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RIL ने Urban Ladder में खरीदी 96 प्रतिशत हिस्‍सेदारी, 182 करोड़ रुपये में हुआ सौदा

अर्बन लैडर की स्थापना आशीष गोयल (सीईओ) और राजीव श्रीवत्स (सीओओ) ने जुलाई 2012 में की थी। आठ साल पुरानी स्टार्टअप कंपनी होम फर्नीचर और डेकोर प्रोडक्ट्स की बिक्री डिजिटल प्लेटफॉर्म पर करती है।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: November 16, 2020 8:15 IST
देश के सबसे अमीर व्‍यक्ति मुकेश अंबानी रिलायंस इंडस्‍ट्रीज के सर्वेसर्वा हैं। (चित्र प्रतीकात्‍मक)- India TV Paisa
Photo:FILE PHOTO

देश के सबसे अमीर व्‍यक्ति मुकेश अंबानी रिलायंस इंडस्‍ट्रीज के सर्वेसर्वा हैं। (चित्र प्रतीकात्‍मक)

नई दिल्‍ली। अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी के नेतृत्‍व वाले रिलायंस इंडस्‍ट्रीज लिमिटेड की रिटेल इकाई रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) ने ऑनलाइन फर्नीचर रिटेलर अर्बन लैडर का अधिग्रहण करने की घोषणा की है। आरआईएल ने 182 करोड़ रुपये में अर्बन लैडर की 96 प्रतिशत हिस्‍सेदारी खरीदी है। आरआईएल ने एक बयान में कहा कि उसने अर्बन लैडर होम डेकोर सॉल्‍यूशंस प्रा. लि. के इक्विटी शेयरों को नगद 182.12 करोड़ रुपये में खरीदने का सौदा किया है।  

रिलायंस इंडस्ट्रीज की सब्सिडियरी रिलायंस रिटेल वेंचर्स के पास अर्बन लैडर में बाकी की हिस्सेदारी खरीदने का भी विकल्प मौजूद है। रिलायंस रिटेल ने एक बयान में कहा है कि दिसंबर 2023 तक 75 करोड़ रुपये के निवेश से बाकी बची हुई हिस्सेदारी भी खरीदेगी। इससे कंपनी को अर्बन लैडर की 100 प्रतिशत शेयर होल्डिंग मिल जाएगी।

अर्बन लैडर की स्‍थापना आशीष गोयल (सीईओ) और राजीव श्रीवत्‍स (सीओओ) ने जुलाई 2012 में की थी। आठ साल पुरानी स्टार्टअप कंपनी होम फर्नीचर और डेकोर प्रोडक्ट्स की बिक्री डिजिटल प्लेटफॉर्म पर करती है। इसके अलावा अर्बन लैडर के भारत में कई शहरों में रिटेल स्टोर भी हैं। 2014 में टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा ने भी अर्बन लैडर में निवेश किया था। साल 2018 में ऑनलाइन फर्नीचर रिटेलर अर्बन लैडर की वैल्यू 1200 करोड़ रुपये आंकी गई थी, जो साल 2019 में गिरकर 750 करोड़ रुपये हो गई। स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग के मुताबिक, 2018-19 में अर्बन लैडर का टर्नओवर 434 करोड़ रुपये था। इस साल कंपनी को 49.41 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ।

इस अधिग्रहण से आरआईएल को तेजी से विकसित होते ई-कॉमर्स सेगमेंट में अपनी उपस्थिति मजबूत बनाने और अपने कंज्‍यूमर प्रोडक्‍ट्स पोर्टफोलियो में विस्‍तार करने में मदद मिलेगी। आरआईएल के मुताबिक इस सौदे के लिए उसे कोई सरकारी या नियामकीय मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी।

इससे पहले अगस्‍त में आरआईएल ने डिजिटल फार्मा मार्केटप्‍लेस नेटमेउ्स को 620 करोड़ रुपए में खरीदा था। आरआरवीएल ने पिछले दो महीने में अपनी हिस्‍सेदारी बिक्री के जरिये 47,265 करोड़ रुपए की राशि जुटाई है। देश में ई-कॉमर्स बाजार तेजी से आगे बढ़ रहा है और 2024 तक इसके 86 अरब डॉलर का होने का अनुमान है।

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