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मोदी सरकार का बड़ा ऐलान, खुदरा और थोक व्‍यापारियों को मिलेगा MSME का दर्जा

सरकार के इस फैसले से 2.5 करोड़ से अधिक व्यापारियों को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार एमएसएमई (MSME) को देश के इकोनॉमिक ग्रोथ का इंजन बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: July 03, 2021 8:03 IST
Modi govt big announcement Retail and wholesale trade now include in MSME- India TV Paisa
Photo:INDIA TV

Modi govt big announcement Retail and wholesale trade now include in MSME

नई दिल्‍ली। कोरोना वायरस महामारी की वजह से देश के खुदरा और थोक व्‍यापारियों को हुए नुकसान से उबारने के लिए केंद्र सरकार ने शुक्रवार को बड़ा ऐलान किया। केंद्र सरकार ने अब देश के खुदरा और थोक व्‍यापारियों को भी सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम में शामिल करने का फैसला किया है। एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण आई दिक़्क़तों से खुदरा और थोक व्यापारियों पर पड़े असर को ध्यान में रखते हुए अब इसे MSME के दायरे में लाने का फ़ैसला किया गया है।

गडकरी ने कहा कि प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग के अंतर्गत इस सेक्टर को लाकर आर्थिक सहायता पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। अब खुदरा और थोक व्यापारी भी उद्यम रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे। इससे उन्‍हें आरबीआई के दिशा-निर्देशों के तहत बैंकों से प्राथमिक क्षेत्र से सस्‍ता ऋण मिलना सुनिश्चित होगा। सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्यम मंत्रालय ने खुदरा और थोक व्‍यापार को एमएसएमई में शामिल करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। सरकार के इस फैसले से 2.5 करोड़ से अधिक व्यापारियों को इसका लाभ मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि मोदी सरकार एमएसएमई (MSME) को देश के इकोनॉमिक ग्रोथ का इंजन बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

खुदरा तथा थोक व्यापार को सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) के दायरे में लाने के सरकार के फैसले को उद्योग संगठनों ने ‘ऐतिहासिक’ करार दिया है। उसका कहना है कि इससे खुदरा और थोक व्यापार को भी बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों से प्राथमिकता प्राप्त श्रेणी में ऋण उपलब्ध हो सकेगा। उद्योग संगठनों ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताते हुए कहा कि इससे महामारी की वजह से मुश्किलों का सामना कर रहे कारोबारी क्षेत्र को राहत मिलेगी।

रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) ने कहा कि इससे खुदरा सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) को अपने बचाव, पुनरुद्धार तथा आगे बढ़ने के लिए जरूरी समर्थन मिल सकेगा। आरएआई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) कुमार राजगोपालन ने कहा कि इस ऐतिहासिक फैसले का क्षेत्र पर संरचनात्मक असर पड़ेगा। इससे क्षेत्र को बेहतर वित्त विकल्प उपलब्ध हो सकेंगे जिससे यह संगठित हो सकेगा।

कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा कि इस फैसले के बाद व्यापारी एमएसएमई की श्रेणी में आएंगे और उन्हें बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों से प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के तहत कर्ज जुटाने में मदद मिलेगी। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया तथा महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि इसके अलावा व्यापारियों को विभिन्न अन्य सरकारी योजनाओं के लाभ मिल सकेंगे, जो एमएसएमई श्रेणी को मिलते रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे महामारी से प्रभावित व्यापारी बैंकों से आवश्यक धन जुटाकर अपने कारोबार को बहाल कर सकेंगे।

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