नई दिल्ली। भारतीय अर्थव्यवस्था में चक्रीय सुधार दिखने की उम्मीद है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि निवेश और उपभोग में सुधार से इस साल की पहली छमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की औसत वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहेगी। जापान की वित्तीय सेवा क्षेत्र की कंपनी नोमूरा के अनुसार शुद्ध निर्यात की स्थिति खराब होने के बीच निवेश और उपभोग मांग में बढ़ोतरी से मुख्य रूप से वृद्धि दर को रफ्तार मिलेगी। नोमूरा के शोध नोट में कहा गया है कि हमारी प्रमुख संकेतकों से चक्रीय सुधार का पता चलता है, जिसकी शुरुआत 2017 की दूसरी छमाही से हुई है। 2018 की पहली छमाही में भी यह स्थिति जारी रहेगी।
नोमुरा के नोट में कहा गया है कि हमारा अनुमान है कि 2018 की पहली छमाही में जीडीपी की औसत वृद्धि सालाना आधार पर 7.8 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी, जो अक्तूबर-दिसंबर, 2017 में 7.2 प्रतिशत रही है।
रिपोर्ट में हालांकि कहा गया है कि कच्चे तेल के बढ़ते दाम, सख्त वित्तीय स्थिति और चुनाव से पहले निवेश गतिविधियों में सुस्ती से साल की दूसरी छमाही में वृद्धि दर नीचे आने लगेगी और यह 2018 की चौथी तिमाही के हमारे 6.9 प्रतिशत की वृद्धि दर के आसपास रहेगी।
इस बीच, भारतीय रिजर्व बैंक का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 2017-18 के 6.6 प्रतिशत से बढ़कर 7.4 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी।