देश की छह प्रमुख घरेलू एयरलाइनों में कुल 13,989 पायलट सेवाएं दे रहे हैं। इनमें एयर इंडिया और उसकी लो-कॉस्ट सहायक इकाई एयर इंडिया एक्सप्रेस के पास क्रमशः 6,350 और 1,592 पायलट हैं, जबकि इंडिगो में 5,085 पायलट तैनात हैं। यह जानकारी बीते सोमवार को संसद में प्रस्तुत की गई। पीटीआई की खबर के मुताबिक, राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने बताया कि अकासा एयर में 466, स्पाइसजेट में 385, और सरकारी एयरलाइन अलायंस एयर में 111 पायलट वर्तमान में कार्यरत हैं।
विदेशी पायलटों की नियुक्ति पर कही ये बात
खबर के मुताबिक, मंत्री ने कहा कि योग्य पायलटों की रोजगार स्थिति पूरी तरह बाजार की मांग और आपूर्ति पर निर्भर करती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विदेशी पायलटों की नियुक्ति मुख्य रूप से बेड़े के विस्तार, और विशिष्ट प्रकार के टाइप-रेटेड पायलटों की तत्काल आवश्यकता के कारण की जाती है। मोहोल के अनुसार, देश के फ्लाइंग ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशंस (एफटीओ) लगातार अपने प्रशिक्षण बेड़े का आधुनिकीकरण कर रहे हैं और नए ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट शामिल कर रहे हैं।
फ्लाइंग ट्रेनिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का आधुनिकीकरण
नागरिक उड्डयन मंत्रालय घरेलू उड़ान प्रशिक्षण के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर भी ध्यान दे रहा है:
- एफटीओ का विस्तार: नवंबर 2025 तक भारत में 40 फ्लाइंग ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशंस (एफटीओ) हैं, जो 62 बेस से संचालित होते हैं।
- नए विमान: DGCA ने नवंबर तक एफटीओ द्वारा 61 प्रशिक्षण विमानों के इंडक्शन को मंजूरी दी है, और 2025 में दो नए FTOs को भी स्वीकृति दी गई है।
- आधुनिकीकरण: एफटीओ लगातार अपने प्रशिक्षण विमान बेड़े को आधुनिक बना रहे हैं। हालाँकि, मंत्री ने स्पष्ट किया कि प्रशिक्षण इन्फ्रास्ट्रक्चर का आधुनिकीकरण एफटीओ के व्यावसायिक निर्णयों पर निर्भर करता है और मंत्रालय का इसमें कोई सीधा हस्तक्षेप नहीं है।
प्रशिक्षण और सुरक्षा मानकों का विनियमन
मंत्री ने यह भी कहा कि फ्लाइंग-ट्रेनिंग अवसंरचना का आधुनिकीकरण पूरी तरह बाजार-आधारित निर्णय है, और इसमें नागरिक उड्डयन मंत्रालय की कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं है। उन्होंने बताया कि आईसीएओ (अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन) के सदस्य राष्ट्र के रूप में DGCA अपने प्रशिक्षण और नियामकीय ढांचे को आईसीएओ की स्टैंडर्ड्स एंड रिकमेंडेड प्रैक्टिसेज के मुताबिक बनाए रखता है। DGCA, अपने मजबूत नियामकीय ढांचे के तहत, एफटीओ की प्रशिक्षण गुणवत्ता और क्षमता का नियमित मूल्यांकन करता है। वार्षिक निगरानी योजना के अनुसार सुरक्षा मानकों की लगातार समीक्षा की जाती है, जबकि आवश्यकता पड़ने पर विशेष सुरक्षा ऑडिट और स्पॉट चेक भी किए जाते हैं।






































