
श्रम और रोजगार मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि उसने गिग वर्कर्स (ठेके, कॉन्ट्रैक्ट) और मंच श्रमिकों से ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण करने का आग्रह किया है। मंत्रालय ने कहा कि ऐसा करने से उन्हें औपचारिक मान्यता मिलेगी और वे आयुष्मान भारत योजना के लाभों को पा सकेंगे। श्रम मंत्री ने एक बयान में कहा कि गिग और मंच अर्थव्यवस्था का विस्तार हो रहा है। आपको बता दें कि गिग वर्कर्स उन श्रमिकों को कहा जाता है जो अस्थायी या फ्रीलांस नौकरियों के आधार पर काम करते हैं। ये श्रमिक आमतौर पर अनुबंध या प्रोजेक्ट के आधार पर काम करते हैं और उन्हें नियमित वेतन या कर्मचारी लाभ (जैसे पीएफ, बीमा आदि) नहीं मिलता। इसके तहत किराये की टैक्सी सेवा, सामान की आपूर्ति, लॉजिस्टिक और पेशेवर सेवाओं जैसे क्षेत्रों में नई नौकरियां मिलती हैं।
एक करोड़ से अधिक श्रमिकों को रोजगार
नीति आयोग का अनुमान है कि भारत में गिग अर्थव्यवस्था 2024-25 में एक करोड़ से अधिक श्रमिकों को रोजगार देगी। इसके बाद 2029-30 तक यह आंकड़ा 2.35 करोड़ तक पहुंच जाएगा। देश की अर्थव्यवस्था में गिग और मंच श्रमिकों के योगदान को मान्यता देते हुए, आम बजट 2025-26 में ई-श्रम पोर्टल पर ऑनलाइन मंच श्रमिकों के पंजीकरण, पहचान पत्र जारी करने और आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के तहत स्वास्थ्य सेवाएं देने की घोषणा की गई है।
मंत्रालय जल्द ही योजना शुरू करेगा
इन बजट प्रावधानों को लागू करने के लिए श्रम और रोजगार मंत्रालय जल्द ही योजना शुरू करेगा। बयान में कहा गया है कि पहले कदम के रूप में मंत्रालय ने मंच श्रमिकों से ई-श्रम पोर्टल पर खुद को पंजीकृत करने का अनुरोध किया है, ताकि उन्हें जल्द से जल्द योजना के तहत लाभ दिए जा सकें।