Monday, April 29, 2024
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NBFC की मनमानी पर RBI ने की टेढ़ी नजर, डिप्टी गवर्नर ने एक्शन को लेकर कही ये बात

दिलचस्प बात है कि यह टिप्पणी बजाज फिनसर्व के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक संजीव बजाज के भाषण के ठीक बाद आई। बजाज ने अपने भाषण में कहा था कि कम से कम कुछ एनबीएफसी के लिए बैंक लाइसेंस के बारे में क्यों नहीं सोचना चाहिए, खासतौर से उनके बारे में जिन्होंने 10 साल पूरे कर लिए हैं और अनुपालन आवश्यकताओं को पूरा किया है।

Alok Kumar Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: February 09, 2024 18:02 IST
NBFC- India TV Paisa
Photo:FILE एनबीएफसी

गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की ओर से की जा रही मनमानी पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की टेढ़ी नजर है। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने शुक्रवार को कहा कि छोटी राशि के कर्ज देने वाले एनबीएफसी को नियामक ने उन्हें ब्याज दरों पर जो आजादी दी है, वे उसका दुरुपयोग करके अधिक ब्याज वसूलते हैं। उन्होंने सीधे ऋण देने वाले मंचों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उनकी कुछ व्यावसायिक गतिविधियां लाइसेंसिंग दिशानिर्देशों के अनुरूप नहीं हैं, और यह स्पष्ट किया कि ऐसे उल्लंघन स्वीकार्य नहीं हैं। आपको बता दें कि ज्यादातर एनबीएफसी कस्टमर से काफी महंगा ब्याज वसूलते हैं। इस चक्कर में बहुत सारे लोग कर्ज के जाल में फंस जो हैं। 

बैंक लाइसेंस मांगना सही नहीं 

भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने शुक्रवार को कहा कि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए बैंक लाइसेंस मांगना अस्वाभाविक है। राव ने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि एनबीएफसी को पहले ही कुछ नियामकीय लाभ हासिल हैं। उद्योग मंडल सीआईआई के एक कार्यक्रम में राव एनबीएफसी से बैंकों में परिवर्तित होने की मांग के बारे में भी बात की और कहा कि एनबीएफसी को कुछ फायदे मिलते हैं। राव ने कहा, एनबीएफसी कुछ खास आर्थिक कार्य करने वाली विशिष्ट कंपनियों के रूप में विकसित हुई हैं और बैंक जैसा बनने की मांग करना उनके लिए अस्वाभाविक है। 

बजाज फिनसर्व के चेयरमैन ने मांग रखी 

दिलचस्प बात है कि यह टिप्पणी बजाज फिनसर्व के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक संजीव बजाज के भाषण के ठीक बाद आई। बजाज ने अपने भाषण में कहा था कि कम से कम कुछ एनबीएफसी के लिए बैंक लाइसेंस के बारे में क्यों नहीं सोचना चाहिए, खासतौर से उनके बारे में जिन्होंने 10 साल पूरे कर लिए हैं और अनुपालन आवश्यकताओं को पूरा किया है। इस पर राव ने कहा कि नियामक ने कुछ साल पहले सार्वभौमिक बैंक लाइसेंस के लिए आवेदन मांगे थे, लेकिन किसी भी इकाई को इसके लिए मंजूरी नहीं मिली। उन्होंने कहा कि आरबीआई अधिक संख्या में एनबीएफसी को जमा स्वीकार करने की अनुमति देने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने बताया कि एक भी नया लाइसेंस नहीं दिया गया है और जमा स्वीकार करने वाली एनबीएफसी की संख्या 200 से कम होकर अब केवल 26 रह गई है। 

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