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कृषि मंत्रालय ने बैंकों से कहा किसानों को समय पर दे कर्ज, मंजूरी प्रक्रिया को बनाया आसान

कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने बैंकों से कहा कि वह किसानों को समय पर ऋण उपलब्ध कराने के लिए मंजूरी प्रक्रिया को आसान बनाएं।

Sachin Chaturvedi Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published on: July 12, 2016 22:16 IST
कृषि मंत्रालय ने बैंकों से कहा किसानों को समय पर दे कर्ज, मंजूरी प्रक्रिया को बनाया आसान- India TV Paisa
कृषि मंत्रालय ने बैंकों से कहा किसानों को समय पर दे कर्ज, मंजूरी प्रक्रिया को बनाया आसान

नई दिल्ली। कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने बैंकों से कहा कि वह किसानों को समय पर ऋण उपलब्ध कराने के लिए मंजूरी प्रक्रिया को आसान बनाएं। उन्होंने फसल ऋण उपलब्ध कराने में होने वाली देरी की समस्या को दूर करने पर जोर दिया। उन्होंने बैंकों से यह भी कहा कि जरूरी दस्तावेजों का मानकीकरण कर और इसे जन धन, आधार और मोबाइल बैंकिंग सुविधा से जोड़ कर वे परेशानी मुक्त ऋण सुविधा उपलब्ध कराएं।

सरकार ने चालू वित्तवर्ष के लिए नौ लाख करोड़ रुपए का कृषि ऋण लक्ष्य तय किया है जो कि वर्ष 2015-16 में 8.5 लाख करोड़ रुपए रखा गया था। सरकारी योजना के तहत बैंक एक साल के लिए अल्पावधि फसल ऋण सात फीसदी की रियायती ब्याज दर पर उपलब्ध करा रहे हैं। इसके साथ ही जो किसान समय पर कर्ज की वापसी करते हैं उन्हें तीन फीसदी की अतिरिक्त ब्याज सहायता दी जाती है। यहां नाबार्ड के एक आयोजन में सिंह ने कहा कि किसानों के फसल ऋण के वितरण में कोई देर नहीं होनी चाहिए। बैंकों को मंजूरी की प्रक्रिया में तेजी लानी चाहिए ताकि किसान निजी साहुकारों के चंगुल में आने से बच सकें।

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वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के बारे में सिंह ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस लक्ष्य की घोषणा की तो उनमें कईयों को आश्चर्य हुआ और वे आशंकित थे कि क्या इस लक्ष्य को पांच वर्ष की अवधि में हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा, यह मुश्किल है, पर हासिल करना असंभव भी नहीं है। अगर हम कोशिश करें और साथ मिलकर काम करें तो इसे हासिल किया जा सकता है। कुछ लोगों को लगता है कि किसानों की आय बढ़ाने का मतलब न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को बढ़ाना होगा लेकिन एमएसपी बस एक पहलू है।

एमएसपी के अलावा मोदी सरकार बुनियादी मुद्दों पर गौर कर रही है जिसमें उत्पादकता बढ़ाना शामिल है जो न केवल भूमि की बल्कि पानी, उर्वरक और कृषि कार्य के अन्य लागतों के संदर्भ में है। उन्होंने कहा कि सभी योजनाओं की इन सब बातों को ध्यान में रखकर घोषणा की गई है। मंत्री ने कहा कि जब उत्पादन की लागत कम होगी और उत्पादकता के स्तर में सुधार होगा तो किसानों की आय बढ़ेगी। किसानों की आय को बढ़ाने के लिए सरकार केवल खेती पर ध्यान नहीं दे रही है बल्कि डेयरी, पॉल्ट्री और मत्स्यपालन जैसे सहायक क्षेत्रों पर भी ध्यान दे रही है।

किसानों को बैंक ऋण में तेजी लाने के लिये मंत्री ने कहा कि ज्यादातर राज्यों ने भूमि रिकार्ड का डिजिटलीकरण कर दिया है। इसके अलावा ऑनलाइन गिरवी (मोर्गेज) की सुविधा भी शुरु की जा रही है। उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए एक समिति बनाई गई है जो कि इसके लिये रणनीति तैयार करेगी। उन्होंने कहा कि इसके नाबार्ड भी कार्यक्रम और उत्पादों को तैयार करेगा ताकि किसानों की आय दोगुनी की जा सके।

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