Thursday, December 12, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. जब बजट भाषण पढ़ते-पढ़ते शायर बन गए वित्त मंत्री, जानिए शायरियों से जुड़े रोचक किस्से

जब बजट भाषण पढ़ते-पढ़ते शायर बन गए वित्त मंत्री, जानिए शायरियों से जुड़े रोचक किस्से

बजट का जिक्र आते ही वित्त मंत्रियों के लम्बे-चौड़े और उबाऊ बजट भाषण दिमाग में तैरने लगते हैं, लेकिन कई बार वित्त मंत्री बजट भाषण पढ़ते-पढ़ते शायर बनकर शायरियां भी पढ़ने लगते हैं। ये शायरियां बजट भाषण से ज्यादा चर्चा में रहती हैं।

Written By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Published : Feb 01, 2023 14:37 IST, Updated : Feb 01, 2023 15:02 IST
Nirmala Sitharaman- India TV Paisa
Photo:FILE निर्मला सीतारमण

नई दिल्ली: वैसे तो फरवरी का महीना साल का सबसे छोटा महीना होता है, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था के लिहाज से यह महीना बेहद ही महत्वपूर्ण होता है। इस महीने में सरकार अगले वित्त वर्ष के लिए वार्षिक बजट पेश करती है। बजट लोकसभा में पेश किया जाता है और इस दौरान वित्त मंत्री बहुत ही लंबा चौड़ा बजट भाषण पढ़ती हैं। कई बार यह भाषण 2 घटें से भी ज्यादा तक पढ़ा जाता है। वैसे तो बजट भाषण अर्थव्यवस्था का खेल होता है लेकिन सैकड़ों पन्नों के बीच में चंद शायरियां सभी का ध्यान खींच लेती हैं। इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे बजट भाषण के बारे में बताएंगे जब वित्त मंत्रियों ने बजट पेश करते-करते शायर बनकर सदन का माहौल शायराना कर दिया।

मनमोहन सिंह ने कविता के साथ खत्म किया था बजट भाषण 

देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की गिनती दुनिया के अच्छे अर्थशास्त्रियों में की जाती है। उन्होंने प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के कार्यकाल में साल 1991-92 में बतौर वित्त मंत्री बजट पेश किया था उस दौरान डॉ. मनमोहन सिंह ने बजट पेश करने के दौरान एक शेर के जरिए भारत की एतिहासिकता और किसी भी परिस्थति का डटकर मुकाबला करने की भावना को बताया था। उन्होंने कहा, "यूनान-ओ-मिस्र-ओ-रोमा सब मिट गए जहां से, अब तक मगर है बाकी नामोनिशान हमारा।" इसके साथ ही उन्होंने अपने बजट भाषण को बिस्मिल अज़ीमाबादी की कविता के साथ किया। उन्होंने कहा, "सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है।"

यशवंत सिन्हा भी बन गए थे शायर 

साल 2001 के दौरान केंद्र में NDA की सरकार थी। अटल बिहारी वाजयेपी की सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा को उनके कई फैसलों क एलिए आज भी जाना जाता है। वित्त वर्ष 2001-02 का बजट पेश करते हुए उन्होंने अपनी बात समझाने के लिए एक शेर का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा, "तकाजा है वक्त का की तूफान से जूझो, कहां तक चलोगे किनारे-किनारे।"

ममता बनर्जी ने रेल बजट पेश करते हुए पढ़ी शायरी

मनमोहन सिंह की सरकार तक देश में दो बजट पेश किये जाते थे। एक रेल बजट और एक आम बजट। साल 2011-12 का रेल बजट पेश करने के दौरान तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी की एक शायरी आज भी याद की जाती है। दरअसल उन्होंने तत्कालीन विपक्ष पर हमला बोलते हुए अकबर इलाहाबादी का मशहूर शेर, "हम आह भी भरते हैं तो हो जाते हैं बदनाम, वो कत्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होता" पढ़कर चर्चा बटोरी थी।

अरुण जेटली के बजट भाषण में शायरी होती थी मैनडेटरी

पूर्व वित्त मंत्री स्व. अरुण जेटली के बोलने के अंदाज का हर कोई कायल था। वे कड़ी से कड़ी बात भी कुछ ऐसे अंदाज में कहते थे कि मानों कोई प्यार भरी बात कर रहे हों। भले ही वे भारतीय जनता पार्टी के नेता थे लेकिन कहा जाता है कि उनकी दोस्ती सभी पार्टियों के नेताओं से थी, लेकिन सदन में जब अपने विरोधियों पर हमला बोलने की बात आती थी तो वे अक्सर शायरियों और नज्मों का इस्तेमाल करते थे। साल 2016 के बजट के दौरान अरूण जेटली ने अपने बजट भाषण में एक उर्दू नज्म पढ़ी थी। उन्होंने कहा था - ‘कश्ती चलाने वालों ने जब हार कर दी पतवार हमें, लहर लहर तूफान मिलें और मौज-मौज मझधार हमें, फिर भी दिखाया है हमने और फिर ये दिखा देंगे सबको, इन हालातों में आता है दरिया करना पार हमें।’

5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी को शायरी के जरिए किया पेश 

बतौर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2019 में मोदी सरकार 2.0 का और अपना पहला बजट पेश किया। इस बजट भाषण में उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर बनाने की बात कही। इस विशाल को लक्ष्य को केन्द्रित करने के लिए उन्होंने उर्दू लेखिका मंजूर हाशमी की लाइनें पढ़ी। उन्होंने कहा, "यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट भी ले कर चिराग जलता है।"  

ये भी पढ़ें - 

जब बजट भाषण पढ़ते-पढ़ते वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की बिगड़ गई तबियत, जानिए पूरा किस्सा

बजट पर चर्चा करने के लिए देशव्यापी अभियान चलाएगी बीजेपी, जेपी नड्डा ने किया कमेटी का गठन

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement