के घाट उतार दिया।

ये है पूरा मामला

मुंबई के दहिसर इलाके में गुरुवार की देर शाम उद्धव ठाकरे गुट के नेता अभिषेक घोसालकर पर फायरिंग हुई है। उन्हें तीन गोलियां लगी हैं। मॉरिस भाई नाम के शख्स पर गोली मारने का आरोप लगा है। आरोपी ने घोसलकर पर 3 गोलियां चलाई और इसके बाद खुद भी गोली मारकर खुदकुशी कर ली।

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